Sadar Dawakhana Qurs Ziabtis Khas (50tab)

  • Home
  • सदर दवाखाना क़ुर्ज़ ज़िआबतीस ख़ास (50 टैब)
shape1
shape2
shape3
Sadar Dawakhana Qurs Ziabtis Khas (50tab)

डायबिटीज

कारण

  • डायबिटीज का पारिवारिक हिस्ट्री
  • ज्यादा भार या मोटापा
  • अग्नाशयशोथ
  • आनुवंशिक कारक
  • पॉलीसिस्टिक अंडाशय बिमारियों वाली स्त्रियों में हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन )

लक्षण

  • बढ़ी हुई भूख और तृष्णा
  • मूत्र करने की बेकाबू चाह
  • थकान और धुंधली नजर
  • टांगों या हाथों में सुन्नपन / सनसनाहट
  • थकान और निर्बलता
  • ज़ख्म जो सरलता से नहीं भरते

Nameसदर दवाखाना क़ुर्ज़ ज़िआबतीस ख़ास (50 टैब)
Brandसदर दवाखाना
MRP₹ 120
Categoryयूनानी ट्रीटमेंट ( treatment ), हब्बे और कुरसी
Sizes50टैब
Prescription RequiredNo
Length4.8 सेंटिमीटर
Width4.8 सेंटिमीटर
Height8.6 सेंटिमीटर
Weight62 ग्राम
Diseasesडायबिटीज

 

क़ुर्ज़ ज़ियाबतीज़ ख़ास के बारे में

यह यूनानी ट्रीटमेंट ( treatment ) डायबिटीज इन्सिपिडस के उपचार के लिए उपयोग की जाती है। "डायबिटीज" शब्द ( word ) ग्रीक शब्द ( word ) "डायबनमो" से आया है जिसका मतलब है भागना या गुजरना। यूनानी ट्रीटमेंट ( treatment ) में "ज़ियाबेटस" शब्द ( word ) आमतौर पर डायबिटीज के लिए उपयोग किया जाता है, और "ज़ियाबेटस शकरी" डायबिटीज मेलिटस ( mellitus ) के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उल्लेख बहुसंख्यक यूनानी साहित्य जैसे अल कानन, अल हवी, कामिलुस सनाह आदि में मिलता है। अरब विद्वानों ने भी इसका उल्लेख अतशा, दोलाब, ज़लाकुल कुलिया और दवारा जैसे शब्दों से किया है। मिस्रवासियों ने करीब-करीब 3000 वर्ष पहले डायबिटीज के समान निदानकारी ​​​​लक्षणों का वर्णन किया है।

क़ुरुस ज़ुआबीतेज़ खासी की निशानी

  • Tabashher : तबाशीर या Banslochan, के रूप में भी वर्तनी Tabachir या Tabashir , एक पारदर्शी श्वेत तत्त्व, के प्रमुख रूप से बना है सिलिका और जल चूना और के निशान के साथ पोटाश , की कुछ प्रजातियों के नोडल जॉइंट्स से प्राप्त बांस यह का भाग है औषध विज्ञान के की पारंपरिक आयुर्वेदिक और यूनानी ट्रीटमेंट ( treatment ) पद्धति इंडियन उपमहाद्वीप । यह अनेक में भी एक घटक है पारंपरिक शुगर औषधियों । यह ब्रोन्कियल दमा, डायबिटीज, अनैच्छिक मांसपेशियों ( muscles ) की चाल, ज्वर और बैक्टीरिया इनफ़ेक्शन में सहायक है।
  • सत्-ए-गिलो : गिलोय एक बहुत ही भिन्नरूपी जड़ी बूटी है जो आपकी बहुसंख्यक सेहत प्रॉब्लम्स में सहायक हो सकती है। अरंडी के तेल के साथ गिलोय का उपयोग आमवात को दूर करने के लिए किया जा सकता है। आमवात ही नहीं, जिंजर ( ginger ) के साथ गिलोय आमवात में भी लाभदायक हो सकता है। घी के साथ गिलोय आमवात में आराम देता है। गिलोय का उपयोग शुगर के साथ स्किन और जिगर ( liver ) की रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल गुड़ के साथ कोष्ठबद्धता ( constipation ) के लिए भी किया जाता है। इन सेहत फायदों के अतिरिक्त, गिलोय इम्युनिटी और हाज़मा को भी बढ़ाता है, जीर्ण ज्वर के लिए बढ़िया है, डायबिटीज के विरुद्ध प्रभावशाली है और नेत्रों के विकृतियों में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। दमा होने पर गिलोय इसके लक्षणों को कम कर सकता है
  • मग़ज़-ए-ख़स्ता-ए-जामुन : जंबोलन एक पेड़ है। औषधि बनाने के लिए बीज, पत्ती, छाल और फल का इस्तेमाल किया जाता है। जंबोलन का विस्तृत रूप से आयुर्वेद ( ayurveda ), यूनानी ट्रीटमेंट ( treatment ) और डायबिटीज के लिए सिद्ध औषधि में इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल गैस (आमाशय फूलना), आंत मरोड़, आमाशय की प्रॉब्लम्स और हाज़मा विकृतियों के लिए भी किया जाता है। संजीदा डायरिया (पेचिश)। यह ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ) और दमा जैसी फेफड़ों की प्रॉब्लम्स में भी लाभदायक है। कुछ लोग जंबोलन का इस्तेमाल लैंगिक ( genital ) क्रिया में रुचि बढ़ाने के लिए एक कामोत्तेजक के रूप में करते हैं, और एक टॉनिक के रूप में। और जड़ी बूटियों के सम्मिश्रण में, जंबोलन बीज का इस्तेमाल किया जाता है कोष्ठबद्धता ( constipation ), पेनक्रियाज के बीमारी, आमाशय की समस्याएं, नर्व रिलेटिव डिसऑर्डर, डिप्रेशन और थकावट। कभी-कभी स्वेलिंग (स्वेलिंग) के कारण पीड़ा को कम करने के लिए जंबोलन को सीधे मुँह और कंठनली पर लगाया जाता है। यह स्किन के अल्सर ( ulcer ) और स्किन की स्वेलिंग के लिए सीधे स्किन पर भी लगाया जाता है
  • Gurmar Buti
  • कुश्त-ए-बैज़ा-ए-मुर्गी
  • कुश्त-ए-ज़मुर्रूदी
  • लोआब-ए-असपघोल

क़ुर्ज़ ज़ियाबेटीज़ ख़ास की डोज़

2-3 दवाइयां दिन में दो बार जल के साथ लेनी है।

क़ुर्ज़ ज़ियाबेटीज़ खासी की सतर्कता

  • सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।
  • शिशुओं की पहुंच से दूर रखें।
  • स्व-औषधि की सिफारिश नहीं की जाती है।
  • सूखी और ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।
  • हर इस्तेमाल के बाद औषधि की टोपी को कसकर बंद कर दें।
  • औषधि को मूल पैकेज और पात्र ( container ) में रखें।