Unjha Patrangasava (450ml)

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Unjha Patrangasava (450ml)
Nameउंझा पत्रांगसव (450ml)
Brandउंझा
MRP₹ 171
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), आसव अरिष्ट और कढाई
Sizes450 मिलीलीटर ( ml )
Prescription RequiredNo
Length0 सेंटिमीटर
Width0 सेंटिमीटर
Height0 सेंटिमीटर
Weight0 ग्राम

Patrangasava . के बारे में

यह एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका इस्तेमाल प्रमुख रूप से स्त्री बीमारी रिलेटिव परिस्थितियों जैसे कि वजनी माहवार धर्म ब्लीडिंग, ल्यूकोरिया और ज्वर आदि में किया जाता है। यह हर्बल उत्पाद ( product ) भिन्न-भिन्न जड़ी-बूटियों के सम्मिश्रण से तैयार किया जाता है जो हार्मोनल ( hormonal ) अनियमितताओं के लिए प्रयाप्त लाभदायक होते हैं। पत्रांगसव की तैयारी में पत्रंगा, खदिरा, वासा, शाल्मालिकसुमा, बाला, भल्लाटक, सरिवा, जपकुसुमा, अमरस्थी, जीराका, बिल्व आदि जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है।

Patrangasava . की मटेरियल

  • Patranga
  • शाल्मलीकुसुमा
  • वासा
  • बाला
  • अमरस्थी (आम के बीज की गिरी)
  • आपको देना
  • भुनिम्बा
  • Bhallataka
  • सरिव
  • जपाकुसुमा
  • Khadirai
  • वे टूट गए
  • Jeeraka
  • Loha (Iron Bhasma)
  • रसंजना (बर्बेरिस अरिस्टाटा का जलीय अर्क)
  • Bilva
  • Kesharaja
  • ट्वाक (दालचीनी)
  • कुमकुम (केसर)
  • देवकुशुम (लौंग)
  • द्राक्ष
  • Dhataki
  • शरकारा (शुगर)
  • मधु (मधु ( honey ))
  • जल

पत्रांगसव के इशारा

  • पेशाब एंटीसेप्टिक और कसैले।
  • प्रदर और श्वेतप्रदर।
  • मेनोरेजिया या रक्ताप्रदरा।
  • बुखार।
  • रक्ताल्पता।
  • गरीब भूख और आत्मसात।

पत्रांगासव के फायदा और इस्तेमाल

इस औषधि का इस्तेमाल करके जिन सेहत परिस्थितियों का उपचार किया जा सकता है वे इस तरह हैं:

पोलीमेनोरिया

वजनी ब्लीडिंग और स्मॉल माहवार धर्म चक्र जैसी माहवार धर्म की शिकायतों के प्रबंधन के लिए पत्रांगसव का इस्तेमाल किया जा सकता है। यद्यपि, अनियमित ( irregular ) माहवार धर्म चक्र के प्रबंधन में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। यह पॉलीमेनोरिया के उपचार में मददगार है, एक ऐसी स्थिति जिसमें बहुत ज्यादा माहवार धर्म और कम माहवार धर्म चक्र होते हैं। इसका इस्तेमाल मेनोरेजिया के उपचार के लिए भी किया जा सकता है, जिसमें स्त्रियों को वजनी माहवार धर्म ब्लीडिंग का अनुभव होता है। यह औषधि माहवार धर्म को नित्य करती है और माहवार धर्म चक्र की पुनरावृत्ति को कम करती है। यह माहवार धर्म के दौरान होने वाले आमाशय के निम्न हिस्से में होने वाले पीड़ा को भी कम कर सकता है।

पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि बीमारी

पतरांगसव का इस्तेमाल पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि बीमारी के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जा सकता है, स्पेशल रूप से उन स्थितियों में जहां स्त्रियों को कम माहवार धर्म चक्र के साथ वजनी ब्लीडिंग होता है। यह स्थिति हॉर्मोन के इम्बैलेंस ( असंतुलन ) के कारण होती है और इसके साथ बहुत भार बढ़ना, हिर्सुटिज्म (होंठों पर बालों ( hair ) का बढ़ना) और मुंहासे जैसे लक्षण ( symptom ) दिखाई देते हैं।

Patrangasava इन लक्षणों को नियंत्रित करने में सहायता करता है और हॉर्मोन के उत्पत्ति और रिलीज को उचित करके माहवार धर्म को नित्य करता है।

पेल्विक इंफ्लेमेटरी ( inflammatory ) डिजीज ( disease )

पैट्रंगासव पैल्विक स्वेलिंग रिलेटिव रोगों के प्रबंधन में भी सहायता करता है। इस औषधि को तैयार करने में इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटियाँ एक एन्टी भड़काऊ प्रभाव ( effect ) उत्पन्न करती हैं, जो अंडाशय, गर्भाशय और रिप्रोडक्शन पद्धति के और अंगों को हानि को रोकने में सहायता करती हैं, जिससे श्रोणि स्वेलिंग रिलेटिव रोगों के लक्षणों से आराम मिलती है।

प्रदर

पत्रंगसव प्रदर के ट्रीटमेंट ( treatment ) में प्रभावशाली शैली से काम करता है। यह श्वेत निर्वहन और वजाइना में खारिश और दाह, लालिमा, और इनफ़ेक्शन की प्रवृत्ति को बढ़ाने जैसे रिलेटेड लक्षणों को कम करता है। स्त्रियों को इस औषधि का नित्य रूप से इस्तेमाल करना चाहिए और प्रदर से चिरकालीन आराम प्राप्त करने के लिए नीरोग स्वच्छ प्रथाओं का पालन करना चाहिए।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ( gastrointestinal ) खराबी

पेट्रांगासव का इस्तेमाल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ( gastrointestinal ) खराबी जैसे एनोरेक्सिया, मैलाबॉस्पशन सिंड्रोम ( syndrome ) और चिड़चिड़ा आंत सिंड्रोम ( syndrome ) के उपचार के लिए किया जा सकता है। यह हाज़मा में इम्प्रूवमेंट करता है, और आहार ( food ) का समावेश इस तरह कुअवशोषण सिंड्रोम ( syndrome ) के कारण होने वाली आहार-पोषण रिलेटिव कमियों के ख़तरा को कम करता है। यह कोष्ठबद्धता ( constipation ), आमाशय फूलना और भूख न लगना जैसे बदहजमी के लक्षणों को रोकता है। यह हाज़मा शक्ति को बढ़ाता है और आमाशय में स्वेलिंग और भारीपन को रोकता है।

यह एक एंटीलिपेमिक एजेंट के रूप में काम करता है और लीवर ( liver ) के कार्यों को बढ़ाता है और इस तरह कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को नियंत्रित करता है। यह एक हेपेटोप्रोटेक्टिव क्रिया पैदा करता है, जो जलोदर और हेपेटाइटिस के ट्रीटमेंट ( treatment ) में सहायक है।

मात्रा ( quantity ) बनाने की पद्धति

10-20 मिली, दिन में एक या दो बार, आहार ( food ) के बाद या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार।

Patrangasava के दुष्प्रभाव ( side effect )

Patrangasava के संजीदा दुष्प्रभाव ( side effect ) होने के विषय में कोई जानकारी नहीं है। यह एक शुद्ध ( pure ), नेचुरल फार्मूला है जिसमें हर्बल मूल तत्व होते हैं। इसमें कोई केमिकल ( chemical ) घटक नहीं होते हैं। इसलिए, इसका इस्तेमाल करना सुरक्षित है। कुछ स्थितियों में, स्त्रियों को हल्की गैस्ट्रिक ( gastric ) शिकायतें और डायरिया हो सकते हैं। यदि औषधि बहुत ज्यादा मात्रा ( quantity ) में दी जाए तो ये दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं। प्रेग्नेंट और स्तनपान ( breastfeeding ) कराने वाली स्त्रियों को इस औषधि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए जब तक कि डॉक्टर द्वारा परामर्श न दी जाए।

पत्रांगसव आमतौर पर संजीदा ब्लीडिंग के साथ माहवार धर्म की अनियमितताओं के उपचार के लिए अवधारित किया जाता है। यह स्मॉल माहवार धर्म चक्र और वजनी माहवार धर्म के ब्लीडिंग के उपचार में मददगार है। यद्यपि, अगर यह औषधि अनियमित ( irregular ) चक्र वाली स्त्रियों द्वारा ली जाती है, तो यह लंबे अवधि ( समय ) तक माहवार धर्म चक्र और देरी की अवधि का कारण बन सकती है।