Unjha Panchtiktghrit Guggulu (60tab)

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Unjha Panchtiktghrit Guggulu (60tab)

एडी का पीड़ा

कारण

  • ज्यादा भार के कारण एड़ी पर दबाव ( चाप ) पड़ता है
  • बुरा फिटिंग या घिसे-पिटे जूते पहनना
  • एड़ी में चोट
  • कैल्केनियम स्पर
  • काम करने की स्थिति जहां लंबे अवधि ( समय ) तक खड़े रहने की जरूरत होती है

लक्षण

  • एड़ी में तेज पीड़ा
  • एड़ी की स्वेलिंग के साथ चलने और खड़े होने में मुसीबत
  • एड़ी का सुन्न होना
  • एड़ी की हार्डनेस
  • ऊँची एड़ी के जूते उठाने में मुसीबत

Nameउंझा पंचतिकघृत गुग्गुलु (60टैब)
Brandउंझा
MRP₹ 96
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), वटी, गुटिका और गुग्गुलु
Sizes60tab, 200tab
Prescription RequiredNo
Length4.4 सेंटिमीटर
Width4.4 सेंटिमीटर
Height6.3 सेंटिमीटर
Weight35 ग्राम
Diseasesएडी का पीड़ा

उंझा पंचतिकघृत गुग्गुलु के बारे में

पंचतृतघृत गुग्गुलु एक आयुर्वेदिक सूत्रीकरण है जो घी के रूप में होता है। उंझा पंचतिकघृत गुग्गुलु का इस्तेमाल बाह्य रूप से अंदरूनी रूप से भी किया जाता है।

बाह्य रूप से इसका विस्तृत रूप से स्नेहनकर्म के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह स्किन डिसऑर्डर, वात बीमारी पीठ ( back ) पीड़ा, आमवात, जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ), ज़ख्म और ट्रीटमेंट ( treatment ) के उद्देश्य जैसे भिन्न-भिन्न क्षेत्रों पर काम करता है। पंचतिकघृत गुग्गुलु अनेक उपचारों को तैयार करने में सहायक है। पंचतिकघृत गुग्गुलु पांच प्रमुख कटु (कड़वी) जड़ी बूटियों से बना है।

उंझा पंचतिकघृत गुग्गुलु के इशारा

  • ऑस्टियोपोरोसिस ( osteoporosis )
  • गाउट
  • स्किन के ददोड़े
  • खारिश
  • मुंहासा
  • सोरायसिस
  • ब्लड शोधक
  • ऑस्टियोपोरोसिस ( osteoporosis )
  • ज़ख्म

उंझा पंचतिकघृत गुग्गुलु की रचना

  • नीम (अज़ादिराछा इंडिका)
  • गौर्ड (ट्राइकोसैंथेस डायोइका)
  • शाखित झाड़ी (सोलनम ज़ैंथोकार्पम)
  • गुडुची (टिनोफपोरा कॉर्डिफोलिया)
  • उडुलुसा (अधतोदा वासिका)।
  • कुष्ठः
  • विदांग
  • सुरदारु
  • kavya
  • अज्ञेय
  • दीपायकः
  • रोहिणी

उंझा पंचतिकघृत गुग्गुलु की डोज़

  • 5 ग्राम दिन में दो बार विशेषतः आहार ( food ) से पहले हल्के गर्म जल के साथ
  • 1-2 टैबलेट ( tablet ) दो बार हल्के गर्म जल के साथ

उंझा पंचतिकघृत गुग्गुलु की सतर्कता

  • शिशुओं की पहुंच से दूर रखें।
  • प्रेग्नेंसी ( pregnency ) में न लें।
  • सूखी ठंडी जगहों पर रखें।
  • डॉक्टर की निगरानी में औषधि लें।