Twigees Lemon Green Tea (10Stick)

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Twigees Lemon Green Tea (10Stick)

मोटापा

कारण

  • पारिवारिक जीवन शैली और आनुवंशिक कारण
  • थायरॉइड ( thyroid ) से रिलेटेड प्रोब्लेम्स
  • स्त्रियों में पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि बीमारी
  • गतिहीन लत ( habit ) जैसे पर्यावरणीय कारक
  • बहुत आहार ( food ) (बुलिमिया)

लक्षण

  • सांस लेने में मुसीबत
  • ज्यादा भार के कारण चलने में मुसीबत
  • मांसपेशियों ( muscles ) और सब के सब जॉइंट्स के पीड़ा
  • भार बढ़ने से हृदय की समस्या

रक्त की अभाव

कारण

  • आयरन की पुष्टिकारक तत्वों की अभाव
  • आयरन का बुरा समावेश
  • वजनी औषधि पर आदमी
  • माहवार धर्म और बहुत ब्लीडिंग डिसऑर्डर
  • खून की कमी का पारिवारिक हिस्ट्री

लक्षण

  • निर्बलता और सुस्ती महसूस होना
  • हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) का निम्न स्तर
  • भूख में अभाव
  • बालों ( hair ) का झड़ना
  • पीलापन और भंगुर नाखून ( nails )
  • सरलता से थक जाता है
  • सहनशक्ति की अभाव
  • अनियमित ( irregular ) हृदय की हार्टबीट के साथ सरदर्द

Nameटहनियाँ लेमन ग्रीन टी (10 स्टिक)
Brandटहनियाँ
MRP₹ 150
Categoryकॉफी ( coffee ) चाय, हरी चाय, आहार-पोषण और अनुपूरक
Sizes10स्टिक
Prescription RequiredNo
Length0 सेंटिमीटर
Width0 सेंटिमीटर
Height0 सेंटिमीटर
Weight0 ग्राम
Diseasesमोटापा, रक्त की अभाव

टवीजीज लेमन ग्रीन टी के बारे में:

जल के पीछे चाय दुनिया में सबसे अधिक पिया जाने वाला पेय है। यद्यपि, दुनिया भर में खपत होने वाली 78 प्रतिशत चाय काली होती है और केवल 20 प्रतिशत ही हरी होती है । हर्बल चाय को छोड़कर सब के सब तरह की चाय, कैमेलिया साइनेंसिस झाड़ी के सूखे पत्तों से बनाई जाती है। पत्तियों के ऑक्सीकरण का स्तर चाय के तरह को अवधारित करता है। ग्रीन टी बिना ऑक्सिडाइज्ड पत्तियों से बनाई जाती है और यह कम संसाधित तरह की चाय में से एक है। इसलिए इसमें सबसे ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट और लाभदायक फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं।

हरी चाय का इस्तेमाल पारंपरिक शुगर और इंडियन ट्रीटमेंट ( treatment ) में ब्लीडिंग को नियंत्रित करने और जख्मों को ठीक करने, हाज़मा में मदद, हार्ट और इम्प्रूवमेंट दिमाग़ी सेहत में और बॉडी ( body ) के टेंपेरेचर ( temperature ) को नियंत्रित करने के लिए किया जाता था। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि हरी चाय संभावित रूप से भार घटाने से लेकर लीवर ( liver ) विकृतियों, तक हर चीज पर पॉजिटिव प्रभाव ( effect ) डाल टाइप 2 डायबिटीज और अल्जाइमर बीमारी सकती है

टहनी लेमन ग्रीन टी स्पेशल प्रोवाइड सेहत फायदा करती है

नींबू के सेहत फायदा:

नींबू के सेहत फायदों में बदहजमी, कोष्ठबद्धता ( constipation ) , दंत प्रॉब्लम्स, कंठनली में इनफ़ेक्शन, ज्वर , अंदरूनी ब्लीडिंग, आमवात, दाह , मोटापा, श्वसन ( respiration ) रिलेटिव डिसऑर्डर, हैजा और हाई ब्लड प्रेशर का ट्रीटमेंट ( treatment ) शामिल है, जबकि आपके बालों ( hair ) और को भी फायदा स्किन होता है । पीढ़ियों से अपने इलाज गुणों के लिए जाना जाता है, नींबू आपकी इम्युनिटी पद्धति को ताकतवर करने, आपके आमाशय को साफ करने में सहायता करता है, और इसे ब्लड शोधक माना जाता है। नींबू का जूस, स्पेशल रूप से, इसके साथ जुड़े अनेक सेहत फायदा हैं। यह गुर्दे की पथरी, स्ट्रोक को कम करने और बॉडी ( body ) के टेंपेरेचर ( temperature ) को कम करने के लिए एक सहायक ट्रीटमेंट ( treatment ) के रूप में जाना जाता है। एक ताज़ा पेय के रूप में , नींबू जल आपको शांत और शीतल रहने में सहायता करता है

नींबू के आहार-पोषण रिलेटिव फैक्ट ( fact ):

नींबू के सेहत फायदा इसके अनेक पौष्टिक मूल तत्व [के कारण हैं 1 ] की तरह विटामिन ( vitamin ) सी , विटामिन ( vitamin ) बी 6 , विटामिन ( vitamin ) ए , विटामिन ( vitamin ) ई , फोलेट, नियासिन , thiamin, राइबोफ्लेविन , pantothenic एसिड , तांबा , कैल्शियम ( calcium ) , लोहा , मैग्नीशियम , पोटेशियम ( potassium ) , जिंक , फास्फोरस , और प्रोटीन . यह एक फल है जिसमें फ्लेवोनोइड्स होते हैं, जो कंपोजिट होते हैं जिनमें एंटीऑक्सिडेंट और कर्कट ( cancer ) से लड़ने वाले गुण होते हैं। यह को रोकने के डायबिटीज , कोष्ठबद्धता ( constipation ), हाई ब्लड प्रेशर, ज्वर, बदहजमी साथ-साथ स्किन, बालों ( hair ) और दांतों को अच्छा बनाने में सहायता करता है। अमेरिकन यूरोलॉजिकल एसोसिएशन में किए गए स्टडी इस फैक्ट ( fact ) को उजागर करते हैं कि नींबू जल या नींबू का जूस पेशाब साइट्रेट बनाकर गुर्दे की पथरी की घटना को समाप्त कर सकता है, जो क्रिस्टल के गठन को रोकता है। लोग इसका इस्तेमाल नींबू के जूस और जल को मिलाकर नींबू जल बनाने के लिए करते हैं। दाग-धब्बों को दूर करने की योग्यता के कारण अनेक लोग इसे वॉशिंग एजेंट के रूप में भी उपयोग करते हैं। नींबू की गंध मच्छरों को भी दूर भगा सकती है, वहीं साथ नींबू का जूस पीने जैतून के तेल के से की मुक्ति मिलता है पित्त पथरी से । यह अपनी मेडिसिनल शक्ति के लिए जाना जाता है और अनेक पृथक-पृथक तरीकों से इसका इस्तेमाल किया जाता है। एनल्स ऑफ द रूमेटिक डिजीज ( disease ) के एक स्टडी में विवरण किए गए नतीजों के अनुरूप ( accordingly ), नींबू भड़काऊ पॉलीआर्थराइटिस और सुरक्षा प्रोवाइड करता आमवात से भी है।

टहनी लेमन ग्रीन टी के सेहत फायदा:

1) टहनी लेमन ग्रीन टी कर्कट ( cancer ) से बचाती है:

नेशनल कर्कट ( cancer ) इंस्टीट्यूट के अनुरूप ( accordingly ), चाय में पॉलीफेनोल्स को को कम करने के लिए दिखाया गया है ट्यूमर के लेबोरेटरी और पशुओं के स्टडी में उन्नति और यह पराबैंगनी यूवीबी विकिरण से होने वाले हानि से बचा सकता है। जिन देशों में ग्रीन टी की खपत ज्यादा होती है, वहां कर्कट ( cancer ) की दर कम होती है। लेकिन यह नियत रूप से जानना असंभव है कि क्या यह हरी चाय है जो इन स्पेशल आबादी या और रहन-सहन कारकों में कर्कट ( cancer ) को रोकती है। कुछ अध्ययनों ने निम्न तरह के कर्कट ( cancer ) पर हरी चाय के पॉजिटिव परिणामों को भी दिखाया है:

  • ब्रेस्ट
  • यूरिनरी ब्लैडर
  • डिम्बग्रंथि
  • कोलोरेक्टल (आंत)
  • अन्नप्रणाली ( esophagus ) (गला)
  • फेफड़ा
  • पौरुष ग्रंथि
  • स्किन
  • आमाशय

शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि चाय में पॉलीफेनोल्स का हाई स्तर कर्कट ( cancer ) कोशिकाओं को मारने में सहायता करता है और उन्हें बढ़ने से रोकता है। यद्यपि, सटीक ( exact ) तंत्र जिसके द्वारा चाय कर्कट ( cancer ) कोशिकाओं के साथ कांटेक्ट करती है गुमनाम है। यद्यपि, और अध्ययनों में यह नहीं पाया गया है कि चाय कर्कट ( cancer ) के ख़तरा को कम कर सकती है। कर्कट ( cancer )-निरोधक परिणामों के लिए अनिवार्य चाय की मात्रा ( quantity ) भी स्टडी में विस्तृत रूप से अलग होती है - प्रति दिन 2-10 कप से। 2005 में, खाद्य एवं दवा प्रशासन (एफडीए) ने कहा, "हरे कलर के लिए योग्य सेहत दावों का समर्थन ( support ) करने के लिए कोई विश्वसनीय सबूत नहीं है। चाय की खपत और गैस्ट्रिक ( gastric ), फेफड़े ( lungs ), कोलन / रेक्टल, एसोफेजेल, अग्नाशय, डिम्बग्रंथि, और संगठित कर्कट ( cancer ) का कम जोखिम।"

2) टहनी लेमन ग्रीन टी हृदय को फायदा पहुंचाती है:

के में प्रकाशित 2006 के एक स्टडी ने अमेरिकन मेडिकल ( medical ) एसोसिएशन जर्नल निष्कर्ष निकाला कि हरी चाय की खपत से जुड़ी कम डेथ दर कार्डियोवैस्कुलर रोग के साथ सब के सब वजहों से हुई है। स्टडी में 40 से 79 साल की उम्र के 40,000 से ज्यादा जापानी प्रतिभागियों ने 11 वर्ष तक स्टडी किया। 1994 में। प्रति दिन कम से कम 5 कप ग्रीन टी पीने वाले प्रतिभागियों में मरने का ख़तरा (विशेषकर हार्ट बीमारी से) उन लोगों की तुलना ( comparison ) में प्रयाप्त कम था, जो प्रति दिन एक कप से कम चाय पीते थे। ग्रीन टी में कैटेचिन, पॉलीफेनोलिक यौगिक होते हैं। माना जाता है कि अनेक सुरक्षात्मक प्रभाव ( effect ) डालते हैं, स्पेशल रूप से हार्ट पद्धति पर।

3) टहनी लेमन ग्रीन टी कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) कम करने में सहायता करती है:

एक 2011 में प्रकाशित स्टडी के पृथक्करण ( analysis ) में पाया गया कि लेने वाली हरी चाय, या तो एक पेय के रूप में या कैप्सूल के रूप में, कुल और एलडीएल या "बुरा" में जरूरी लेकिन साधारण कटौती से जुड़ा हुआ था कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol )

4) टहनी लेमन ग्रीन टी स्ट्रोक के ख़तरा को कम करती है:

ग्रीन टी या पीने कॉफी ( coffee ) नित्य रूप से से जोखिम कम होता है स्ट्रोक का जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुरूप ( accordingly ), स्ट्रोक: जर्नल ऑफ द अमेरिकन हृदय एसोसिएशन । स्टडी के प्रधान लेखक, डॉ. योशीहिरो कोकुबो, पीएच.डी. ., ने कहा, "स्ट्रोक के खतरों पर ग्रीन टी और कॉफी ( coffee ) दोनों के संगठित परिणामों की परिक्षण करने वाला यह पहला बड़े पैमाने का स्टडी है। आप डेली ग्रीन टी को शामिल करके स्ट्रोक के ख़तरा को कम करने में सहायता करने के लिए एक छोटा लेकिन पॉजिटिव रहन-सहन में बदलाव कर सकते हैं। आपका आहार।"

5) टाइप 2 डायबिटीज के लिए टहनी लेमन ग्रीन टी:

हरी चाय और बीच संबंधों से रिलेटेड स्टडी डायबिटीज के असंगत रहे हैं। कुछ ने चाय न पीने वालों की तुलना ( comparison ) में ग्रीन टी पीने वालों के लिए टाइप 2 डायबिटीज डिवेलप होने का कम ख़तरा दिखाया है, जबकि और अध्ययनों में चाय के सेवन और डायबिटीज के बीच कोई रिलेशन नहीं पाया गया है।

6) टहनी लेमन ग्रीन टी और भार घटाने:

ग्रीन टी ज्यादा भार और मोटे वयस्कों में एक स्मॉल, गैर-जरूरी भार घटाने को प्रोत्साहन दे सकती है; यद्यपि, चूंकि अध्ययनों में भार घटाना इतना कम था, इसलिए यह अनुमान नहीं है कि हरी चाय भार घटाने के लिए औषधीय रूप से जरूरी है।

7) टहनी लेमन ग्रीन टी स्किन की स्वेलिंग रिलेटिव रोगों से बचाती है:

2007 के एक स्टडी ने निष्कर्ष निकाला कि हरी चाय एक रूप में वादा कर सकती स्किन विकृतियों के लिए नए ट्रीटमेंट ( treatment ) के जैसे सोरायसिस और रूसी है । शोधकर्ताओं ने स्वेलिंग स्किन बिमारियों के लिए एक जानवर मॉडल का स्टडी किया, जिसे बार बार की कारण सूखी, लाल, परतदार स्किन के पैच की विशेषता स्वेलिंग स्किन कोशिकाओं और ज्यादा उत्पत्ति के होती है। हरी चाय के साथ उपचार करने वालों ने स्किन कोशिकाओं की स्लो वृद्धि और कोशिकाओं के जीवन चक्र को नियंत्रित करने वाले जीन की मौजूदगी को दिखाया।

8) वर्किंग मेमोरी और ग्रीन टी के प्रभाव ( effect ):

जर्नल में प्रकाशित शोध से साइकोफार्माकोलॉजी पता चलता है कि ग्रीन टी हमारे ब्रेन के संज्ञानात्मक कार्यों को बढ़ा सकती है, स्पेशल रूप से कार्यशील स्मृति। शोध दल ने कहा कि उनके निष्कर्ष बताते हैं कि ग्रीन टी न्यूरोसाइकिएट्रिक विकृतियों से जुड़े संज्ञानात्मक विकृतियों के ट्रीटमेंट ( treatment ) में आशाजनक हो सकती है, जैसे मनोभ्रंश

9) टहनियाँ लेमन ग्रीन टी और अल्जाइमर:

2011 में प्रकाशित एक स्टडी में, शोधकर्ताओं ने हरी चाय के एक घटक के प्रभाव ( effect ) का जाँच किया , सीएजीटीई (या "कोलन उपलब्ध" हरी चाय निकालने) , यह देखने के लिए कि यह अल्जाइमर बीमारी में एक प्रधान प्रोटीन को कैसे प्रभावित करता है। अल्जाइमर सोसाइटी ने टिप्पणी की कि "यह स्टडी पिछले शोध में जोड़ता है जो सजेशन ( suggestion ) देता है कि हरी चाय अल्जाइमर बीमारी के ख़तरा को कम करने में सहायता कर सकती है। यद्यपि, शोधकर्ताओं ने एक्टिव हरी चाय केमिकल की एक हाई डोज़ का इस्तेमाल ह्यूमन ( human ) बॉडी ( body ) में कभी भी पाया होगा। ज्यादा यह देखने के लिए अनुसंधान की जरूरत है कि क्या ग्रीन टी बहुत कम डोज़ पर सुरक्षात्मक है, और इसमें शामिल तंत्र को समझने के लिए।" और अध्ययनों में पाया गया है कि ग्रीन टी दंत गुहाओं, को रोकने में मददगार हो सकती है। तनाव , क्रोनिक थकान , स्किन की स्थिति के ट्रीटमेंट ( treatment ) और इम्प्रूवमेंट आमवात स्वेलिंग को कम करके । इन सिद्धांतों को ताकतवर करने के लिए और शोध की जरूरत है।

सुरक्षा सतर्कता:  

  • शीतल और सूखे जगह में रखें।
  • सीधी धूप से दूर रखें।
  • शिशुओं की पहुंच से दूर रखें।
  • ज्यादा डोज़ न लें।
  • यदि प्रेग्नेंट/स्तनपान ( breastfeeding ) कराने वाली हों तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह करें।