Baidyanath Vatari Ras (10g)

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Baidyanath Vatari Ras (10g)

एडी का पीड़ा

कारण

  • ज्यादा भार के कारण एड़ी पर दबाव ( चाप ) पड़ता है
  • बुरा फिटिंग या घिसे-पिटे जूते पहनना
  • एड़ी में चोट
  • कैल्केनियम स्पर
  • काम करने की स्थिति जहां लंबे अवधि ( समय ) तक खड़े रहने की जरूरत होती है

लक्षण

  • एड़ी में तेज पीड़ा
  • एड़ी की स्वेलिंग के साथ चलने और खड़े होने में मुसीबत
  • एड़ी का सुन्न होना
  • एड़ी की हार्डनेस
  • ऊँची एड़ी के जूते उठाने में मुसीबत

पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा

कारण

  • पीठ ( back ) या घुटने ( knee ) में चोट
  • आमवात
  • संगठित चोटें
  • रजोनिवृत्ति
  • शिराओं का संपीड़न
  • व्यवसाय उन्मुख: निरन्तर खड़े रहना या बैठना

लक्षण

  • बैठने/काम करने/चलने के दौरान पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) में तेज पीड़ा
  • स्थिति बदलने में मुसीबत
  • पीठ ( back ) में भारीपन
  • टांगों में सुन्नपन
  • सोने की गलत पोजीशन

आमवात और आमवात

कारण

  • पुष्टिकारक तत्वों की अभाव (कैल्शियम। विटामिन ( vitamin ) डी)
  • रजोनिवृत्ति
  • आयु बढ़ने
  • ज्यादा भार
  • आमवात का पारिवारिक हिस्ट्री

लक्षण

  • जॉइंट्स के पीड़ा के साथ थकान
  • जॉइंट्स की लालिमा और स्वेलिंग
  • जॉइंट्स का अकड़ना
  • कठिन चलना
  • मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता

NameBaidyanath Vatari Ras (10g)
BrandBaidyanath
MRP₹ 104
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर
Sizes10 ग्राम
Prescription RequiredNo
Length3.7 सेंटिमीटर
Width3.7 सेंटिमीटर
Height7.4 सेंटिमीटर
Weight23 ग्राम
Diseasesएडी का पीड़ा, पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा, आमवात और आमवात

Vatari Ras के बारे में

वटारी जूस टैबलेट ( tablet ) या पाउडर के रूप में एक आयुर्वेदिक दवा है। इसका इस्तेमाल वात इम्बैलेंस ( असंतुलन ) के कारण होने वाले बिमारियों जैसे कि न्यूरिटिस, आमवात, लकवा आदि के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है। इस औषधि में वजनी धातु मूल तत्व होते हैं, इसलिए इसे केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही लेना चाहिए।

वतारी रसो की मटेरियल

  • शुद्ध ( pure ) पारा - हर्बल शुद्ध ( pure ) पारा
  • शुद्ध ( pure ) गंधक - हर्बल शुद्ध ( pure ) सल्फर
  • हरीतकी - चेबुलिक हरड़ फल का छिलका - टर्मिनलिया चेबुला
  • विभीतकी - बेलिरिक हरड़ फल का छिलका - टर्मिनलिया बेलिरिका
  • आमलकी - इंडियन करौदा फल - Emblica officinalis Gaertn
  • चित्रका - लेड वोर्ट (जड़) - प्लंबैगो ज़ेलेनिका - 50 ग्राम
  • एरंडैला - अरंडी का तेल - रिकिनस कम्युनिस

वतारी रसो के इशारा

  • न्युरैटिस
  • आमवात
  • शिराओं का पीड़ा
  • पक्षाघात
  • चेहरे का पक्षाघात
  • स्पॉन्डिलाइटिस ( spondylitis )
  • गाउट

वतारी रसो की डोज़

250 - 500 मिलीग्राम ( mg ) दिन में एक या दो बार, आहार ( food ) से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार। इसे पारंपरिक रूप से अरंडी की जड़ और जिंजर ( ginger ) के काढ़े के साथ दिया जाता है।

वतारी जूस के साइड इफेक्ट

  • इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें वजनी धातु मटेरियल होती है।
  • इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
  • ज्यादा डोज़ से संजीदा जहरीला प्रभाव ( effect ) हो सकता है।
  • प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इससे बचना सबसे बढ़िया है।
  • शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
  • सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।