फ्लू ( flu ) और ज्वर
कारण
- विषाणु इनफ़ेक्शन
- बैक्टीरिया इनफ़ेक्शन
- यकायक ठंडी सूखा हवाओं के कांटेक्ट में आना
- कम इम्युनिटी
लक्षण
- बॉडी ( body ) में पीड़ा और शीत लगना
- बहुत थकान/निर्बलता
- भूख में अभाव
- घुमेरी ( dizziness ) आना
- मांसपेशियों ( muscles ) और जॉइंट्स का पीड़ा
- कफ, बलगम के साथ कफ
- कंठनली में खरास
- सरदर्द
कफ
कारण
- विषाणुजनित इनफ़ेक्शन
- प्रदूषकों के कांटेक्ट और एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
- फेफड़ों के जीर्ण बीमारी
- दाह या कंठनली में इनफ़ेक्शन
- शीत और फ्लू ( flu )
- एलर्जिक राइनाइटिस और साइनोसाइटिस
- हृदय से रिलेटेड वेंट्रिकल या वाल्व की समस्या
लक्षण
- कफ, बलगम के साथ खाँसी ( cough ) या सूखी खाँसी ( cough )
- खांसते अवधि ( समय ) छाती में पीड़ा
- दाह के साथ कंठनली का लाल होना
- सांस लेने में कष्ट
- निरन्तर गला साफ करना
- खांसने के कारण आमाशय में पीड़ा
Name | Unjha Chitrak Haritaki (100g) |
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Brand | उंझा |
MRP | ₹ 145 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), चूर्ण, अवलेहा और पाकी |
Sizes | 100 ग्राम, 250 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 5.5 सेंटिमीटर |
Width | 5.5 सेंटिमीटर |
Height | 10.5 सेंटिमीटर |
Weight | 124 ग्राम |
Diseases | फ्लू ( flu ) और ज्वर, कफ |
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चित्रक हरीतकी के बारे में
चित्रक हरीतकी का इस्तेमाल करने का प्रमुख उद्देश्य नासिका पथ, साइनस ( sinus ) और श्वसन ( respiration ) पथ को साफ करना और सांस लेने की प्रोसेस को सरल बनाना है। सामान्यत: चित्रक हरीतकी बार-बार होने वाले साधारण प्रतिश्याय ( जुकाम ), फ्लू ( flu ), पुराने ( chronic ) साइनोसाइटिस और दमा में लाभकारी होता है। इन परिस्थितियों के अतिरिक्त, यह भूख बढ़ाने, चयापचय में इम्प्रूवमेंट, कफ, बलगम उत्पत्ति को कम करने और आंतों में गैस बनने से रोकने में भी मददगार है।
चित्रक हरीतकी के मेडिसिनल गुण
चित्रक हरीतकी में निम्नलिखित ट्रीटमेंट ( treatment ) गुण हैं।
- म्यूकोलाईटिक
- कासरोधक
- जीवाणुरोधी
- सूजनरोधी
- आम पचक (डिटॉक्सिफायर)
- रोगाणुरोधी
- कामिनटिव
- एंटीऑक्सिडेंट
- इम्यूनोमॉड्यूलेटरी
इलाज इशारा
सामान्यत: चित्रक हरीतकी सब के सब तरह के सांस कष्टों में सहायक होती है। यहां इसके प्रमुख इशारों की एक सूची दी गई है।
प्रमुख इशारा
- बारम्बार होनेवाला साधारण शीत - जब नाक में रुकावट या नाक से डिस्चार्ज गाढ़ा हो जाता है, लेकिन फिर भी श्वेत कलर का होता है
- श्वेत गाढ़े श्लेष्मा वाली कफ (जब बड़ी मात्रा ( quantity ) में श्लेष्मा का उत्पत्ति और थूक चिपचिपा और बादलदार हो)
- पुराने ( chronic ) ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ) - बहुत श्लेष्मा का उत्पत्ति, जो गाढ़ा और श्वेत कलर का होता है
- पुराने ( chronic ) साइनसिसिस - गाढ़े श्वेत निर्वहन का जल निकासी, जो अभी तक पीला या हरा नहीं हुआ है
माध्यमिक इशारा
- भूख में अभाव
- आमाशय फूलना
- आंतों की गैस
- आमाशय फूलना
फायदा और मेडिसिनल इस्तेमाल
प्रमुख बिमारियों में चित्रक हरीतकी का इस्तेमाल कैसे करें, यह जानने के लिए यहां कुछ जरूरी बिंदु दिए गए हैं।
बारम्बार होनेवाला साधारण शीत
चित्रक हरीतकी तब काम करती है जब श्लेष्मा का डिस्चार्ज गाढ़ा हो जाता है, लेकिन श्लेष्मा की मात्रा ( quantity ) का कलर अभी भी श्वेत होता है। यदि श्लेष्मा डिस्चार्ज का कलर पीला या हरा हो जाता है, तो वासा (अधतोदा वासिका), जैसे वासवलेह और वासा के पत्तों का जूस ज्यादा लाभकारी और सुरक्षित होता है।
लाभदायक कफ
चित्रक हरीतकी तब लाभकारी होती है जब फेफड़ों में ज्यादा मात्रा ( quantity ) में श्लेष्मा बनता है, लेकिन जब यह साफ, श्वेत और गाढ़ा हो। यद्यपि, अगर कफ, बलगम पीले-हरे कलर का है, तो यह चेस्ट में इनफ़ेक्शन और जीवाणु के बढ़ने का इशारा देता है, इसलिए ऐसे स्थितियों में सितोपलादि चूर्ण, गंधक केमिकल, श्रृंग भस्म और वसावलेह या वासा के पत्तों का जूस ज्यादा मददगार होता है।
पुराने ( chronic ) ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ )
वही सिद्धांत पुराने ( chronic ) ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ) में लागू होता है जिसकी चर्चा हमने उत्पादक कफ में की है। ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ) में, यह उत्पादक कफ से आराम देने के अतिरिक्त स्वेलिंग को कम करने में भी मददगार होता है। फिर से पीले-हरे कलर के कफ, बलगम जैसे इनफ़ेक्शन के कोई लक्षण ( symptom ) होने पर इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। यह केवल तभी सहायता करेगा जब मरीज को श्लेष्मा के उत्पत्ति को रोकने की जरूरत हो और श्लेष्मा की मात्रा ( quantity ) श्वेत और मोटी हो।
क्रोनिक साइनोसाइटिस
गाढ़ा और श्वेत जल निकलने पर चित्रक हरीतकी सहायक होती है। यह नाक के साथ-साथ कंठनली के पिछले हिस्से से निकलने वाले डिस्चार्ज को कम करता है। इसके अतिरिक्त, यह सांस लेने में इम्प्रूवमेंट और नाक की रुकावट को कम करने में भी मददगार है। यह स्मेल और स्वाद ( taste ) की मनोवृत्ति में भी इम्प्रूवमेंट करता है।
चित्रक हरीतकी की डोज़ और प्रशासन
- बच्चे-रिकमंडेड नहीं
- बच्चे-2 ग्राम (1/3 चम्मच ( spoon ))
- वयस्क- 2.5 से 5 ग्राम (1/2 से 1 चम्मच ( spoon ))
- प्रेग्नेंसी ( pregnency )-प्रेग्नेंट
- जराचिकित्सा(वृद्धावस्था)-2 ग्राम (1/3 चम्मच।)*
- ज़्यादा से ज़्यादा मुमकिन डोज़ - प्रति दिन या 24 घंटे में - 10 ग्राम (2 चम्मच।) - खंडित मात्रा ( quantity ) में
चित्रक हरीतकी के दुष्प्रभाव ( side effect )
प्रेग्नेंसी ( pregnency ) और स्तनपान ( breastfeeding ) के दौरान इस औषधि से बचना अच्छा है।
सेंसिटिव आमाशय वाले लोगों में यह गैस्ट्र्रिटिस बुरा कर सकता है।