एडी का पीड़ा
कारण
- ज्यादा भार के कारण एड़ी पर दबाव ( चाप ) पड़ता है
- बुरा फिटिंग या घिसे-पिटे जूते पहनना
- एड़ी में चोट
- कैल्केनियम स्पर
- काम करने की स्थिति जहां लंबे अवधि ( समय ) तक खड़े रहने की जरूरत होती है
लक्षण
- एड़ी में तेज पीड़ा
- एड़ी की स्वेलिंग के साथ चलने और खड़े होने में मुसीबत
- एड़ी का सुन्न होना
- एड़ी की हार्डनेस
- ऊँची एड़ी के जूते उठाने में मुसीबत
पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा
कारण
- पीठ ( back ) या घुटने ( knee ) में चोट
- आमवात
- संगठित चोटें
- रजोनिवृत्ति
- शिराओं का संपीड़न
- व्यवसाय उन्मुख: निरन्तर खड़े रहना या बैठना
लक्षण
- बैठने/काम करने/चलने के दौरान पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) में तेज पीड़ा
- स्थिति बदलने में मुसीबत
- पीठ ( back ) में भारीपन
- टांगों में सुन्नपन
- सोने की गलत पोजीशन
आमवात और आमवात
कारण
- पुष्टिकारक तत्वों की अभाव (कैल्शियम। विटामिन ( vitamin ) डी)
- रजोनिवृत्ति
- आयु बढ़ने
- ज्यादा भार
- आमवात का पारिवारिक हिस्ट्री
लक्षण
- जॉइंट्स के पीड़ा के साथ थकान
- जॉइंट्स की लालिमा और स्वेलिंग
- जॉइंट्स का अकड़ना
- कठिन चलना
- मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
Name | Baidyanath Vatari Ras (10g) |
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Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 104 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर |
Sizes | 10 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 3.7 सेंटिमीटर |
Width | 3.7 सेंटिमीटर |
Height | 7.4 सेंटिमीटर |
Weight | 23 ग्राम |
Diseases | एडी का पीड़ा, पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा, आमवात और आमवात |
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Vatari Ras के बारे में
वटारी जूस टैबलेट ( tablet ) या पाउडर के रूप में एक आयुर्वेदिक दवा है। इसका इस्तेमाल वात इम्बैलेंस ( असंतुलन ) के कारण होने वाले बिमारियों जैसे कि न्यूरिटिस, आमवात, लकवा आदि के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है। इस औषधि में वजनी धातु मूल तत्व होते हैं, इसलिए इसे केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही लेना चाहिए।
वतारी रसो की मटेरियल
- शुद्ध ( pure ) पारा - हर्बल शुद्ध ( pure ) पारा
- शुद्ध ( pure ) गंधक - हर्बल शुद्ध ( pure ) सल्फर
- हरीतकी - चेबुलिक हरड़ फल का छिलका - टर्मिनलिया चेबुला
- विभीतकी - बेलिरिक हरड़ फल का छिलका - टर्मिनलिया बेलिरिका
- आमलकी - इंडियन करौदा फल - Emblica officinalis Gaertn
- चित्रका - लेड वोर्ट (जड़) - प्लंबैगो ज़ेलेनिका - 50 ग्राम
- एरंडैला - अरंडी का तेल - रिकिनस कम्युनिस
वतारी रसो के इशारा
- न्युरैटिस
- आमवात
- शिराओं का पीड़ा
- पक्षाघात
- चेहरे का पक्षाघात
- स्पॉन्डिलाइटिस ( spondylitis )
- गाउट
वतारी रसो की डोज़
250 - 500 मिलीग्राम ( mg ) दिन में एक या दो बार, आहार ( food ) से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार। इसे पारंपरिक रूप से अरंडी की जड़ और जिंजर ( ginger ) के काढ़े के साथ दिया जाता है।
वतारी जूस के साइड इफेक्ट
- इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें वजनी धातु मटेरियल होती है।
- इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
- ज्यादा डोज़ से संजीदा जहरीला प्रभाव ( effect ) हो सकता है।
- प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इससे बचना सबसे बढ़िया है।
- शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
- सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।