सोरायसिस और रूखी स्किन
कारण
- फैमिली के हिस्ट्री
- वायरल ( viral ) / बैक्टीरियल ( bacterial ) इनफ़ेक्शन
- तनाव
- मोटापा
- दबा बीमारी प्रतिरोधक योग्यता
- चिंता ( anxiety ) रिलेटिव डिसऑर्डर
लक्षण
- स्किन के लाल धब्बे
- खारिश
- स्किन में दाह या पीड़ा होना
- जॉइंट्स का पीड़ा
- अस्थियों में अकड़न
- किनारों से स्किन का कसाव
मुंहासे और फुंसियां
कारण
- यौवन/किशोरावस्था के दौरान हार्मोनल ( hormonal ) परिवर्तन
- ऑयली स्किन या चेहरे पर सीबम का ज्यादा डिस्चार्ज होना
- बहुत भावनात्मक तनाव
- प्रदूषण के कांटेक्ट में
- माहवार धर्म के दौरान हर माह
- उष्ण और आर्द्र जलवायु
- मुहांसों को निचोड़ना
लक्षण
- चेहरे पर मुंहासे, गाल, गर्दन ( neck ), शोल्डर, पीठ ( back ),
- स्किन बीमारी जिसके फलतः व्हाइटहेड्स, ब्लैकहेड्स, पिंपल्स, सिस्ट नोड्यूल्स
- पीड़ा और मवाद के साथ लाल अल्सर
- ऑयली और ऑयली स्किन
Name | बैद्यनाथ तालकेश्वर जूस (5 ग्राम) |
---|---|
Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 86 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर |
Sizes | 5जी |
Prescription Required | No |
Length | 2.8 सेंटिमीटर |
Width | 2.8 सेंटिमीटर |
Height | 5.9 सेंटिमीटर |
Weight | 31 ग्राम |
Diseases | सोरायसिस और रूखी स्किन, मुंहासे और फुंसियां |
You might also like:
तालकेश्वर रासु के बारे में
तालकेश्वर जूस भिन्न-भिन्न स्किन बिमारियों जैसे कुष्ठ, ल्यूकोडर्मा, एक्जिमा या दाद आदि के ट्रीटमेंट ( treatment ) में सहायक जड़ी-बूटी-खनिज आयुर्वेदिक औषधि है।
तालकेश्वर जूस आयुर्वेद ( ayurveda ) सार संग्रह से संदर्भित है और कुष्ठ रोगाधिकार के अंतर्गत आता है। यदि लंबे अवधि ( समय ) तक और भोजन प्रतिबंध का पालन किया जाए तो यह औषधि कुष्ठ और स्किन बिमारियों के ट्रीटमेंट ( treatment ) में प्रभावशाली है। इस औषधि को लेते अवधि ( समय ) कुछ खाद्य तत्त्व जैसे तेल, मिर्च, मसाले, लवण, खटाई, दही, मछली, मदिरा से बचना चाहिए। तालकेश्वर जूस के साथ खादीरारिष्ट या मंजिष्ठादि क्वाथ/संदूक लेना चाहिए।
तालकेश्वर रसो की मटेरियल
Shudh Parad
Shudh Manshila
Shudh Hartaal
स्वर्ण-मक्षिक भस्म
Sendha Namak
Shudha Suhaga
Shudh Gandhak
शंख भस्म
तालकेश्वर रास के इशारा
भिन्न-भिन्न स्किन बिमारियों का ट्रीटमेंट ( treatment )
लुकोदेर्मा
श्वेत दाग
Shweta Kustha
कुस्थः
कुष्ठ बीमारी
तालकेश्वर रसो की डोज़
एक से दो टैबलेट ( tablet ) दिन में एक या दो बार मधु ( honey )/घी के साथ या डॉक्टर के निर्देशानुसार।
तालकेश्वर रास की सतर्कता
- यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
- इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
- शिशुओं और प्रेग्नेंट और स्तनपान ( breastfeeding ) कराने वाली माताओं में इससे बचना चाहिए।
- ज्यादा मात्रा ( quantity ) में लेने से अनेक जहरीले दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
- इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
- शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
- सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।