Dhootapapeshwar Kanakasava (450ml)

  • Home
  • धूतपापेश्वर कनकसाव (450ml)
shape1
shape2
shape3
Dhootapapeshwar Kanakasava (450ml)

कफ

कारण

  • विषाणुजनित इनफ़ेक्शन
  • प्रदूषकों के कांटेक्ट और एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
  • फेफड़ों के जीर्ण बीमारी
  • दाह या कंठनली में इनफ़ेक्शन
  • शीत और फ्लू ( flu )
  • एलर्जिक राइनाइटिस और साइनोसाइटिस
  • हृदय से रिलेटेड वेंट्रिकल या वाल्व की समस्या

लक्षण

  • कफ, बलगम के साथ खाँसी ( cough ) या सूखी खाँसी ( cough )
  • खांसते अवधि ( समय ) छाती में पीड़ा
  • दाह के साथ कंठनली का लाल होना
  • सांस लेने में कष्ट
  • निरन्तर गला साफ करना
  • खांसने के कारण आमाशय में पीड़ा

ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ )

कारण

  • स्मोकिंग
  • वायु प्रदूषकों की ब्रीथिंग लेना (धूल या जहरीली गैसें)
  • फेफड़ों का इनफ़ेक्शन
  • कम इम्युनिटी
  • ताकतवर एसिड के लिए व्यावसायिक ख़तरा

लक्षण

  • कफ, बलगम के साथ कफ
  • साँसों की अभाव
  • हल्का ज्वर और शीत लगना
  • हल्का सरदर्द या बॉडी ( body ) में पीड़ा
  • उत्पादक कफ जो महीनों ( कई माह ) तक रहती है
  • थकान और छाती में कष्ट

दमा

कारण

  • एक एलर्जेन, अड़चन के कांटेक्ट में। वायु में प्रदूषक
  • तनाव
  • बार-बार प्रतिश्याय ( जुकाम ) जो छाती में बस जाता है
  • बारम्बार होनेवाला शीत और कफ का हिस्ट्री एलर्जिक राइनाइटिस
  • आनुवंशिक पूर्व स्वभाव के साथ पारिवारिक हिस्ट्री

लक्षण

  • कसरत के दौरान लेटते अवधि ( समय ) या हंसते अवधि ( समय ) रात्रि में खाँसी ( cough )
  • छाती में अकड़न के साथ सांस लेने में कष्ट
  • साँसों की अभाव
  • सांस लेते अवधि ( समय ) आवाज के साथ घरघराहट
  • कफ, बलगम के साथ सूखी या खाँसी ( cough )

Nameधूतपापेश्वर कनकसाव (450ml)
BrandDhootapapeshwar
MRP₹ 158
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), आसव अरिष्ट और कढाई
Sizes450 मिलीलीटर ( ml )
Prescription RequiredNo
Length17 सेंटिमीटर
Width5 सेंटिमीटर
Height5 सेंटिमीटर
Weight523 ग्राम
Diseasesकफ, ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ), दमा

अंशदान

कनकसव द्रव रूप में एक द्रव आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका विस्तृत रूप से दमा, चेस्ट में इनफ़ेक्शन, क्रोनिक कफ, जीर्ण ज्वर और ब्लीडिंग विकृतियों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। इत्यादि इसमें 5-10% स्वयं निर्मित शराब होता है। यह स्वयं उत्पन्न शराब और उत्पाद ( product ) में उपस्थित जल बॉडी ( body ) में एक्टिव हर्बल अवयवों को जल और शराब में घुलनशील करने के लिए एक मीडिया के रूप में काम करता है। इस औषधि में अनेक नेचुरल जड़ी-बूटियाँ होती हैं जिन्हें ताकतवर मेडिसिनल गुणों के लिए जाना जाता है, जो कार्यों को अच्छा बनाने में सहायता करती हैं। फेफड़ों की, और नुक़सान के विरुद्ध फुफ्फुसीय टिशू की बचाव करना। इन जड़ी बूटियों का इस्तेमाल सदियों से किया जाता रहा है और श्वसन ( respiration ) तंत्र को प्रभावित करने वाली तेज़ और क्रोनिक परिस्थितियों से प्रभावशाली आराम प्रोवाइड कर सकता है। आसव आयुर्वेदिक पद्धति की किण्वित मेडिसिन हैं जिनमें शराब होता है। जल में गुड़/मधु ( honey )/शुगर और महुआ फूल, ढाई फूल या बबुल की छाल डालकर मेडिसिनल जड़ी-बूटियों के जूस को किण्वन से गुजरने की इजाज़त देकर आसव तैयार किया जाता है। किण्वन एक माह की अवधि के लिए सीलबंद बर्तनों को जमीन या भूसी में दफन करके निस्पंदन के बाद किया जाता है। किण्वन के दौरान स्व-निर्मित शराब प्रमुख अवयवों से एक्टिव सिद्धांतों को निकालता है और परिरक्षक के रूप में भी काम करता है।

कनकसाव की मटेरियल

कनकसव एक द्रव औषधि है जिसमें करीब-करीब 5 से 10% स्व-निर्मित शराब होता है। यह नेचुरल रूप से उत्पादित शराब, इसमें उपस्थित जल के साथ, जड़ी-बूटियों में एक्टिव सिद्धांतों को वितरित करने के लिए एक साधन के रूप में काम करता है। इस औषधि को तैयार करने की अनूठी पद्धति इसकी शेल्फ लाइफ को बढ़ाती है। एक बार तैयार हो जाने के बाद, यह औषधि अपने अवयवों और मेडिसिनल गुणों में बिना किसी बदलाव के 10 वर्ष तक अपरिवर्तित रह सकती है। इस औषधि के हर्बल अवयवों का उल्लेख नीचे किया गया है:

  • कनक (धतूरा मेटल)
  • वृषामूला (अधतोदा गांव)
  • यष्टिमधु (नद्यपान)
  • Pippali (Long Pepper)
  • व्यहग्री (सोलनम ज़ैंथोकार्पम)
  • Keshara (Mesua Ferrea)
  • Vishvabheshaja (Shunti or Ginger)
  • भरंगी (क्लेरोडेंड्रम सेराटम)
  • तालीसपात्रा (अबीस वेबियाना)
  • धातकी (वुडफोर्डिया फ्रूटिकोसा)
  • द्राक्षा (किशमिश या सूखे मेवे)
  • जल
  • शरकारा (शुगर)
  • क्षौद्रा (मधु ( honey ))

कंकसाव के इशारा

कनकसव का इस्तेमाल करके जिन भिन्न-भिन्न परिस्थितियों का उपचार किया जा सकता है, उनका वर्णन नीचे किया गया है।

दमा

कनकसाव विस्तृत रूप से ब्रोन्कियल दमा के ट्रीटमेंट ( treatment ) में उपयोग किया जाता है। इस स्थिति वाले रोगियों को सांस फूलने के बार-बार हमले का अनुभव होता है, जब वे उन पदार्थों के कांटेक्ट में आते हैं जिनसे उनका बॉडी ( body ) अतिसंवेदनशील होता है जैसे कि धूल, इत्र की स्मेल, वायु प्रदूषण और यहां तक ​​​​कि कुछ खाद्य योजक। इन पदार्थों के कांटेक्ट में आने से इम्युनिटी पद्धति की अतिरंजित रिएक्शन होती है, जिससे ब्रोंची और ब्रोन्किओल्स में मांसपेशियों ( muscles ) में मरोड़ के साथ-साथ श्लेष्मा का बहुत उत्पत्ति होता है जिसके कारण पेशेन्ट्स ( patient ) को सांस लेने में मुसीबत होती है। कनकशव इम्युनिटी पद्धति की रिएक्शन में इम्प्रूवमेंट करके इन आक्रमणों को नियंत्रित करने में सहायता कर सकता है। यह एलर्जी ( allergy ) को रोकता है और सांस लेने में सरलता करता है। यह वायु पथ के फैलाव को प्रेरित करता है और चेस्ट में अकड़न को कम करता है। इस औषधि के नित्य इस्तेमाल से दमा के दौरे की पुनरावृत्ति को प्रयाप्त हद तक कम किया जा सकता है।

श्वासप्रणाली में इनफ़ेक्शन

कनकसाव का इस्तेमाल ऊपरी और निम्न श्वसन ( respiration ) पथ के इनफ़ेक्शन जैसे साधारण शीत, साइनोसाइटिस, निमोनिया ( pneumonia ), तपेदिक और ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ) के उपचार के लिए किया जा सकता है। यह श्वसन ( respiration ) पथ में श्लेष्मा के उत्पत्ति को कम करता है और कठिनाई को कम करता है। कनकसव की नेचुरल म्यूकोलाईटिक क्रिया गाढ़े श्लेष्मा के द्रवीकरण का कारण बनती है और पेशेन्ट्स ( patient ) के लिए इससे मुक्ति पाना सरल हो जाता है। यह इन इनफ़ेक्शन के कारण होने वाले ज्वर को भी नियंत्रित करता है। यह जीवाणुरोधी और एंटीवायरल क्रियाओं का उत्पत्ति करके इनफ़ेक्शन पैदा करने वाले जीवाणु और वायरस को समाप्त करता है। यह चेस्ट की चोटों वाले पेशेन्ट्स ( patient ) में सुपरएडेड इनफ़ेक्शन के ख़तरा को भी कम करता है।

भार बढ़ना

कनकसव एक बहुत बढ़िया साधारण टॉनिक है जिसका इस्तेमाल कमजोरी और कुपोषण से दुःखित लोग भार बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। यह थकान को कम करता है और इन पेशेन्ट्स ( patient ) के एनर्जी स्तर को बढ़ाता है। यह उनकी समस्त सहनशक्ति में इम्प्रूवमेंट करता है और उन्हें ताजा महसूस करने की इजाज़त देता है। यह एक आदमी की समस्त उत्पादकता में इम्प्रूवमेंट करने के लिए पाया गया है। यह लंबे अवधि ( समय ) तक दैहिक काम करने की उनकी योग्यता को बढ़ाता है। जीर्ण दुर्बल करने वाली रोगों से दुःखित लोग, जिसके कारण उनका भार प्रयाप्त कम हो जाता है, वे भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यह उन्हें तेजी से ठीक होने में सहायता करता है और सही भार निश्चित रूप से करता है।

Kanakasava Dosage

  • 12-24 मिली आसव + इसमें बराबर मात्रा ( quantity ) में जल मिलाकर आहार ( food ) के बाद दिन में दो बार लें।

Precautions For Kanakasav

  • 5 साल से ज्यादा आयु के शिशुओं में, इस औषधि को कम डोज़ में इस्तेमाल करना सुरक्षित है।
  • प्रेग्नेंसी ( pregnency ) के दौरान, इससे बचना / केवल औषधीय निगरानी में ही लेना सबसे बढ़िया है।
  • स्तनपान ( breastfeeding ) की अवधि के दौरान, इसे चिकित्सक की परामर्श के बुनियाद पर कम मात्रा ( quantity ) में लिया जा सकता है।
  • अवधारित से बहुत ज्यादा डोज़ आमाशय में दाह और ढीले पाखाना का कारण बन सकती है।
  • आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह के बाद ही इस हर्बल उत्पाद ( product ) का सेवन करना चाहिए।
  • यह आपके आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा सुझाए गए सटीक ( exact ) डोज़ में लेने की जरूरत है।
  • इसे नित्य सख्त औषधीय निगरानी में ही लेना चाहिए।
  • यदि अच्छी क्वालिटी वाली जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करके तैयार नहीं किया जाता है, या यदि बहुत ज्यादा मात्रा ( quantity ) में लिया जाता है, तो इसके फलतः धतूरा गंभीर विषाक्तता जैसे दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
  • कसकर बंद एम्बर कलर की बोतल में ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें, प्रकाश और नमी से बचाएं।