Baidyanath Kapardak Bhasma (10g)

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Baidyanath Kapardak Bhasma (10g)

बदहजमी/अम्ल/गैस

कारण

  • खा
  • चिंता ( anxiety )
  • लगातार व्रत
  • मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
  • पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं

लक्षण

  • ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
  • आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
  • उल्टी
  • मतली के एपिसोड
  • स्वेलिंग की अनुभूति

NameBaidyanath Kapardak Bhasma (10g)
Other Namesवर्तिका भस्म
BrandBaidyanath
MRP₹ 89
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), Bhasm & Pishti
Sizes10 ग्राम
Prescription RequiredNo
Length3.6 सेंटिमीटर
Width3.6 सेंटिमीटर
Height6.8 सेंटिमीटर
Weight46 ग्राम
Diseasesबदहजमी/अम्ल/गैस

बैद्यनाथ कपर्दक भस्म (वाराटिका भस्म) के बारे में

आयुर्वेद ( ayurveda ) में कौड़ी को अनेक नामों से जाना जाता है जैसे वरता, वराटिका, कापर्दिक, कपर्दिका इत्यादि वे प्रमुख रूप से लाल, श्वेत और पीले कलर के बुनियाद पर तीन तरह के होते हैं। जिसके नजदीक पीले कलर का कलर, पीठ ( back ) पर पिंड और अंडाकार आकृति का होता है, वरातिका कहलाता है और मेडिसिनल प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है।

कौरी आमतौर पर इंडो-पैसिफिक समुद्र के तटीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले समुद्री जानवर साइप्रिया मोनेटा (आमतौर पर मनी कौड़ी के रूप में जाना जाता है) के बाहरी खोल को संदर्भित करता है। प्राचीन काल में कौड़ियों का इस्तेमाल धन के रूप में किया जाता था। इनका इस्तेमाल आभूषण बनाने में भी किया जाता है। केमिकल ( chemical ) रूप से, यह कैल्शियम ( calcium ) का कार्बोनेट है।

आयुर्वेद ( ayurveda ) में, वराटिका का इस्तेमाल कौड़ियों के कैल्सीनेशन द्वारा प्राप्त पाउडर के रूप में किया जाता है। इसे कापर्दिका या वर्तिका भस्म के नाम से जाना जाता है। यह जानवर मूल की खनिज दवा है। इसमें एंटासिड, अल्टरेटिव, डाइयुरेटिक, दस्त रोधी, पाचक और कफ, बलगम निस्‍सारक गुण होते हैं।

कपर्दक भस्म का इस्तेमाल बदहजमी, बदहजमी, आमाशय पीड़ा, पेप्टिक अल्सर ( ulcer ), स्प्रू सिंड्रोम ( syndrome ), आंतों के तपेदिक, मोतियाबिंद, ओटोरिया, बढ़े हुए तिल्ली, लीवर ( liver ), दमा और कफ के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है।

यह बाहरी रूप से भिन्न-भिन्न तरह के मलहमों में कास्टिक के रूप में भी उपयोग किया जाता है।

Ingredients of Baidyanath Kapardak Bhasm

  • Kapardaka
  • Lemon juice (Nimbu ka ras)
  • जल

Indications of Baidyanath Kapardak Bhasma

  • हाज़मा उत्तेजक
  • एंटासिड
  • पीड़ा-नाशक
  • antispasmodic
  • कामिनटिव
  • वमनरोधी
  • आम पचक (डिटॉक्सिफायर)
  • एंटीफ्लैटुलेंट
  • एंटीअल्सरोजेनिक
  • म्यूकोलाईटिक
  • स्तम्मक

Therapeutic Indications of Baidyanath Kapardak Bhasma

  • आमाशय में पीड़ा
  • स्वेलिंग
  • आमाशय फूलना
  • ग्रहणी फोड़ा
  • भूख में अभाव
  • सेंसिटिव आंत्र की रोग
  • मुँह का खट्टा स्वाद ( taste )
  • बदहजमी (बदहजमी)
  • कपर्दक भस्म के इस्तेमाल और फायदा

Dosage of Baidyanath Kapardak Bhasma

  • 2 - 4 चम्मच ( spoon ) दिन में दो बार सेवन करना है।
  • नींबू के जूस या घी या मधु ( honey ) के साथ अवश्य लेना चाहिए।

Precautions of Baidyanath Kapardak Bhasma

  • यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
  • इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
  • ज्यादा डोज़ के संजीदा दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
  • प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इसका बहुत एहतियात से इस्तेमाल किया जाना चाहिए, केवल तभी जब अवधारित डॉक्टर द्वारा बहुत अनिवार्य पाया गया हो।
  • इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
  • शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
  • सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।