Unjha Chandprabha Vati (200tab)

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Unjha Chandprabha Vati (200tab)
Nameउंझा चंद्रप्रभा वटी (200टैब)
Other Namesचंद्रप्रभा बटी
Brandउंझा
MRP₹ 309
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), वटी, गुटिका और गुग्गुलु
Sizes40टैब, 200tab
Prescription RequiredNo
Length4.5 सेंटिमीटर
Width4.5 सेंटिमीटर
Height7.6 सेंटिमीटर
Weight82 ग्राम

चंद्रप्रभा वटीक के बारे में

उंझा सर्वश्रेष्ठ क्वालिटी वाली जड़ी-बूटियों से बनी औषधियों के साथ 100% नेचुरल और सुरक्षित प्रोडक्ट्स की एक समूह है। उंझा की स्थापना पूर्व स्वतंत्रता युग में गुजरात राज्य में हुई थी। यह बरसों के समर्पित शोध के साथ सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेद ( ayurveda ) को जोड़ती है। गठन के हर पड़ाव में उन्नत फार्मास्युटिकल प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के साधन से बैच से बैच प्रदर्शन और पूर्ण शुद्धता और सुरक्षा का आश्वासन दिया जाता है। कंपनी ने लंबे अवधि ( समय ) से स्वत: को इंडियन औषधि मार्किट में अग्रणी के रूप में आधारित किया है। इसे हर्बल सेहत देखरेख प्रोडक्ट्स के डिजाइन, गठन और विपणन के लिए आईएसओ 9001:2000 प्रमाणन दिया गया है। इन प्रोडक्ट्स को ट्रीटमेंट ( treatment ) बिरादरी के साथ स्वीकृति मिली है और दुनिया भर के उपभोक्ताओं की सेहत और निजी देखरेख की जरूरतों को पूरा करते हैं।

चंद्रप्रभा वटी (जिसे चंद्रप्रभा गुलिका और चंद्रप्रभा वाटिका भी कहा जाता है) एक आयुर्वेदिक शास्त्रीय औषधि है जिसका इस्तेमाल गुर्दे, यूरिनरी ब्लैडर, पेशाब पथ, पेनक्रियाज, अस्थियों, जॉइंट्स और थायराइड ग्रंथि के बिमारियों के ट्रीटमेंट ( treatment ) के लिए किया जाता है। डायबिटीज, वयस्क पुरुषों की प्रॉब्लम्स, स्त्रियों की प्रॉब्लम्स और दिमाग़ी विकृतियों के प्रबंधन में भी इसकी सिफारिश की जाती है चंद्रप्रभा वटी मूत्र में मुसीबत, गुर्दे की पथरी, बार-बार मूत्र आना, पेशाब असंयम, प्रोस्टेट वृद्धि, पुरुष ( male ) बांझपन, नपुंसकता, रात्रि का आना, डायबिटीज, कष्टदायक अवधियों में लाभकारी है। (कष्टार्तव), ओलिगोमेनोरिया, एमेनोरिया, पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि बीमारी, चिंता ( anxiety ), दिमाग़ी तनाव और अवसाद।

घटक

  • एकोनिटम हेटरोफिलम-अतिविषा
  • एकोरस कैलमस-स्वीट फ्लैग या कैलमस या वाचा
  • एंड्रोग्राफिस पैनिकुलता-भुनिम्बा
  • बर्बेरिस अरिस्टाटा-ट्री हल्दी
  • देवदारु देवदरा-हिमालयी देवदार की छाल, देवदरु
  • धनिया सतीवम-धनिया बीज
  • हल्दी लोंगा-हल्दी, हल्दी
  • दालचीनी कैम्फोरा-कपूर (कपूर)
  • साइपरस रोटंडस-अखरोट घास (जड़) या मुस्तकी
  • एंबेलिया रिब्स-झूठी काली मिर्च (विदांग)
  • Emblica officinalis-इंडियन आंवला फल (आंवला)
  • पाइपर चाबा सीड्स-जावा लॉन्ग पेपर, छव्य
  • मुरलीवाला चाबा फल-जावा लंबी मिर्च फल, गजपिपली
  • Piper Longum-Long pepper (Pippali)
  • पाइपर लोंगम-लॉन्ग पेपर रूट (पिपलमूल)
  • मुरलीवाला नाइग्रम-काली मिर्च (काली मिर्च)
  • प्लंबैगो ज़ेलेनिका-लीड वोर्ट (जड़), चित्रक
  • टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया (गुडुची) -गिलोय
  • टर्मिनालिया चेबुला-चेबुलिक मायरोबलन, हरीताकी
  • टर्मिनलिया बेल्लिरिका-बेलिरिक मायरोबलन, विभीतकी
  • ज़िंगिबर ऑफ़िसिनेल-जिंजर ( ginger ), शुंटी
  • बालियोस्पर्मम मोंटानम-दंतिमूल
  • बांस बांस-बांस मन्ना, बांसलोचन
  • Cinnamomum tamala-Patra
  • सिनामोमम ज़ेलेनिकम-दालचीनी
  • एलेटेरिया इलायची-इलायची के बीज
  • ऑपरकुलिना टरपेथम-त्रिवृत
  • कमिफोरा मुकुल-शुद्ध ( pure ) गुग्गुलु

चंद्रप्रभा वाटिक के मेडिसिनल गुण

  • एंटासिड (हल्के प्रभाव ( effect ))
  • एन्टी भड़काऊ (नरम टिशू और मांसपेशियों ( muscles ) के लिए शक्तिशाली एन्टी भड़काऊ)
  • आमवात रोधी (स्पेशल रूप से मेरुदंड के लिए और कम पीठ ( back ) पीड़ा में प्रभाव ( effect ) दिखाई देता है)
  • हाज़मा उत्तेजक (हल्का प्रभाव ( effect ) - इसका प्रभाव ( effect ) एनोरेक्सिया नर्वोसा वाले मरीज में या काम के ज्यादा बोझ के कारण दिमाग़ी तनाव में दिखाई देता है)
  • इमेनगॉग (हल्के प्रभाव ( effect ) - लेकिन यह स्त्री रिप्रोडक्शन पद्धति को ताकतवर करके माहवार धर्म फ्लो में सामंजस्य आधारित करता है)
  • हेमेटिनिक (हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) के स्तर को बढ़ाता है - लोहा भस्म (आयरन कैल्क्स) की मौजूदगी के कारण)
  • हेमटोजेनिक (लाल ब्लड कोशिकाओं के गठन में सहायता करता है)
  • बिलीरुबिन को कम करता है (हल्के प्रभाव ( effect ) - और लीवर ( liver ) औषधियों की भी जरूरत होती है)
  • फैट बर्नर (शिलाजीत और लोहा भस्म के कारण)
  • आमवात रोधी (यह यूरिक एसिड के पेशाब उत्सर्जन को बढ़ाता है)
  • एनाल्जेसिक (गाउट और ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ) में)
  • मांसपेशियों ( muscles ) को आराम देने वाला (पीड़ा के दौरान गर्भाशय की मांसपेशियों ( muscles ) पर इसका प्रभाव ( effect ) दिखाई देता है)
  • कृमिनाशक (विदंगा के कारण)
  • हल्का उच्चरक्तचापरोधी

इशारा

  • साधारण कमजोरी
  • दैहिक निर्बलता
  • थकान
  • सामान्यीकृत थकान सिंड्रोम ( syndrome )
  • बेचैन पांव सिंड्रोम ( syndrome )
  • टांगों या हथेलियों में दाह या गरमी महसूस होना
  • सेहत टॉनिक
  • काम के ज्यादा बोझ से दिमाग़ी तनाव
  • निष्क्रिय ( inactive ) लक्षणों के साथ डिप्रेशन
  • छात्रों में स्मरणशक्ति नुक्सान
  • छात्रों में दिमाग़ी थकान
  • हाई ब्लड प्रेशर (हल्के उच्चरक्तचापरोधी प्रभाव ( effect ))
  • तचीकार्डिया या हार्टबीट
  • हार्ट टॉनिक
  • कोष्ठबद्धता ( constipation )
  • गाउट
  • एडी का पीड़ा
  • एड़ी में सॉफ्टनेस
  • कम पीठ ( back ) पीड़ा
  • घुटने ( knee ) के जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ) (अश्वगंधा के अर्क के साथ उपयोग किया जाता है)
  • थकान से जुड़ा मांसपेशियों ( muscles ) में पीड़ा
  • एमेनोरिया (अनुपस्थित माहवार धर्म)
  • कष्टार्तव (कष्टदायक माहवार धर्म) कष्टार्तव
  • ओलिगोमेनोरिया
  • बहुत गर्भाशय ब्लीडिंग
  • गर्भाशय पॉलीप (कचनार गुग्गुल के साथ)
  • पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि बीमारी
  • असंतुलित स्त्री हॉर्मोन
  • आदतन गर्भपात
  • प्रोस्टेट इज़ाफ़ा (वरुण/क्रेटेवा नूरवाला के साथ उपयोग किया जाता है)
  • अल्पशुक्राणुता
  • Impotency (with ashwagandhaand Konch pak)
  • स्तंभन ( इरेक्शन ) त्रुटि (अश्वगंधा के साथ)
  • निरन्तर मूत्र आना
  • पेशाब असंयम
  • ग्लाइकोसुरिया (पेशाब में ग्लूकोज)
  • एल्बुमिनुरिया या प्रोटीनुरिया
  • पुराने ( chronic ) रीनल (गुर्दे) की विफलता ( failure )
  • नेफ्रैटिस
  • नेफ्रोटिक सिंड्रोम ( syndrome ) (नेफ्रोसिस)
  • पथरी
  • पॉलीसिस्टिक गुर्दे बीमारी (पीकेडी)

इस्तेमाल

साधारण कमजोरी और थकान

चंद्रप्रभा वटी का इस्तेमाल साधारण कमजोरी को कम करने और दैहिक शक्ति बढ़ाने के लिए कुल सेहत टॉनिक और अनुपूरक के रूप में किया जाता है। प्रभाव ( effect ) शिलाजीत और लोहा भस्म के कारण होते हैं। यह थकान को कम करता है और बॉडी ( body ) को तरोताजा महसूस कराता है। इसका प्रभाव ( effect ) आमतौर पर तब दिखाई देता है जब इसे गाय के मिल्क के साथ लिया जाता है।

दिमाग़ी थकान और तनाव

चंद्रप्रभा वटी दिमाग़ी थकान और दिमाग़ी तनाव को कम करने के लिए लाभदायक है। प्रभाव ( effect ) इसके प्रमुख घटक शिलाजीत के कारण होते हैं। यह छात्रों को स्टडी से रिलेटेड तनाव को कम करने और स्मरणशक्ति में इम्प्रूवमेंट करने में भी सहायता करता है।

हाई ब्लड प्रेशर और तचीकार्डिया

चंद्रप्रभा वटी में हल्के उच्चरक्तचापरोधी प्रभाव ( effect ) होते हैं। इसका प्रमुख प्रभाव ( effect ) बहुत मदिरा के सेवन वाले लोगों में दिखाई देता है। मदिरा ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है और फलतः सरदर्द आदि हो सकता है। चंद्रप्रभा वटी इस केस में ब्लड प्रेशर को कम करने और हार्ट को शक्ति प्रोवाइड करने में प्रभावशाली रूप से सहायता करती है। यह हार्ट की हार्टबीट को भी कम करती है और हार्ट चाल (टैचीकार्डिया) को बढ़ाती है। इन सेहत परिस्थितियों पर इसका प्रभाव ( effect ) शिलाजीत और लोहा भस्म के कारण हो सकता है।

गाउट और बढ़ा हुआ यूरिक एसिड स्तर

चंद्रप्रभा वटी बॉडी ( body ) से हानिकर विषाक्त पदार्थों जैसे क्रिएटिनिन, यूरिया और यूरिक एसिड के उत्सर्जन को बढ़ाती है। यह गुर्दे के नेचुरल कार्यों को ठीक करता है और अलावा यूरिक एसिड को समाप्त करने में सहायता करता है। यद्यपि, इसका यूरिक एसिड उत्पत्ति पर प्रभाव ( effect ) नहीं हो सकता है, लेकिन यह गुर्दे के साधन से यूरिक एसिड के उत्सर्जन को उत्तेजित ( excited ) करके यूरिक एसिड के स्तर को कम कर सकता है। आमतौर पर, इसका इस्तेमाल गोक्षुरादि गुग्गुल/वटी, गुडुची सत्व और पुनर्नवा पाउडर या पुनर्नवारिष्ट के साथ यूरिक एसिड के उत्सर्जन में इम्प्रूवमेंट के लिए किया जाता है।

आमवात

चंद्रप्रभा वटी कम पीठ ( back ) पीड़ा, मेरुदंड की बोन ( bone ) के आमवात और घुटने ( knee ) के जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ) में भी सहायक है। इसमें शक्तिशाली एन्टी भड़काऊ और हल्के एनाल्जेसिक विशेषताएं हैं। यह जॉइंट्स के विकृतियों में पीड़ा और स्वेलिंग को कम करता है।

एमेनोरिया, ओलिगोमेनोरिया और कष्टार्तव

यद्यपि, चंद्रप्रभा वटी में हल्के इमेनगॉग प्रभाव ( effect ) होते हैं, लेकिन यह स्त्रियों में हार्मोनल ( hormonal ) बैलेंस को ठीक कर सकता है, जो अंततः अनुपस्थित अवधियों, हल्के माहवार धर्म और कष्टदायक अवधि जैसी प्रॉब्लम्स को ठीक करता है। इसमें मटेरियल की मौजूदगी के कारण हल्के एंटी-स्पस्मोडिक क्रिया भी होती है। जैसे जिंजर ( ginger ), काली मिर्च, काली मिर्च, लोहा भस्म इत्यादि यह माहवार धर्म के दौरान मरोड़ और आमाशय के निम्न हिस्से में पीड़ा को कम करता है।

बहुत गर्भाशय ब्लीडिंग और गर्भाशय पॉलीप

बहुत गर्भाशय ब्लीडिंग के अनेक कारण होते हैं, लेकिन सबसे आम कारण गर्भाशय पॉलीप है। चंद्रप्रभा वटी पॉलीप्स के आकृति को कम करने के लिए कांचनार गुग्गुल के साथ काम करती है। यद्यपि, यदि ब्लीडिंग प्रमुख चिंता ( anxiety ) का विषय है, तो ब्लीडिंग को रोकने के लिए और औषधियों की भी जरूरत होती है। इस दवा में प्रवल पिष्टी, मुक्ता पिष्टी, मोचरस, दारुहरिद्रा आदि शामिल हैं।

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम ( syndrome ) (पीसीओएस)

चंद्रप्रभा वटी पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि बीमारी के लिए पसंद की औषधि है। यह सिस्ट को हटाता है और ओवेरियन फंक्शन ( function ) को ठीक करता है। हॉर्मोन पर प्रभाव ( effect ) तब दिखाई देता है जब इसे अशोकारिष्ट और कंचनर गुग्गुल के साथ लिया जाता है। चंद्रप्रभा वटी असली में रिप्रोडक्शन पद्धति के सब के सब अंगों और श्रोणि के अंगों के लिए टॉनिक है। यह और औषधियों को अच्छा और ज्यादा कुशलता से काम करने में मदद करता है। इसलिए, रिप्रोडक्शन रिलेटिव विकृतियों के साथ हर केस में इसकी सिफारिश की जाती है। यह पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि बीमारी के लिए भी बहुत बढ़िया इलाज है। यदि यह विपुल माहवार धर्म या वजनी ब्लीडिंग के साथ हो, तो आयुर्वेद ( ayurveda ) में सबसे बढ़िया सम्मिश्रण में शामिल हैं:

  • Chandraprabha Vati
  • अशोकारिष्ट
  • कामदूधा रासी
  • मुस्ली खादीरादी कश्यम

यदि माहवार धर्म अनियमित ( irregular ) है, लेकिन कम है और मरीज को ओलिगोमेनोरिया है, तो अशोकारिष्ट एक उचित ऑप्शन ( option ) नहीं हो सकता है। यदि अनिवार्य हो, तो इसे कुमारयासव के साथ मिलाकर लेना चाहिए। वरना, इस केस में निम्नलिखित सम्मिश्रण अच्छी तरह से काम करता है।

  • Chandraprabha Vati
  • कुमारयासव
  • Sukumaram Kashayam
  • कंचनर गुग्गुल

हो सकता है कि कुछ मरीज़ इस सम्मिश्रण के प्रति अच्छी रिएक्शन न दें, और फिर उन्हें मासिक लाने के लिए अग्निटुंडी वटी की भी जरूरत हो सकती है। तथापि, इसका इस्तेमाल केवल अल्प अवधि ( समय ) के लिए किया जाना चाहिए और माहवार धर्म के दौरान इसे बंद कर देना चाहिए।

आदतन गर्भपात

चंद्रप्रभा वटी एक बेहतरीन गर्भाशय टॉनिक है। आयुर्वेदिक मान्यताओं के अनुरूप ( accordingly ) आदतन गर्भपात दुर्बल गर्भाशय के कारण होता है। इसलिए, चंद्रप्रभा वटी का इस्तेमाल अश्वगंधा के अर्क के साथ गर्भाशय की मांसपेशियों ( muscles ) को ताकतवर करने के लिए किया जाता है।

प्रोस्टेट इज़ाफ़ा

चंद्रप्रभा वटी प्रोस्टेट अतिवृद्धि के कारण होने वाली पेशाब रिलेटिव समस्या को कम करने में बढ़िया काम करती है। यह बढ़े हुए प्रोस्टेट ग्रंथि के आकृति को भी कम करता है। वरुण (क्रेटेवा नूरवाला) के साथ उपयोग करने पर यह ज्यादा प्रभावशाली होता है।

अल्पशुक्राणुता, नपुंसकता और स्तंभन ( इरेक्शन ) त्रुटि

चंद्रप्रभा वटी सब के सब पुरुष ( male ) रिप्रोडक्शन अंगों पर काम करती है और नेचुरल कार्यों को ठीक करती है। अल्पशुक्राणुता में, यह गणना, शक्ति को बढ़ाता है और दैहिक कमजोरी में सहायता करता है। यह आमतौर पर अश्वगंधा के अर्क और कोंच पाक के साथ उपयोग किया जाता है।

बार-बार मूत्र आना और पेशाब असंयम

चंद्रप्रभा वटी पेशाब पुनरावृत्ति और पेशाब असंयम को कम करती है। यद्यपि, बार-बार मूत्र आने पर इसका कोई सीधा प्रभाव ( effect ) नहीं पड़ता है, लेकिन यह इन प्रॉब्लम्स के मूल कारण को ठीक करता है और इन प्रॉब्लम्स से निपटने में सहायता करता है।

एल्बुमिनुरिया (प्रोटीनुरिया)

डायबिटीज के पेशेन्ट्स ( patient ) में, माइक्रोएल्ब्यूमिन्यूरिया डायबिटीज के गुर्दे की नुक़सान का सबसे पहला इशारा है। एल्बुमिनुरिया के और कारण गरमी या शीत, भावनात्मक तनाव, ज्वर और ज़ोरदार कसरत आदि के कांटेक्ट में हैं। आपको अंतर्निहित कारण को भी खारिज करने की जरूरत है और ट्रीटमेंट ( treatment ) भी उसी के अनुरूप ( accordingly ) किया जाना चाहिए। इनमें से बहुसंख्यक वजहों में, कामदूध जूस के साथ चंद्रप्रभा वटी पेशाब में प्रोटीन की अभाव को कम करने और उसका उपचार करने के लिए अच्छी तरह से काम करती है। यदि आप डायबिटीज मरीज हैं तो आपको नित्य रूप से ब्लड ग्लूकोज के स्तर की परिक्षण करनी चाहिए और इसे बढ़िया संयम में रखना चाहिए।

मूत्र में ग्लूकोज

चंद्रप्रभा वटी ग्लाइकोसुरिया (पेशाब में ग्लूकोज की मौजूदगी) के लिए एक उत्कृष्ट इलाज है। डायबिटीज एन्टी औषधियों के साथ या हर्बल सम्मिश्रण के बाद, यह पेशाब में असाधारण ग्लूकोज ( glucose ) की मौजूदगी को कम करने के लिए बढ़िया नतीजा दिखाता है।

गुर्दे की क्रोनिक रोग

जैसा कि हमने गाउट के केस में चर्चा की है, चंद्रप्रभा वटी क्रिएटिनिन, ब्लड यूरिया और यूरिक एसिड के सीरम स्तर को कम करती है। इसकी 1 ग्राम डोज़ दिन में दो बार ब्लड में क्रिएटिनिन के स्तर में वृद्धि को रोकने में सहायता करती है।

पथरी

चंद्रप्रभा वटी में एंटीलिथियाटिक और लिथोट्रिप्टिक प्रभाव ( effect ) होते हैं, इसलिए यह गुर्दे की पथरी के गठन को कम करता है और गुर्दे में पथरी के गठन को रोकने में सहायता करता है।

पॉलीसिस्टिक गुर्दे बीमारी (पीकेडी)

कचनार गुग्गुल के साथ चंद्रप्रभा वटी पॉलीसिस्टिक गुर्दे बीमारी में सहायता करती है। इस सम्मिश्रण से कुछ दिनों के बाद प्रभाव ( effect ) दिखाई देने लगता है।

सिस्टाइटिस

यूरिनरी ब्लैडर की सिस्टिटिस या स्वेलिंग आमतौर पर पेशाब पथ के इनफ़ेक्शन (यूटीआई ( uti )) के कारण होती है। इसके और कारण भी हो सकते हैं जैसे ड्रग्स, शुक्राणु-नाशक ( spermicidal ) जेली का इस्तेमाल, स्त्री सफ़ाई स्प्रे या कैथीटेराइजेशन इत्यादि सिस्टिटिस के कारण बादल छाए हुए पेशाब, दुर्गंधयुक्त पेशाब, बार-बार मूत्र आना, दाह या पेल्विक कठिनाई होती है। चंद्रप्रभा वटी इन सब के सब लक्षणों को कम करने में कारगर है। चंदनदी वटी और चंदनासव के साथ, यह सिस्टिटिस को ठीक करने के लिए बढ़िया काम करता है।

मात्रा ( quantity ) बनाने की पद्धति

(500 मिलीग्राम ( mg ) गोली ( tablet )) - 1 - 2 टेबलेट्स ( tablets ) दिन में 1 - 2 बार, आहार ( food ) से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार।

एहतियात

  • हाई बी.पी. वाले लोगों को इस औषधि को केवल औषधीय निगरानी में ही लेना चाहिए, क्योंकि इस औषधि में लवण होता है।
  • ज्यादा डोज़ से आमाशय में हल्की दाह हो सकती है।
  • शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
  • ठंडी, सूखी जगह पर रखें।