सोरायसिस और रूखी स्किन
कारण
- फैमिली के हिस्ट्री
- वायरल ( viral ) / बैक्टीरियल ( bacterial ) इनफ़ेक्शन
- तनाव
- मोटापा
- दबा बीमारी प्रतिरोधक योग्यता
- चिंता ( anxiety ) रिलेटिव डिसऑर्डर
लक्षण
- स्किन के लाल धब्बे
- खारिश
- स्किन में दाह या पीड़ा होना
- जॉइंट्स का पीड़ा
- अस्थियों में अकड़न
- किनारों से स्किन का कसाव
Name | केरल आयुर्वेद ( ayurveda ) पवन तेल (200ml) |
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Brand | केरल आयुर्वेद ( ayurveda ) |
MRP | ₹ 460 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), तैलम और घृत |
Sizes | 200 |
Prescription Required | No |
Length | 0 सेंटिमीटर |
Width | 0 सेंटिमीटर |
Height | 0 सेंटिमीटर |
Weight | 0 ग्राम |
Diseases | सोरायसिस और रूखी स्किन |
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पवन तेल के बारे में
पवन तेल सुखद सुगंधित कायाकल्प तेल है जो नद्यपान, इंडियन जिनसेंग, इंडियन सरसपैरिला, हल्दी, और और के साथ जड़ी-बूटियों के सहक्रियात्मक मिश्रण ( mixture ) से बना है। यह वात त्रुटि को बैलेंस्ड करने में सहायता करता है, जोश और जीवन शक्ति में इम्प्रूवमेंट करता है। तिल के तेल के बुनियाद में बनाया गया, पवन तेल ताज़ा हल्का, पौष्टिक तेल है और यह नेचुरल रूप से नरम और चमकदार स्किन को पीछे छोड़ते हुए सूखा, सेंसिटिव या परतदार स्किन को मॉइस्चराइज़ करने में सहायता करता है। पवन तेल स्किन के प्रकारों द्वारा सावधानी से चुने गए स्पेसिफिक प्रामाणिक आयुर्वेदिक का इस्तेमाल करके तैयार किया जाता है। जड़ी बूटियों, बहुत प्रशंसित फायदा देने के लिए।
पवन तेल के इशारा
- सूखा को मॉइस्चराइज करने में सहायता करता है
- सेंसिटिव या परतदार स्किन में लाभदायक
- नेचुरल रूप से कोमल और चमकदार स्किन प्रोवाइड करें।
पवन तेल की मटेरियल
- नद्यपान
- इंडियन जिनसेंग
- इंडियन सरसपैरिला,
- हल्दी और और नेचुरल सामग्री।
पवन तेल की डोज़
पित्त रक्त विकृतियों, पीड़ादायक परिस्थितियों में या आयुर्वेदिक चिकित्सक के निर्देशानुसार मालिश की जानी चाहिए।
पवन तेल की सतर्कता
- केवल बाहरी इस्तेमाल के लिए
- शिशुओं की पहुंच से दूर रखें।
- औषधि की ज्यादा डोज़ न लें।
- स्व-औषधि की सिफारिश नहीं की जाती है।
- सूखी और ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।
- हर इस्तेमाल के बाद औषधि की टोपी को कसकर बंद कर दें।
- औषधि को मूल पैकेज और पात्र ( container ) में रखें।