Dhootapapeshwar Lohasava (450ml)

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Dhootapapeshwar Lohasava (450ml)

रक्त की अभाव

कारण

  • आयरन की पुष्टिकारक तत्वों की अभाव
  • आयरन का बुरा समावेश
  • वजनी औषधि पर आदमी
  • माहवार धर्म और बहुत ब्लीडिंग डिसऑर्डर
  • खून की कमी का पारिवारिक हिस्ट्री

लक्षण

  • निर्बलता और सुस्ती महसूस होना
  • हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) का निम्न स्तर
  • भूख में अभाव
  • बालों ( hair ) का झड़ना
  • पीलापन और भंगुर नाखून ( nails )
  • सरलता से थक जाता है
  • सहनशक्ति की अभाव
  • अनियमित ( irregular ) हृदय की हार्टबीट के साथ सरदर्द

Nameधूतपापेश्वर लोहासव (450ml)
BrandDhootapapeshwar
MRP₹ 167
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), आसव अरिष्ट और कढाई
Sizes450 मिलीलीटर ( ml )
Prescription RequiredNo
Length6 सेंटिमीटर
Width6 सेंटिमीटर
Height17 सेंटिमीटर
Weight517 ग्राम
Diseasesरक्त की अभाव

धूतपापेश्वर लोहासव के बारे में

लोहासव खून की कमी के लिए एक आयुर्वेदिक दवा है। यह एक द्रव आयुर्वेदिक औषधि है। इसमें नेचुरल रूप से प्रसंस्कृत आयरन होता है। लोहासव में स्वयं निर्मित शराब का 4 - 10% होता है। यह स्वयं उत्पन्न शराब और उत्पाद ( product ) में उपस्थित जल बॉडी ( body ) में एक्टिव हर्बल अवयवों को घुलनशील जल और शराब पहुंचाने के लिए एक साधन के रूप में काम करता है।

धूतपापेश्वर लोहासव की मटेरियल

  • शोधिता लोहा (शुद्ध ( pure ), हर्बल प्रसंस्कृत आयरन)
  • शुंटी (जिंजर ( ginger ))
  • काली मिर्च
  • लंबी मिर्च
  • हरीतकी
  • Vibhitaki
  • अमला
  • यवानी
  • विदांग
  • मुस्तका
  • चित्रा (एरंडा)
  • Dhataki
  • मधु
  • गुड़
  • जल

धूतपापेश्वर लोहासव के इलाज इशारा

लोहासव का इस्तेमाल खून की कमी के लिए आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है। खून की कमी के अतिरिक्त, लोहासव का इस्तेमाल स्वेलिंग, स्वेलिंग, लीवर ( liver ) और प्लीहा की स्थिति, खारिश, डायबिटीज, गुलमा, जलोदर, पाईल्स ( बवासीर ), दमा, एनोरेक्सिया, कफ, फिस्टुला, ग्रहणी (दुर्घटना) के लिए भी किया जाता है। कुछ हाज़मा रोग। यह हाज़मा को शीघ्र बढ़ाता है और पीलापन में इम्प्रूवमेंट करता है।

  • लोहासव एक आयुर्वेदिक दवा है जिसमें हाज़मा में इम्प्रूवमेंट करने का गुण होता है
  • यह कोष्ठबद्धता ( constipation ) से निपटता है।
  • खून की कमी और और लीवर ( liver ) और प्लीहा विकृतियों के फलतः हेपाटो स्प्लेनोमेगाली में सहायक औषधि
  • डायबिटीज, स्किन बीमारी, दमा, कफ में प्रभावशाली रूप से बढ़िया नतीजा लाता है
  • दुर्बल जठराग्नि (दुर्बल हाज़मा), अरुचि (बेस्वाद), अग्निमांड्या (हाज़मा कमजोरी) में भी लाभकारी
  • साथ ही ग्रहानी (मैलाबॉस्पशन सिंड्रोम ( syndrome )) और गुलमा (आमाशय की गांठ) में एक सुझाई गई हर्बल औषधि
  • यह पाईल्स ( बवासीर ) और गुदा नालव्रण में एक सहायक इलाज है
  • शोफ से आराम देता है (श्वायथु)
  • हार्ट बीमारी में इस्तेमाल के लिए बढ़िया है।
  • जीर्ण ज्वर, मलेरिया ज्वर, जॉन्डिस और हेपेटाइटिस आदि जैसी परिस्थितियों में भी फायदा मिलता है।
  • यह बॉडी ( body ) के अंदर तरल के संचय का प्रबंधन करता है।

धूतपेश्वर लोहासव के लिए डोज़

आहार ( food ) के बाद एक या दो बार समान मात्रा ( quantity ) में जल के साथ 10 से 20 मिलीलीटर ( ml ) लें।

धूतपेश्वर लोहासव . के लिए सतर्कता

लोहासवा में आयरन है, 6 साल से कम आयु के शिशुओं में ज्यादा मात्रा ( quantity ) में घातक गंभीर विषाक्तता के लक्षण ( symptom ) हो सकते हैं इसलिए इसे औषधीय निगरानी में और आहार ( food ) के बाद विशेषतः लिया जाना चाहिए। वयस्कों में हाई डोज़ के फलतः गैस्ट्र्रिटिस और मतली हो सकती है। कम डोज़ में इस औषधि का इस्तेमाल करना सुरक्षित है, 5 साल से ज्यादा आयु के शिशुओं में। प्रेग्नेंसी ( pregnency ) में इसे केवल औषधीय निगरानी में ही लेना अच्छा होता है। प्रेग्नेंसी ( pregnency ) के दौरान स्व-औषधि से बचें। स्तनपान ( breastfeeding ) की अवधि के दौरान इसे लिया जा सकता है लेकिन चिकित्सक की परामर्श के अंतर्गत, वह भी अल्प अवधि ( समय ) के लिए। कसकर बंद एम्बर कलर की बोतल में ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें, प्रकाश और नमी से बचाएं।