साइटिका
कारण
- कटिस्नायुशूल नर्व का संपीड़न
- काठ का स्पोंडिलोसिस नर्व दबाव ( चाप ) का कारण बनता है
- अंदरूनी ब्लीडिंग जो स्थानीय दबाव ( चाप ) का कारण बनता है
- स्लिप डिस्क के कारण दबाव ( चाप )
- पोस्ट ऑपरेटिव शिकायतें
लक्षण
- निचली कटि ( कमर ) का पीड़ा
- टांगों में सुन्नपन और सनसनाहट
- बछड़े की मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता के साथ टाँगों में पीड़ा
- पांव और पांव की अंगुली की मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
- प्रभावित पांव में निरन्तर पीड़ा
- चलते अवधि ( समय ) पीड़ा
आमवात और आमवात
कारण
- पुष्टिकारक तत्वों की अभाव (कैल्शियम। विटामिन ( vitamin ) डी)
- रजोनिवृत्ति
- आयु बढ़ने
- ज्यादा भार
- आमवात का पारिवारिक हिस्ट्री
लक्षण
- जॉइंट्स के पीड़ा के साथ थकान
- जॉइंट्स की लालिमा और स्वेलिंग
- जॉइंट्स का अकड़ना
- कठिन चलना
- मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
Name | रेक्स रोगन सुरख (100ml) |
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Brand | रेक्स |
MRP | ₹ 130 |
Category | यूनानी ट्रीटमेंट ( treatment ), रोगन और तेल |
Sizes | 25 मिली, 50 मिलीलीटर ( ml ), 100 मिलीलीटर ( ml ) |
Prescription Required | No |
Length | 4.5 सेंटिमीटर |
Width | 4.5 सेंटिमीटर |
Height | 11.2 सेंटिमीटर |
Weight | 130 ग्राम |
Diseases | साइटिका, आमवात और आमवात |
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रेक्स रोगन सुरखी के बारे में
रेक्स रोगन सुरख एक यूनानी तैयारी है जो सब के सब तरह की मांसपेशियों ( muscles ) और जॉइंट्स के पीड़ा में बहुत मददगार है।
रेक्स रोगन सुरखी के इशारा
- रोगन सुरख एक नेचुरल पीड़ा निरोधक है।
- Roghan Surkh का उपयोग मस्तिष्क पीड़ा, बॉडी ( body ) में पीड़ा, जॉइंट्स का पीड़ा, कान ( ear ) का पीड़ा, बच्चों में टांगों में निर्बलता, चोट और मोच, स्वेलिंग के लिए किया जाता है।
- सरदर्द के लिए।
- बॉडी ( body ) में पीड़ा के लिए।
- कीड़ों के काटने।
- जॉइंट्स के पीड़ा के लिए।
- कफ, प्रतिश्याय ( जुकाम ) और इन्फ्लुएंजा।
- बच्चों में टांगों की कमजोरी।
- कान ( ear ) का दर्द ( pain )
- चोट और मोच।
- प्रदाह
रेक्स रोगन सुरखी की मटेरियल
- उष्ना: हार्डनेस और तनाव के लिए प्रयुक्त।
- बुरादा चंदन सुरख / श्वेत चंदन की लकड़ी: कसैले और कीटाणुनाशक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- हब-उल-ग़ुरब: पीड़ा के लिए उपयोग किया जाता है।
- दरहल्ड/रूट/बेरीज: जॉइंट्स के पीड़ा, साधारण निर्बलता आदि के लिए उपयोग किया जाता है।
- कैफल / मायरिका नागी: बॉडी ( body ) के टेंपेरेचर ( temperature ) में वृद्धि के लिए उपयोग किया जाता है।
- नरकचूर/ज़ेडोअरी: इसका इस्तेमाल ज़ख्म, पीड़ा, स्वेलिंग, स्किन की प्रॉब्लम्स के उपचार के लिए किया जाता है।
- हल्दी/हल्दी: आमवात और जॉइंट्स के पीड़ा के लिए उपयोग किया जाता है।
- बर्ग आख ताजा; स्वेलिंग में उपयोग किया जाता है।
- Lahsun/लहसुन: ब्लड परिसंचरण, बैक्टीरिया और कवक इनफ़ेक्शन के लिए प्रयुक्त।
- सरसों/सरसों: कसैले के रूप में प्रयुक्त।
- दालचीनी/दालचीनी: स्थानीय संक्रमण।
- लौंग/लौंग; मांसपेशियों ( muscles ) में मरोड़ में उपयोग किया जाता है।
- Surkh Roghani Rang: Used for colouring.
रेक्स रोगन सुरखी की डोज़
- संगठित या प्रभावित प्रदेश पर या डॉक्टर द्वारा कहें अनुरूप ( accordingly ) लागू करें।
- मस्तिष्क पीड़ा के लिए : माथे पर अल्प सा रोगन सुरख मलें।
- बॉडी ( body ) में पीड़ा के लिए: प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
- कीड़ों के काटने : काटने की जगह पर उपयोग करें।
- जॉइंट्स के पीड़ा के लिए: प्रभावित जोड़ पर लगाएं।
- कफ, प्रतिश्याय ( जुकाम ) और इन्फ्लुएंजा : तेल को हल्का उष्ण करके चेस्ट और कंठनली पर मालिश करें।
- बच्चों में टांगों की निर्बलता: बच्चे के दोनों टांगों की रोजाना मालिश करें।
- कान ( ear ) का पीड़ा : तेल को हल्का उष्ण करके पीड़ा वाले कान ( ear ) में 2-3 बूंद डालें।
- चोट और मोच : इसे हल्का उष्ण करें और प्रभावित हिस्से पर पट्टी बांधें।
- स्वेलिंग : तेल को हल्का उष्ण करें, स्वेलिंग पर लगाएं, इसे उष्ण पान के पत्ते या "पीपल" के पत्ते से ढक दें और रुई की पट्टी से बांध दें।
रेक्स रोगन सुरखी की सतर्कता
- शिशुओं की पहुंच से दूर रखें।
- स्व-औषधि की सिफारिश नहीं की जाती है।
- सूखी और ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।
- हर इस्तेमाल के बाद औषधि की टोपी को कसकर बंद कर दें।
- औषधि को मूल पैकेज और पात्र ( container ) में रखें।
- केवल बाहरी इस्तेमाल के लिए।