Baidyanath Kashis Bhasma (10g)

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Baidyanath Kashis Bhasma (10g)

रक्त की अभाव

कारण

  • आयरन की पुष्टिकारक तत्वों की अभाव
  • आयरन का बुरा समावेश
  • वजनी औषधि पर आदमी
  • माहवार धर्म और बहुत ब्लीडिंग डिसऑर्डर
  • खून की कमी का पारिवारिक हिस्ट्री

लक्षण

  • निर्बलता और सुस्ती महसूस होना
  • हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) का निम्न स्तर
  • भूख में अभाव
  • बालों ( hair ) का झड़ना
  • पीलापन और भंगुर नाखून ( nails )
  • सरलता से थक जाता है
  • सहनशक्ति की अभाव
  • अनियमित ( irregular ) हृदय की हार्टबीट के साथ सरदर्द

NameBaidyanath Kashis Bhasma (10g)
BrandBaidyanath
MRP₹ 98
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), Bhasm & Pishti
Sizes10 ग्राम
Prescription RequiredNo
Length0 सेंटिमीटर
Width0 सेंटिमीटर
Height0 सेंटिमीटर
Weight0 ग्राम
Diseasesरक्त की अभाव

काशी भस्म के बारे में

कासिस भस्म एक खनिज आधारित आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें प्रमुख घटक के रूप में फेरस सल्फेट होता है। आयरन की मात्रा ( quantity ) के कारण, यह खून की कमी और माहवार धर्म रिलेटिव विकृतियों के ट्रीटमेंट ( treatment ) में मददगार है। कासिस भस्म भूख न लगना, बदहजमी, आमाशय का भारीपन, स्प्लेनोमेगाली और बालों ( hair ) का अवधि ( समय ) से पहले श्वेत होना के साथ बिमारियों के प्रबंधन में भी सहायक है।

कासिस भस्म की मटेरियल

  • शुद्ध ( pure ) कासिस (हरा विट्रियल) -फेरस सल्फेट
  • आंवला जूस-प्रसंस्करण के लिए

कासिस भस्म के मेडिसिनल गुण

  • हेमेटोजेनिक
  • हाज़मा उत्तेजक
  • इमेनगॉग
  • एन्टी अकड़नेवाला

इलाज इशारा

कासिस भस्म निम्नलिखित सेहत परिस्थितियों में मददगार है।

हृदय और रक्त

  • लोहे की अभाव से खून की कमी

हाज़मा सेहत

  • खट्टी ( sour ) डकार ( belching )
  • आमाशय फूलना
  • यकृत ( liver ) इज़ाफ़ा
  • फैटी ( fatty ) जिगर ( liver )
  • प्लीहा इज़ाफ़ा
  • कृमिरोग

स्त्री सेहत

  • एमेनोरिया (अनुपस्थित माहवार धर्म)
  • कष्टार्तव
  • ओलिगोमेनोरिया

स्किन और बाल

  • खारिश
  • बालों ( hair ) का अवधि ( समय ) से पहले श्वेत होना

मेडिसिनल इस्तेमाल और सेहत फायदा

कासिस भस्म प्रमुख रूप से ब्लड, गर्भाशय, लीवर ( liver ), प्लीहा, आमाशय और आंतों पर काम करती है। इसलिए यह इन अंगों से रिलेटेड बिमारियों में लाभकारी होता है। यहाँ कासिस भस्म के कुछ जरूरी मेडिसिनल इस्तेमाल और सेहत फायदा दिए गए हैं।

लोहे की अभाव से खून की कमी

कासीस भस्म में आयरन की ज्यादा मात्रा ( quantity ) होती है। कसीस भस्म की तैयारी पद्धति में हाई टेंपेरेचर ( temperature ) के अंतर्गत अभाव और कैल्सीनेशन और एलो वेरा जेल के साथ ट्रिट्यूरेटिंग शामिल है। यह हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) के स्तर को बढ़ाता है और बहुत थकान, निर्बलता, पीली स्किन, बार-बार इनफ़ेक्शन, घुमेरी ( dizziness ) आना और घुमेरी ( dizziness ) आना के लक्षणों को कम करता है। ये सब के सब लक्षण ( symptom ) तब होते हैं जब किसी आदमी में आयरन की अभाव होती है।

रजोरोध

कासिस भस्म प्राथमिक और द्वितीयक रजोरोध के लिए एक बढ़िया आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट ( treatment ) है। दोनों ही स्थितियों में, यह इमेनगॉग के रूप में काम करता है, इसलिए यह माहवार धर्म फ्लो को प्रोत्साहन देता है। कासीस भस्म के प्रभाव ( effect ) पहले 15 दिनों के भीतर प्रकट होते हैं। यदि स्त्री को 15 दिन बाद भी माहवार धर्म नहीं आ रहा है तो उसे कुछ उन्नत आयुर्वेदिक औषधियों की जरूरत हो सकती है। इसका हल्का इमेनगॉग प्रभाव ( effect ) होता है। हींग का इस्तेमाल कासिस भस्म के साथ-साथ इसके इमेनगॉग प्रभाव ( effect ) को प्रोत्साहन देने के लिए भी किया जाता है। कसीसादि वटी (राजा प्रवर्तिनी वटी), एक आयुर्वेदिक तैयारी है, जिसमें प्रमुख मटेरियल के रूप में कासिस भस्म और हींग शामिल हैं। इसका इस्तेमाल एमेनोरिया के लिए भी किया जाता है।

कष्टार्तव

कासिस भस्म में मरोड़-रोधी क्रिया होती है, जिसके कारण यह झिल्लीदार कष्टार्तव में बहुत सहायक होती है। यह माहवार धर्म के दौरान पीड़ा और मरोड़ को कम करता है। आपको नियत तारीख से 7 दिन पहले इसे शुरू करने और तीन माहवार धर्म चक्रों के लिए इसे दोहराने की जरूरत हो सकती है। माहवार धर्म पूरा होने के बाद आपको इसे लेना बंद कर देना चाहिए।

ओलिगोमेनोरिया

कुछ पेशेन्ट्स ( patient ) को असाधारण रूप से कम और हल्के माहवार धर्म की प्रॉब्लम ( problem ) होती है। कासिस भस्म ओलिगोमेनोरिया के लिए एक बढ़िया इलाज है। इसका इस्तेमाल उसी तरह किया जाना चाहिए जैसा कि कष्टार्तव के शीर्षक के अंतर्गत बताया गया है।

फैटी ( fatty ) जिगर ( liver )

कासिस भस्म बॉडी ( body ) में चिकनाई और कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) को कम करता है। यह जिगर ( liver ) से फैट को भी कम करता है, इसलिए यह फैटी ( fatty ) जिगर ( liver ) सिंड्रोम ( syndrome ) के लिए लाभदायक होता है। यह लीवर ( liver ) से पित्त डिस्चार्ज को प्रेरित करके भूख में भी इम्प्रूवमेंट करता है।

कासिस भस्म की डोज़

  • 125 मिलीग्राम ( mg ) दिन में दो बार मधु ( honey ) के साथ या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार।

कासिस भस्म की सतर्कता

  • यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
  • इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
  • ज्यादा डोज़ से गैस्ट्राइटिस, माहवार धर्म में ब्लीडिंग आदि के साथ संजीदा दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
  • प्रेग्नेंट और स्तनपान ( breastfeeding ) कराने वाली माताओं और शिशुओं में इससे बचना सबसे बढ़िया है।
  • इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
  • शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
  • सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।