दमा
कारण
- एक एलर्जेन, अड़चन के कांटेक्ट में। वायु में प्रदूषक
- तनाव
- बार-बार प्रतिश्याय ( जुकाम ) जो छाती में बस जाता है
- बारम्बार होनेवाला शीत और कफ का हिस्ट्री एलर्जिक राइनाइटिस
- आनुवंशिक पूर्व स्वभाव के साथ पारिवारिक हिस्ट्री
लक्षण
- कसरत के दौरान लेटते अवधि ( समय ) या हंसते अवधि ( समय ) रात्रि में खाँसी ( cough )
- छाती में अकड़न के साथ सांस लेने में कष्ट
- साँसों की अभाव
- सांस लेते अवधि ( समय ) आवाज के साथ घरघराहट
- कफ, बलगम के साथ सूखी या खाँसी ( cough )
Name | Baidyanath Mall Sindoor (2.5g) |
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Other Names | मॉल सिंदूरी |
Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 152 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर |
Sizes | 2.5 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 2.8 सेंटिमीटर |
Width | 2.8 सेंटिमीटर |
Height | 6.5 सेंटिमीटर |
Weight | 13 ग्राम |
Diseases | दमा |
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मॉल सिंदूर के बारे में
मॉल-सिंदूर आयुर्वेद ( ayurveda ) का एक खनिज सूत्र है और इसमें मॉल शामिल है। मॉल आर्सेनिक ट्रायऑक्साइड, As2O3 है। इसे और भी अनेक नामों से जाना जाता है जैसे। सांखिया, गौरीपाशन और फेनाश्मा। आर्सेनिक एक प्रबल विष है और आयुर्वेदिक औषधियों में इसका उपयोग सही विषहरण के बाद ही किया जाता है। मॉल सिंदूर को सिद्ध भेश मणिमाला से संदर्भित किया गया है। इसे सितोपलादि चूर्ण के साथ बहुत ही कम मात्रा ( quantity ) में देना चाहिए।
मॉल सिंदूर की प्रमुख मटेरियल
- Shuddha Parad
- Shuddha Gandhak
- रास करपुर या कैलोमेली
- मॉल
- एलोवेरा जूस में प्रोसेस्ड
मॉल सिंदूर के इस्तेमाल
- मल्ल सिंदूर वात और कफ, बलगम बिमारियों में सहायक है। यह जीवाणु, वायरस आदि के कारण होने वाली रोगों के उपचार के लिए सहायक औषधि है और हैजा / हैजा, मलेरिया, सिफलिस के उपचार के लिए दी जाती है।
- यह औषधि सुजाक के लिए भी दी जाती है। मॉल सिंदूर वात बीमारी, पक्षघात (हेमिप्लेजिया), अमावत आमवात, आमवात और कफ, बलगम बीमारी, निमोनिया ( pneumonia ), श्वसन ( respiration ) बीमारी के ट्रीटमेंट ( treatment ) में बढ़िया नतीजा देता है।
- मल्ल सिंदूर हिस्टीरिया, बुढ़ापे में निर्बलता, क्रोनिक दमा, बदहजमी, पुरुष ( male ) लैंगिक ( genital ) अंग की निर्बलता, इन्फ्लुएंजा, विषम ज्वार, प्रमेह में भी इशारा दिया गया है।
मॉल सिंदूर की डोज़
मॉल सिंदूर एक खनिज सूत्रीकरण है जिसमें शुद्ध ( pure ) आर्सेनिक, पारद और गंधक होता है। यह बहुत ताकतवर और शक्ति में उष्ण होता है। यह औषधि केवल औषधीय निगरानी में ही लेनी चाहिए। इस औषधि की डोज़ 1/2 रत्ती से 1 रत्ती तक दिन में दो बार है। सटीक ( exact ) डोज़ मरीज की ताकत, स्थिति और रोग पर निर्भर करती है। कफ, बलगम बीमारी के लिए जिंजर ( ginger ) के जूस और मधु ( honey ) के साथ दवा मधु ( honey ) या सितोपलादि चूर्ण (1 ग्राम) और मधु ( honey ) के साथ लेनी चाहिए।