Nagarjun Jambubeej Ghanvati (60tab)

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Nagarjun Jambubeej Ghanvati (60tab)

मुंहासे और फुंसियां

कारण

  • यौवन/किशोरावस्था के दौरान हार्मोनल ( hormonal ) परिवर्तन
  • ऑयली स्किन या चेहरे पर सीबम का ज्यादा डिस्चार्ज होना
  • बहुत भावनात्मक तनाव
  • प्रदूषण के कांटेक्ट में
  • माहवार धर्म के दौरान हर माह
  • उष्ण और आर्द्र जलवायु
  • मुहांसों को निचोड़ना

लक्षण

  • चेहरे पर मुंहासे, गाल, गर्दन ( neck ), शोल्डर, पीठ ( back ),
  • स्किन बीमारी जिसके फलतः व्हाइटहेड्स, ब्लैकहेड्स, पिंपल्स, सिस्ट नोड्यूल्स
  • पीड़ा और मवाद के साथ लाल अल्सर
  • ऑयली और ऑयली स्किन

डायबिटीज

कारण

  • डायबिटीज का पारिवारिक हिस्ट्री
  • ज्यादा भार या मोटापा
  • अग्नाशयशोथ
  • आनुवंशिक कारक
  • पॉलीसिस्टिक अंडाशय बिमारियों वाली स्त्रियों में हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन )

लक्षण

  • बढ़ी हुई भूख और तृष्णा
  • मूत्र करने की बेकाबू चाह
  • थकान और धुंधली नजर
  • टांगों या हाथों में सुन्नपन / सनसनाहट
  • थकान और निर्बलता
  • ज़ख्म जो सरलता से नहीं भरते

रक्त की अभाव

कारण

  • आयरन की पुष्टिकारक तत्वों की अभाव
  • आयरन का बुरा समावेश
  • वजनी औषधि पर आदमी
  • माहवार धर्म और बहुत ब्लीडिंग डिसऑर्डर
  • खून की कमी का पारिवारिक हिस्ट्री

लक्षण

  • निर्बलता और सुस्ती महसूस होना
  • हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) का निम्न स्तर
  • भूख में अभाव
  • बालों ( hair ) का झड़ना
  • पीलापन और भंगुर नाखून ( nails )
  • सरलता से थक जाता है
  • सहनशक्ति की अभाव
  • अनियमित ( irregular ) हृदय की हार्टबीट के साथ सरदर्द

NameNagarjun Jambubeej Ghanvati (60tab)
BrandNagarjun
MRP₹ 110
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), वटी, गुटिका और गुग्गुलु
Sizes60tab, 1200टैब
Prescription RequiredNo
Length3.5 सेंटिमीटर
Width3.5 सेंटिमीटर
Height5.5 सेंटिमीटर
Weight30 ग्राम
Diseasesमुंहासे और फुंसियां, डायबिटीज, रक्त की अभाव

 

About Jamun Guthali Churna

ब्लैक प्लम, जिसे आमतौर पर 'जामुन' फल के रूप में जाना जाता है, दिखने में छोटा होता है लेकिन चमत्कार कर सकता है। हम में से बहुत से लोग जामुन के फायदों से अनजान हैं। यह जून से अगस्त के महीनों ( कई माह ) के दौरान उपलब्ध है, और यह Myrtaceae फैमिली से रिलेटेड है। फल बैंगनी कलर का होता है और इसका स्वाद ( taste ) एक पृथक कड़वा-मीठा होता है।

Ingredients of Jamun Guthali Churna

  • जामुन - जहां जामुन नित्य डायबिटीज से लड़ने में अव्वल रहा है, वहीं माना जाता है कि इसके बीज भी कम नहीं हैं। जामुन एक सदाबहार उष्णकटिबंधीय पेड़ है जो फूल वाले पौधे फैमिली, मायर्टेसी में है, जो भारत, बांग्लादेश और इंडोनेशिया का मूल निवासी है। जामुन के बीज आयुर्वेद ( ayurveda ), यूनानी और शुगर ट्रीटमेंट ( treatment ) जैसे भिन्न-भिन्न अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट ( treatment ) प्रणालियों में स्पेशल रूप से हाज़मा बिमारियों के लिए इस्तेमाल किए जाने के लिए जाने जाते हैं। इसके अतिरिक्त, वे डायबिटीज का मुकाबला करने के लिए जाने जाते हैं और सेहत स्पेशलिस्ट ( speciality ) स्थिति के प्रबंधन के एक भाग के रूप में इनका सेवन करने का सजेशन ( suggestion ) देते हैं

Indications of Jamun Guthali Churna

यह डायबिटीज से दुःखित व्यक्तियों के लिए बेहद लाभदायक है क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो शुगर और स्टार्च को एनर्जी में बदलना निश्चित रूप से करता है, जिससे ब्लड ग्लूकोज का स्तर कम होता है।

यह आयरन से ज्यादा होता है

यह एक शानदार नेचुरल ब्लड शोधक है जो ऑक्सीजन ( oxygen ) युक्त ब्लड की आपूर्ति निश्चित रूप से करता है।

इसमें विटामिन ( vitamin ) ए और सी का बढ़िया स्तर होता है जिससे यह स्किन को नीरोग, ताजा और पिम्पल्स विमुक्त रखता है

जामुन नेत्रों के लिए भी बढ़िया होता है।

फल के साथ-साथ इसके बीज, पत्ते और छाल सब के सब पृथक-पृथक तरीकों से प्रयाप्त सहायक होते हैं: इसके बीजों का चूर्ण दही के साथ लेने से गुर्दे की पथरी को तोड़ने में सहायता मिलती है।

इसके बीज को मिल्क में मिलाकर स्किन पर लगाने से मुंहासे प्रयाप्त हद तक कम हो जाते हैं।

छाल और बीज का पाउडर बदहजमी और डायरिया जैसे गैस्ट्रिक ( gastric ) डिसऑर्डर के ट्रीटमेंट ( treatment ) में भी सहायता करता है।

इस फल के अनेक गुण हैं।

इसका जूस याददाश्त बढ़ाने और खून की कमी जैसी रोगों के उपचार के लिए बढ़िया है, दमा जैसे श्वसन ( respiration ) रिलेटिव डिसऑर्डर दांतों और मसूड़ों के लिए भी बढ़िया है।

Dosage of Jamun Guthali Churna

एक से दो चम्मच ( spoon ) दिन में दो बार जल के साथ।

Precautions Of Jamun Guthali Churna

सर्जरी ( surgery ) कराने वाले रोगियों को जामुन खाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे ब्लड ग्लूकोज का स्तर कम हो सकता है

खाली आमाशय कभी न खाएं; इसे नित्य कुछ खाने के बाद लेना चाहिए

इस फल को खाने से एक घंटे पहले और बाद में मिल्क के सेवन से बचना चाहिए

इस औषधि के साथ स्व-औषधि की परामर्श नहीं दी जाती है।

चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) इस औषधि को सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए लें

ज्यादा डोज़ गैस्ट्र्रिटिस जैसे विपरीत प्रभाव ( effect ) पैदा कर सकता है।

प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इससे बचना सबसे बढ़िया है

शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।

सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।