Tansukh Bael Churan (100g)

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Tansukh Bael Churan (100g)

पित्त पथरी

कारण

  • हाई कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) भोजन
  • यकृत ( liver ) / लीवर ( liver ) डिसऑर्डर
  • पित्त पथरी का गठन
  • एस्ट्रोजन युक्त ओरल ( oral ) गर्भ-निरोधक लेना

लक्षण

  • आमाशय के ऊपरी दाहिने ( right ) हिस्से में पीड़ा
  • शोल्डर के ब्लेड के बीच पीठ ( back ) पीड़ा
  • उल्टी
  • मतली
  • स्किन और नेत्रों का पीला पड़ना

बदहजमी/अम्ल/गैस

कारण

  • खा
  • चिंता ( anxiety )
  • लगातार व्रत
  • मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
  • पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं

लक्षण

  • ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
  • आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
  • उल्टी
  • मतली के एपिसोड
  • स्वेलिंग की अनुभूति

Nameतनसुख बेल चूरन (100 ग्राम)
Brandतनसुखो
MRP₹ 70
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), चूर्ण, अवलेहा और पाकी
Sizes100 ग्राम
Prescription RequiredNo
Length0 सेंटिमीटर
Width0 सेंटिमीटर
Height0 सेंटिमीटर
Weight0 ग्राम
Diseasesपित्त पथरी, बदहजमी/अम्ल/गैस

तनसुख बाल चुरानी के बारे में

बेल गोली ( tablet ) एक आयुर्वेद ( ayurveda ) औषधि है जो हाज़मा के लिए लाभदायक है। यह आंत पद्धति, आमाशय पीड़ा, आमाशय पीड़ा का प्रबंधन करती है। यह अल्सरेशन में लाभदायक है और हाज़मा तंत्र की अंदरूनी श्लेष्मा परत की बचाव करता है। बेल किसी भी दुष्प्रभाव ( side effect ) के लिए नहीं जाना जाता है।

तनसुख बेल चूर्ण की मटेरियल

Bael Tablet निम्नलिखित एक्टिव सामग्रियों से निर्मित किया गया है:

  • एगले मार्मेलोस -
  1. क्षय बीमारी के लिए बेल: आयुर्वेद ( ayurveda ) में, इसका इस्तेमाल तपेदिक के ट्रीटमेंट ( treatment ) के लिए किया जाता है।
  2. स्त्री बीमारी रिलेटिव विकृतियों के लिए बेल: बेल के नित्य सेवन से स्त्री बीमारी रिलेटिव प्रॉब्लम्स को रोकने में सहायता मिलती है।
  3. पेशाब बिमारियों के लिए बेल : बेल के उपयोग से पेशाब रिलेटिव बिमारियों की प्रॉब्लम ( problem ) दूर हो जाती है।
  4. डायबिटीज की बचाव के लिए बेल: इसमें कड़वा तीखा, एंटीऑक्सिडेंट से भरा होता है और पेनक्रियाज को इंसुलिन ( insulin ) स्रावित करने के लिए उत्तेजित ( excited ) करने में सहायता करता है, जिससे ब्लड ग्लूकोज कम होता है। डायबिटीज के विरुद्ध पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  5. हाज़मा विकृतियों के लिए बेल: यह आंतों के ऑर्गनिक योगों का समर्थन ( support ) करता है और हाज़मा तंत्र को अल्सर ( ulcer ) से बचाता है, चिड़चिड़ा आंत सिंड्रोम ( syndrome ) (IBS) की पुनरावृत्ति को कम करता है, आंतों की मरोड़ इस तरह अतिसार, पेचिश और प्राथमिक नहर के और इनफ़ेक्शन के उपचार में लाभदायक है।
  6. ज्वर से बचाव के लिए बेल : इसके पत्तों का जूस मधु ( honey ) के साथ लेने से ज्वर से बचाव होता है।
  7. मिरगी ( epilepsy ) के लिए बेल: फूलों का इस्तेमाल मिरगी ( epilepsy ) के लिए टॉनिक के रूप में किया जाता है।
  8. बेल आहार-पोषण रिलेटिव फैक्ट ( fact ): यह एल्कलॉइड, पॉलीसेकेराइड, एंटीऑक्सिडेंट, बीटा कैरोटीन, विटामिन ( vitamin ) सी, विटामिन ( vitamin ) बी और अनेक और जैव-केमिकल ( chemical ) पदार्थों से ज्यादा है। इसमें टैनिन, कैल्शियम ( calcium ), फॉस्फोरस, आयरन, प्रोटीन और फाइबर भी होते हैं। 100 ग्राम बेल में निम्नलिखित पुष्टिकारक मूल तत्व होते हैं: कैलोरी मान (137 किलो कैलोरी), नमी (61.5 ग्राम), प्रोटीन (1.8 ग्राम), चिकनाई (.3 ग्राम), खनिज (1.7 ग्राम), फाइबर (2.9 ग्राम), कार्ब (31.8) मिलीग्राम ( mg )), कैल्शियम ( calcium ) (85 मिलीग्राम ( mg )), फॉस्फोरस (50 मिलीग्राम ( mg )), आयरन (.7 मिलीग्राम ( mg )), बीटा कैरोटीन (55 यूजी), थियामिन (.13 मिलीग्राम ( mg )), नियासिन (1.1 मिलीग्राम ( mg )), विटामिन ( vitamin ) सी (8 मिलीग्राम ( mg )), पोटेशियम ( potassium ) (600 मिलीग्राम ( mg )) और कॉपर (.21 मिलीग्राम ( mg ))।
  9. पाईल्स ( बवासीर ) के उपचार के लिए बेल: कच्चे बेल के फल का अर्क पाईल्स ( बवासीर ) और पाईल्स ( बवासीर ) को ठीक करने में मददगार होता है।
  10. बेल अल्सर ( ulcer ) से लड़ता है: हाज़मा तंत्र पर इसके सुखदायक परिणामों के कारण, यह आमाशय में अम्लता ( खट्टापन ) के स्तर को कम करता है और इस तरह गैस्ट्रिक ( gastric ) अल्सर ( ulcer ), गैस्ट्रोडुडेनल अल्सर ( ulcer ) आदि जैसे अल्सर ( ulcer ) से निपटने में सहायक होता है।

तनसुख बेल चुराना के लिए इशारा

  • पेचिश
  • डायरिया
  • आमाशय में पीड़ा
  • आंत्र में इनफ़ेक्शन
  • व्रण
  • कीड़े का प्रकोप

तनसुख बेल चूर्ण की डोज़

  • 1-2 चम्मच ( spoon ) दिन में दो बार जल के साथ।

तनसुख बेल चुराने में सतर्कता

निम्नलिखित परिस्थितियों में सेवन करने से पहले कृपया ( kindly ) अपने डॉक्टर को अवगत ( सूचित ) करें:

  • प्रेग्नेंसी ( pregnency )
  • स्तनपान ( breastfeeding )
  • डायबिटीज
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • शिशुओं की पहुंच से दूर रखें।
  • सूखी ठंडी जगह पर रखें