Baidyanath Mahamash Tail (100ml)

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Baidyanath Mahamash Tail (100ml)

साइटिका

कारण

  • कटिस्नायुशूल नर्व का संपीड़न
  • काठ का स्पोंडिलोसिस नर्व दबाव ( चाप ) का कारण बनता है
  • अंदरूनी ब्लीडिंग जो स्थानीय दबाव ( चाप ) का कारण बनता है
  • स्लिप डिस्क के कारण दबाव ( चाप )
  • पोस्ट ऑपरेटिव शिकायतें

लक्षण

  • निचली कटि ( कमर ) का पीड़ा
  • टांगों में सुन्नपन और सनसनाहट
  • बछड़े की मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता के साथ टाँगों में पीड़ा
  • पांव और पांव की अंगुली की मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
  • प्रभावित पांव में निरन्तर पीड़ा
  • चलते अवधि ( समय ) पीड़ा

आमवात और आमवात

कारण

  • पुष्टिकारक तत्वों की अभाव (कैल्शियम। विटामिन ( vitamin ) डी)
  • रजोनिवृत्ति
  • आयु बढ़ने
  • ज्यादा भार
  • आमवात का पारिवारिक हिस्ट्री

लक्षण

  • जॉइंट्स के पीड़ा के साथ थकान
  • जॉइंट्स की लालिमा और स्वेलिंग
  • जॉइंट्स का अकड़ना
  • कठिन चलना
  • मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता

NameBaidyanath Mahamash Tail (100ml)
Other NamesMahamash Tel, महामश तेल, Mahamasha tailam
BrandBaidyanath
MRP₹ 232
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), तैलम और घृत
Sizes50 मिलीलीटर ( ml ), 100 मिलीलीटर ( ml )
Prescription RequiredNo
Length4.2 सेंटिमीटर
Width4.2 सेंटिमीटर
Height11.5 सेंटिमीटर
Weight104 ग्राम
Diseasesसाइटिका, आमवात और आमवात

About Baidyanath Mahamash Tail

महामाशा थैलम शक्तिशाली आयुर्वेद ( ayurveda ) तेल में से एक है, जिसका विस्तृत रूप से अनेक न्यूरोलॉजिकल परिस्थितियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस तेल का प्रमुख घटक तिल तेल (तिल का तेल), दशमूल, अश्वगंधा, कचूर, बाला मूल के साथ मैश या उड़द (काली दाल) है। , जीवनिया गण और और और इसलिए इसे महामश तेल का नाम दिया गया है, जिसमें माशा का मतलब है काला चना, जो इस तेल का प्रमुख घटक है। इसका इस्तेमाल बाहरी और अंदरूनी प्रशासन दोनों के लिए किया जाता है। इसमें नॉन वेज मूल तत्व होता है।

फायदा

  • आयुर्वेद ( ayurveda ) में इसका इस्तेमाल पक्षाघात और पक्षाघात के लिए किया जाता है।
  • यह बहरेपन, टिनिटस जैसी परिस्थितियों के लिए सहायक है। इसके लिए या तो कुछ ड्रॉप्स को सीधे कान ( ear ) में डालने के लिए या अंदरूनी प्रशासन द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
  • यह बंद जबड़े में अकड़न और पीड़ा को दूर करने में सहायता करता है।
  • इससे मस्तिष्क पीड़ा, नेत्रों के बीमारी दूर होते हैं।
  • यह हाथ ( arm ), पांव, मस्तिष्क, गर्दन ( neck ) से रिलेटेड अनेक जॉइंट्स के पीड़ा और पीड़ा से आराम दिलाने में मददगार है।
  • इसका इस्तेमाल लम्बर और सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस में किया जाता है।
  • इसका इस्तेमाल कुंद चोटों के कारण होने वाले पीड़ा को दूर करने के लिए भी किया जाता है, और रुमेटी और जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ) के लिए भी सहायक है।
  • इसका इस्तेमाल ड्यूचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और ऐसी ही और न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम्स में किया जाता है।
  • इसका इस्तेमाल सरदर्द और अधकपारी को दूर करने के लिए किया जाता है।
  • यह थकान दूर करने और बुजुर्ग लोगों के लिए सबसे बढ़िया मालिश तेलों में से एक है।
  • यह फ्रोजन शोल्डर के लिए ओरल ( oral ) रूप से और नस्य तेल के रूप में दिया जाता है।

Mahamash Tail . के इलाज इस्तेमाल

  • हनुस्तंभ (ताला)।
  • कातिस्तंभ (लंबो-त्रिक प्रदेश का प्रतिबंधित आंदोलन)।
  • पंगुटवा (पैरापलेजिया)।
  • वाताश्लेश्मरोग (वात और कफ, बलगम त्रुटि के कारण होने वाले बीमारी)।
  • अर्दिता (चेहरे का पक्षाघात)।
  • पृष्ठस्तंभ (पीठ ( back ) की अकड़न)।
  • शिरो-ग्रीव-स्तम्भ (मस्तिष्क और गर्दन ( neck ) का अकड़ना)।
  • अपतांत्रक (हिस्टीरिया)।
  • अधिमंथा (ओप्थाल्मिया, तेज पीड़ा से सरदर्द हो जाता है)।
  • खंजा (मोनोप्लेजिया)।
  • आमवात, जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ), आमवात, जॉइंट्स का पीड़ा, जकड़न।
  • बॉडी ( body ) में हर तरह का दर्द ( pain )
  • शीघ्रपतन, शुक्राणु स्राव।

डोज़:

ओरल ( oral ) प्रशासन के लिए साधारण डोज़ है - उष्ण जल के साथ आहार ( food ) से पहले दिन में एक या दो बार 5-10 बूँदें या आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा निर्देशित।

कैसे उपयोग करे

  • इस तेल का इस्तेमाल अंदरूनी और बाहरी उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
  • इस तेल का इस्तेमाल करते अवधि ( समय ) कृपया ( kindly ) लेबल पर परिक्षण लें कि यह अंदरूनी इस्तेमाल के लिए उचित है या नहीं।
  • नस्य के लिए हर एक नथुने में कुछ बूँदें डालें।
  • इसे बॉडी ( body ) के प्रभावित हिस्से पर दिन में 2-3 बार 2-3 माह तक बाहरी रूप से लगाना चाहिए।

दुष्प्रभाव ( side effect )

  • इस तेल के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं हैं।
  • डायबिटीज, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया और हाई बी.पी. वाले लोगों को ओरल ( oral ) रूप से लेते अवधि ( समय ) एहतियात बरतनी चाहिए।

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