Nagarjun Mahamash Tailam (100ml)

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Nagarjun Mahamash Tailam (100ml)

एडी का पीड़ा

कारण

  • ज्यादा भार के कारण एड़ी पर दबाव ( चाप ) पड़ता है
  • बुरा फिटिंग या घिसे-पिटे जूते पहनना
  • एड़ी में चोट
  • कैल्केनियम स्पर
  • काम करने की स्थिति जहां लंबे अवधि ( समय ) तक खड़े रहने की जरूरत होती है

लक्षण

  • एड़ी में तेज पीड़ा
  • एड़ी की स्वेलिंग के साथ चलने और खड़े होने में मुसीबत
  • एड़ी का सुन्न होना
  • एड़ी की हार्डनेस
  • ऊँची एड़ी के जूते उठाने में मुसीबत

पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा

कारण

  • पीठ ( back ) या घुटने ( knee ) में चोट
  • आमवात
  • संगठित चोटें
  • रजोनिवृत्ति
  • शिराओं का संपीड़न
  • व्यवसाय उन्मुख: निरन्तर खड़े रहना या बैठना

लक्षण

  • बैठने/काम करने/चलने के दौरान पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) में तेज पीड़ा
  • स्थिति बदलने में मुसीबत
  • पीठ ( back ) में भारीपन
  • टांगों में सुन्नपन
  • सोने की गलत पोजीशन

आमवात और आमवात

कारण

  • पुष्टिकारक तत्वों की अभाव (कैल्शियम। विटामिन ( vitamin ) डी)
  • रजोनिवृत्ति
  • आयु बढ़ने
  • ज्यादा भार
  • आमवात का पारिवारिक हिस्ट्री

लक्षण

  • जॉइंट्स के पीड़ा के साथ थकान
  • जॉइंट्स की लालिमा और स्वेलिंग
  • जॉइंट्स का अकड़ना
  • कठिन चलना
  • मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता

NameNagarjun Mahamash Tailam (100ml)
BrandNagarjun
MRP₹ 155
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), तैलम और घृत
Sizes50 मिलीलीटर ( ml ), 100 मिलीलीटर ( ml ), 200, 500 मिली
Prescription RequiredNo
Length0 सेंटिमीटर
Width0 सेंटिमीटर
Height0 सेंटिमीटर
Weight0 ग्राम
Diseasesएडी का पीड़ा, पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा, आमवात और आमवात

Mahamash Tail . के बारे में

महामाशा पूंछ शक्तिशाली आयुर्वेद ( ayurveda ) तेल में से एक है, जिसका विस्तृत रूप से अनेक न्यूरोलॉजिकल परिस्थितियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस तेल का प्रमुख घटक तिल तेल (तिल का तेल), दशमूल, अश्वगंधा, कचूर, बाला मूल के साथ मैश या उड़द (काली दाल) है। , जीवनिया गण और और और इसलिए इसे महामश तेल का नाम दिया गया है, जिसमें माशा का मतलब है काला चना, जो इस तेल का प्रमुख घटक है। इसका इस्तेमाल बाहरी और अंदरूनी प्रशासन दोनों के लिए किया जाता है। इसमें नॉन वेज मूल तत्व होता है।

महामाश टेल के लाभ

  • इसका इस्तेमाल पक्षाघात, पक्षाघात के आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है।
  • इसका इस्तेमाल बहरेपन, टिनिटस के उपचार के लिए किया जाता है। इसके लिए या तो कुछ ड्रॉप्स को सीधे कान ( ear ) में डालने के लिए या अंदरूनी प्रशासन द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
  • यह बंद जबड़े में अकड़न और पीड़ा को दूर करने में सहायता करता है।
  • इससे मस्तिष्क पीड़ा, नेत्रों के बीमारी दूर होते हैं।
  • यह हाथ ( arm ), पांव, मस्तिष्क, गर्दन ( neck ) से रिलेटेड अनेक जॉइंट्स के पीड़ा और पीड़ा से आराम दिलाने में मददगार है।
  • इसका इस्तेमाल काठ और ग्रीवा स्पोंडिलोसिस ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है।
  • इसका इस्तेमाल कुंद चोटों के कारण होने वाले पीड़ा को दूर करने और रुमेटी और ऑस्टियो आमवात के ट्रीटमेंट ( treatment ) में भी किया जाता है।
  • इसका इस्तेमाल ड्यूचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और ऐसी ही और न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम्स में किया जाता है।
  • इसका इस्तेमाल सरदर्द और अधकपारी को दूर करने के लिए किया जाता है।
  • यह थकान दूर करने और बुजुर्ग लोगों के लिए सबसे बढ़िया मालिश तेलों में से एक है।
  • यह फ्रोजन शोल्डर के उपचार में ओरल ( oral ) रूप से और नस्य तेल के रूप में दिया जाता है।

Mahamash Tail . के इलाज इशारा

  • हनुस्तंभ (ताला)।
  • कातिस्तंभ (लंबो-त्रिक प्रदेश का प्रतिबंधित आंदोलन)।
  • पंगुटवा (पैरापलेजिया)।
  • वाताश्लेश्मरोग (वात और कफ, बलगम त्रुटि के कारण होने वाले बीमारी)।
  • अर्दिता (चेहरे का पक्षाघात)।
  • पृष्ठस्तंभ (पीठ ( back ) की अकड़न)।
  • शिरो-ग्रीव-स्तम्भ (मस्तिष्क और गर्दन ( neck ) का अकड़ना)।
  • अपतांत्रक (हिस्टीरिया)।
  • अधिमंथा (ओप्थाल्मिया, तेज पीड़ा से सरदर्द हो जाता है)।
  • खंजा (मोनोप्लेजिया)।
  • आमवात, जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ), आमवात, जॉइंट्स का पीड़ा, जकड़न।
  • बॉडी ( body ) में हर तरह का दर्द ( pain )
  • शीघ्रपतन, शुक्राणु स्राव।

महामाश तेल की डोज़

ओरल ( oral ) प्रशासन के लिए साधारण डोज़ है - उष्ण जल के साथ आहार ( food ) से पहले दिन में एक या दो बार 5-10 बूँदें या आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा निर्देशित।

महामश पूंछ का इस्तेमाल कैसे करें

  • इस तेल का इस्तेमाल अंदरूनी और बाहरी उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
  • इस तेल का इस्तेमाल करते अवधि ( समय ) कृपया ( kindly ) लेबल पर परिक्षण लें कि यह अंदरूनी इस्तेमाल के लिए उचित है या नहीं।
  • नस्य के लिए हर एक नथुने में कुछ बूँदें डालें।
  • इसे बॉडी ( body ) के प्रभावित हिस्से पर दिन में 2-3 बार 2-3 माह तक बाहरी रूप से लगाना चाहिए।

महामाश तेल के लिए सतर्कता

  • इस तेल के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं हैं।
  • डायबिटीज, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया और हाई बी.पी. वाले लोगों को ओरल ( oral ) रूप से लेते अवधि ( समय ) एहतियात बरतनी चाहिए।