डायबिटीज
कारण
- डायबिटीज का पारिवारिक हिस्ट्री
- ज्यादा भार या मोटापा
- अग्नाशयशोथ
- आनुवंशिक कारक
- पॉलीसिस्टिक अंडाशय बिमारियों वाली स्त्रियों में हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन )
लक्षण
- बढ़ी हुई भूख और तृष्णा
- मूत्र करने की बेकाबू चाह
- थकान और धुंधली नजर
- टांगों या हाथों में सुन्नपन / सनसनाहट
- थकान और निर्बलता
- ज़ख्म जो सरलता से नहीं भरते
Name | Zandu Vasant Kusumakar Ras (10tab) |
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Brand | झंडु |
MRP | ₹ 590 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर |
Sizes | 10टैब |
Prescription Required | No |
Length | 13.5 सेंटिमीटर |
Width | 9 सेंटिमीटर |
Height | 4 सेंटिमीटर |
Weight | 65 ग्राम |
Diseases | डायबिटीज |
Form | मैदान |
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वसंत कुसुमाकर रासी के बारे में
झंडू एक अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेदिक औषधि गठन संयंत्र है, जिसमें बड़ी गिनती में उत्पाद ( product ) हैं। इसने इंडियन और संसार दोनों बाजारों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। झंडू ने दशकों के शोध और लंबे स्टडी के साधन से बहुत बढ़िया उत्पाद ( product ) तैयार किए हैं। उत्पादित मेडिसिन स्पेशल रूप से ऑर्गनिक पैटर्न में उत्पादित जड़ी-बूटियों से बनाई जाती हैं। झंडू फार्मास्युटिकल-श्रेणी आयुर्वेद ( ayurveda ) और यूनानी प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए आधुनिक विज्ञान के उपकरणों का इस्तेमाल करता है। आज, इन प्रोडक्ट्स को ट्रीटमेंट ( treatment ) बिरादरी के साथ स्वीकृति मिली है और दुनिया भर में उपभोक्ताओं की सेहत और निजी देखरेख की जरूरतों को पूरा करते हैं।
वसंत कुसुमाकर जूस एक आयुर्वेदिक हर्बल खनिज औषधि है जिसका इस्तेमाल एंटी-हाइपरग्लाइकेमिक (ग्लूकोज को कम करने में सहायता करता है), कामोद्दीपक (कामेच्छा को बढ़ाता है) और कार्डियोप्रोटेक्टिव (हृदय की बचाव करता है) एजेंट के रूप में किया जाता है। यह डायबिटीज मेलिटस ( mellitus ) के लिए प्रसिद्ध है जिसमें यह ब्लड ग्लूकोज के स्तर को साधारण और अचल करने के लिए प्रभावशाली है। डायबिटीज के अतिरिक्त, वसंत कुसुमाकर जूस वयस्क पुरुषों की प्रॉब्लम्स, पेशाब विकृतियों, नर्व विकृतियों और वृद्धावस्था के बिमारियों के लिए रिकमंडेड है।
वसंत कुसुमाकर रसो की मटेरियल (रचना)
- Praval Pishti
- रास सिंदूर
- Mukta Pishti
- स्वर्ण भस्म:
- रौप्या (रजत) भस्म:
- Loha Bhasma
- नागा भस्म
- Vanga (Bang) Bhasma
- वासा (अधतोदा वासिका)
- हल्दी (हल्दी - लंबी हल्दी)
- इक्षु (गन्ना - गन्ना) - सैकरम ऑफ़िसिनारम
- केले के पेड़ के पत्ते - मूसा Paradisiaca
- कमल (कमल) - नेलम्बियम स्पीशियोसम
- चमेली (मालती या रॉयल जैस्मीन) - जैस्मीनम ग्रैंडिफ्लोरम
- शतावरी (शतावरी रेसमोसा)
- Chandan
वसंत कुसुमाकर रासी के मेडिसिनल गुण
वसंत कुसुमाकर जूस में निम्नलिखित ट्रीटमेंट ( treatment ) गुण हैं।
- एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक और एंटी-मधुमेह
- कामोद्दीपक
- कायाकल्प एजेंट
- बुढ़ापा एन्टी
- कार्डियोप्रोटेक्टिव और कार्डियक टॉनिक
- एनाल्जेसिक
- एंड्रोजेनिक
- सूजनरोधी
- तनाव एन्टी
- कासरोधक
- हेमेटिनिक (हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) के स्तर को बढ़ाता है)
- इम्यूनो-मॉड्यूलेटर (स्वर्ण भस्म के कारण)
- मांसपेशियों ( muscles ) को आराम
- कामेच्छा उत्तेजक
वसंत कुसुमाकर रसो के इलाज इशारा
वसंत कुसुमाकर जूस निम्नलिखित सेहत परिस्थितियों में मददगार होता है।
1. डायबिटीज
2. डायबिटीज रिलेटिव कॉम्प्लीकेशन्स
- हार्ट और ब्लड वाहिकाओं के बीमारी - कोरोनरी धमनी बीमारी और एथेरोस्क्लेरोसिस
- न्यूरोपैथी (नर्व नुक़सान) - सनसनाहट, निस्तब्ध हो जाना, या ज्ञान की नुक्सान
- स्तंभन ( इरेक्शन ) त्रुटि (आमतौर पर उपयोग किया जाता है)
- डायबिटीज कार्बुनकल
- अल्जाइमर बीमारी (संभवतया ही कभी उपयोग किया जाता है)
3. स्मरणशक्ति नुक्सान
4. निशाचर
5. अनिद्रा ( insomnia )
6. जराचिकित्सा डिसऑर्डर
- सांस लेने में कष्ट
- थकान
- हृदय के बीमारी
- यकृत ( liver ) डिसऑर्डर (संभवतया ही कभी उपयोग किया जाता है)
- सूखी कफ (संभवतया ही कभी उपयोग की जाती है)
7. स्त्रियों का सेहत
- प्रदर (संभवतया ही कभी उपयोग किया जाता है)
- बहुत गर्भाशय ब्लीडिंग के बाद कमजोरी (संभवतया ही कभी उपयोग किया जाता है)
8. हीमोफीलिया
वसंत कुसुमाकर जूस के फायदा और मेडिसिनल इस्तेमाल
वसंत कुसुमाकर जूस पेनक्रियाज, हार्ट, वृषण, अंडाशय, ब्रेन, रिप्रोडक्शन अंगों और फेफड़ों जैसे अंगों को आहार-पोषण और शक्ति प्रोवाइड करता है। आम तौर पर, यह इन अंगों के लिए आयुर्वेदिक अनुपूरक है। तथापि, आजकल, यह अपने शक्तिशाली एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक प्रभाव ( effect ) के कारण डायबिटीज के लिए प्रसिद्ध हो जाता है। यह हाइपोग्लाइकेमिया पैदा किए बिना ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम करता है।
मेलिटस ( mellitus ) डायबिटीज
अध्ययनों से पता चला है कि वसंत कुसुमाकर जूस में जरूरी डायबिटीज एन्टी और एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण होते हैं, इसलिए यह डायबिटीज मेलिटस ( mellitus ) टाइप 1 और डायबिटीज मेलिटस ( mellitus ) टाइप 2 के लिए लाभदायक है। यद्यपि, यह आधुनिक एंटी-जैसे डायबिटीज मेलिटस ( mellitus ) स्तर (Hypoglycemia ( low blood sugar )) को कम नहीं करता है। -डायबिटीज की दवाएं।
डायबिटीज में, वसंत कुसुमाकर जूस के लिए सबसे बढ़िया मददगार हल्दी (हल्दी) का काढ़ा है। इसे आमलकी और हल्दी के मिश्रण ( mixture ) के साथ भी लिया जा सकता है, जिसे निशामलकी चूर्ण या निशामलकी गोली ( tablet ) के नाम से जाना जाता है।
मधुमेही न्यूरोपैथी
रौप्य (रजत) भस्म और और अवयवों के कारण वसंत कुसुमाकर जूस डायबिटीज न्यूरोपैथी को रोकने और उसका उपचार करने में लाभदायक है। यद्यपि, मधुमेह न्यूरोपैथी के लिए औषधियों के चिरकालीन प्रशासन की जरूरत होती है, इसलिए वसंत कुसुमाकर जूस का इस्तेमाल धातु के गठन के कारण 4 हफ्ते से ज्यादा नहीं किया जा सकता है।
वसंत कुसुमाकर जूस के साथ एक छोटा कोर्स ( course ) 4 हफ्ते के लिए दिया जा सकता है। ऐसे स्थितियों में, इसे अष्टवर्गम कश्यम, या आसनदि कषायम के साथ दिया जाना चाहिए। 4 हफ्ते के बाद कषायम और और डायबिटीज एन्टी मेडिसिन जारी रखनी चाहिए।
यदि मरीज के टांगों में दाह हो रही हो तो वसंत कुसुमाकर जूस को गुलुच्यादि कषायम् या बालगुलुच्यदि कषायम और निंबाडी कषायम के साथ देना चाहिए। गिलोय सत्व, कैशोर गुग्गुलु, अमृतादि गुग्गुलु भी लाभकारी होते हैं।
डायबिटीज कार्बुनकल
वसंत कुसुमाकर जूस डायबिटीज के कार्बुनकल में भी मददगार है। इस केस में, इसका इस्तेमाल निर्बलता को बहाल करने और हाई ब्लड ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इसमें उपस्थित रौप्य (रजत) भस्म भी ठीक होने की प्रोसेस को तेज करती है और स्वेलिंग, लाली को कम करती है और इनफ़ेक्शन से बचाती है। तथापि, ताप्यदि लोह डायबिटीज के कार्बुनकल के लिए पसंद की एक औषधि है, लेकिन वसंत कुसुमाकर जूस अप्रत्यक्ष रूप से इस स्थिति को ठीक करने में सहायता करता है। और लाभकारी ट्रीटमेंट ( treatment ) हैं दारुहल्दी (बर्बेरिस अरिस्टाटा), महतिक्तम कश्यम, और निंबाडी कश्यम।
भार बढ़ना और दैहिक शक्ति
आमतौर पर भार बढ़ाने के लिए वसंत कुसुमाकर जूस का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह केवल तभी रिकमंडेड है जब डायबिटीज के कारण अनजाने में भार कम हो जाता है। यह बॉडी ( body ) और मांसपेशियों ( muscles ) को शक्ति प्रोवाइड करता है और यह बॉडी ( body ) में मोटापा नहीं बढ़ाता है। दैहिक शक्ति बढ़ाने के लिए वात बीमारी में अश्वगंधा चूर्ण के साथ तथा पित्त बीमारी में शतावरी और यष्टिमधु (मुलेठी) के साथ उपयोग करना चाहिए। भार और ताकत बढ़ाने के लिए सबसे बढ़िया मददगार गाय का मिल्क है।
मात्रा ( quantity ) बनाने की पद्धति
- बच्चे-संकुचित
- बच्चे-रिकमंडेड नहीं
- वयस्क-125 मिलीग्राम ( mg ) या 1 गोली ( tablet )
- प्रेग्नेंसी ( pregnency )-प्रेग्नेंट
- जराचिकित्सा (वृद्धावस्था) -125 मिलीग्राम ( mg ) या 1 गोली ( tablet )
- ज़्यादा से ज़्यादा मुमकिन डोज़-500 मिलीग्राम ( mg ) प्रति दिन (खंडित डोज़ में)
- सेहत की स्थिति के अनुरूप ( accordingly ) दो बार डेली उचित मददगार के साथ
- आहार ( food ) के बाद कब लें या सिफारिश के अनुरूप ( accordingly ) लें
एहतियात
आमतौर पर, वसंत कुसुमाकर जूस के अल्पकालिक इस्तेमाल से कोई दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं होता है और इसके सेवन के बाद कोई असाधारण लक्षण ( symptom ) दिखाई नहीं देते हैं। यद्यपि, यह एक वजनी धातु फॉर्मूलेशन है, जिसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक डॉक्टर की निगरानी में किया जाना चाहिए। वसंत कुसुमाकर जूस के कारण वजनी धातु गंभीर विषाक्तता हो सकती है यदि इसका इस्तेमाल प्रति दिन 500 मिलीग्राम ( mg ) से ज्यादा और चिरकालीन बुनियाद पर किया जाता है।