बदहजमी/अम्ल/गैस
कारण
- खा
- चिंता ( anxiety )
- लगातार व्रत
- मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
- पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं
लक्षण
- ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
- आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
- उल्टी
- मतली के एपिसोड
- स्वेलिंग की अनुभूति
Name | Baidyanath Tamra Sindoor (2.5g) |
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Other Names | Tamra Sindur |
Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 140 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर |
Sizes | 2.5 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 2.8 सेंटिमीटर |
Width | 2.8 सेंटिमीटर |
Height | 6.5 सेंटिमीटर |
Weight | 13 ग्राम |
Diseases | बदहजमी/अम्ल/गैस |
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तमरा सिंदूर के बारे में
ताम्र सिंदूर अकार्बनिक मूल का एक आयुर्वेदिक सूत्रीकरण है। यह एक कुपिपकवा केमिकल है जिसमें पारा, सल्फर और तांबा होता है। यहां कुपीपकवा आयुर्वेदिक औषधि तैयार करने की स्पेशल पद्धति को दर्शाता है जिसमें कुपी या कांच की बोतल के अंदर औषधि प्रसंस्करण शामिल है। कुपी-पकवा केमिकल की तैयारी बहुत कठिन है और इसके लिए सावधानी से सटीकता की जरूरत होती है। ताम्र सिन्दुरा में केवल खनिज/धातुएँ होती हैं और इसमें कोई जड़ी-बूटी मटेरियल नहीं होती है। यह औषधि उष्ण होती है और इसे औषधीय निगरानी में ही लेना चाहिए।
ताम्र सिंदूर की मटेरियल
शुद्ध ( pure ) ताम्र तार
Shuddha Gandhak
Shuddha Parad
ताम्र सिंदूर के इस्तेमाल
- ताम्र सिंदूर तांबे के साथ पारा-सल्फर का सम्मिश्रण है। यह शक्ति में उष्ण होता है। यह ब्लड के बुरा होने और लीवर ( liver ) और तिल्ली के बिमारियों के कारण होने वाले बिमारियों पर प्रभावशाली रूप से काम करता है।
- यह दवा लीवर ( liver ), प्लीहा, अति अम्लता ( खट्टापन ), मिरगी ( epilepsy ) आदि के बिमारियों में दी जाती है। इसके उपयोग से लीवर ( liver )-तिल्ली का बढ़ना कम हो जाता है। यह पित्त के सही निर्वहन को नियंत्रित करता है और क्रोनिक हाज़मा नुक्सान को ठीक करता है।
- यह दवा मांसपेशियों ( muscles ), शिराओं, आमाशय और आंत्र को ताकत देती है। ताम्र सिंदूर आंतों की समस्या में आराम देता है।
- ताम्र सिंदूर हैजा या हैजा, वात त्रुटि के कारण खाँसी ( cough ), मतली, माहवार धर्म में बहुत पीड़ा और मिरगी ( epilepsy ) में लाभकारी प्रभाव ( effect ) दिखाता है।
ताम्र सिंदूर की डोज़
आयुर्वेदिक पाठ में दी गई ताम्र सिंदूर की रिकमंडेड डोज़ 125mg-250mg है, दिन में दो बार मधु ( honey ) के साथ, पान के पत्तों का जूस (पाइपर सुपारी) या तुलसी ( tulsi ) के पत्तों का रस।
डॉक्टर के निर्देशानुसार ही लें।