Name | धूतपापेश्वर रससप्तक कड़ा (450ml) |
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Brand | Dhootapapeshwar |
MRP | ₹ 185 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), आसव अरिष्ट और कढाई |
Sizes | 450 मिलीलीटर ( ml ) |
Prescription Required | No |
Length | 5 सेंटिमीटर |
Width | 10 सेंटिमीटर |
Height | 5 सेंटिमीटर |
Weight | 600 ग्राम |
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धूतपापेश्वर रससप्तक कढाई
धूतपापेश्वर रससप्तक कढ़ा के बारे में
धूतपापेश्वर रससप्तक कड़ा एक पॉलीहर्बल आयुर्वेदिक दवा है। इसका संदर्भ भैषज्यरत्नावली, अमावताधिकारा से मिलता है। इसमें रसना और और सात घटक शामिल हैं और इसलिए रसना सप्तक कड़ा नाम दिया गया है।
यह जड़ी-बूटियों के मिश्रण ( mixture ) को जल में उबालकर तैयार किया जाता है जब तक कि आरंभिक मात्रा ( quantity ) का एक चौथाई भाग न रह जाए। रसना सप्तक काढ़ा आमवात, गाउट, आमवात, पीठ ( back ) पीड़ा, कटि ( कमर ) पीड़ा, कटिस्नायुशूल, स्पोंडिलोसिस, कठोर जॉइंट्स और इसी तरह के और स्वेलिंग रिलेटिव विकृतियों के ट्रीटमेंट ( treatment ) में सहायक है।
धूतपापेश्वर रससप्तक कड़ाही की मटेरियल
- रसना अप्लिनिया गलंगा
- Trikantaka (Gokshura) Tribulus terrestris
- एरंडा रिकिनस कम्युनिस
- अमृता (गुडुची)
- देवदरु
- पुनर्नवा बोरहविया डिफ्यूसा (ब्लड पुनर्नवा)
- अरग्वधा कैसिया फिस्टुला
- शुंथि चूर्ण
धूतपापेश्वर रससप्तक कढ़ा के फायदा
- वात और कफ, बलगम त्रुटि को बैलेंस्ड करने में सहायता करता है
- एनाल्जेसिक और एन्टी भड़काऊ गुण है
- अच्छा हाज़मा में मददगार
- बॉडी ( body ) में पीड़ा और स्वेलिंग में आराम देता है
- हर्बल है और इसका कोई ज्ञात दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं है
- अच्छा भूख, हाज़मा और उन्मूलन का समर्थन ( support ) करता है
धूतपापेश्वर रससप्तक कढ़ा का इस्तेमाल कैसे करें?
- डॉक्टर के निर्देशानुसार उपयोग करें
धूतपेश्वर रससप्तक कड़ाही की सतर्कता
- ठण्डे एवं सूखी जगह पर भंडारित करें
- सीधी धूप से दूर रखें
- शिशुओं की पहुंच से दूर रखें
- औषधीय निगरानी में इस्तेमाल करें