पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा
कारण
- पीठ ( back ) या घुटने ( knee ) में चोट
- आमवात
- संगठित चोटें
- रजोनिवृत्ति
- शिराओं का संपीड़न
- व्यवसाय उन्मुख: निरन्तर खड़े रहना या बैठना
लक्षण
- बैठने/काम करने/चलने के दौरान पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) में तेज पीड़ा
- स्थिति बदलने में मुसीबत
- पीठ ( back ) में भारीपन
- टांगों में सुन्नपन
- सोने की गलत पोजीशन
आमवात और आमवात
कारण
- पुष्टिकारक तत्वों की अभाव (कैल्शियम। विटामिन ( vitamin ) डी)
- रजोनिवृत्ति
- आयु बढ़ने
- ज्यादा भार
- आमवात का पारिवारिक हिस्ट्री
लक्षण
- जॉइंट्स के पीड़ा के साथ थकान
- जॉइंट्स की लालिमा और स्वेलिंग
- जॉइंट्स का अकड़ना
- कठिन चलना
- मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
Name | Baidyanath Balarishta (450ml) |
---|---|
Other Names | Balarishtam |
Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 150 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), आसव अरिष्ट और कढाई |
Sizes | 450 मिलीलीटर ( ml ) |
Prescription Required | No |
Length | 6.5 सेंटिमीटर |
Width | 6.5 सेंटिमीटर |
Height | 19 सेंटिमीटर |
Weight | 530 ग्राम |
Diseases | पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा, आमवात और आमवात |
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बालारिष्ट के बारे में
बालारिष्ट (जिसे बलारिष्टम भी कहा जाता है) अरिष्ट श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका इस्तेमाल बॉडी ( body ) में वात वृद्धि या अलावा वात के कारण होने वाली सब के सब रोगों के लिए किया जाता है। वात डिसऑर्डर अधिकतर नर्व तंत्र और मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम से रिलेटेड होते हैं। तो, बालारिष्टम की प्रमुख क्रिया ब्रेन, शिराओं, मांसपेशियों ( muscles ), स्नायुबंधन, अस्थियों और जॉइंट्स पर देखी जा सकती है।
बालारिष्टम पक्षाघात, आमवात रिलेटिव विकृतियों और मेरुदंड की बोन ( bone ) के विकृतियों के लिए एक बढ़िया इलाज इलाज है। यह सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस, फ्रोजन शोल्डर, पीठ ( back ) के निम्न हिस्से में पीड़ा, ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ) के कारण घुटने ( knee ) के पीड़ा आदि को प्रशासित करने में सहायता करता है। इसके अलावा, इसमें रिस्टोरेटिव एक्शन होता है और बॉडी ( body ) की ताकत में इम्प्रूवमेंट होता है और वात अंगों का आहार-पोषण होता है। बालारिष्ट में कुछ मूल तत्व हाज़मा और लीवर ( liver ) के कार्यों में इम्प्रूवमेंट करते हैं।
बालारिष्ट मटेरियल (रचना)
बालारिष्टम में प्रमुख मटेरियल बाला (सिडा कॉर्डिफोलिया) है। इसकी मटेरियल की एक सूची इस तरह है:
- बुलेट - सीडा कॉर्डिफोलिया
- अश्वगंधा - विथानिया सोम्निफेरा
- धातकी - वुडफोर्डिया फ्रूटिकोसा
- Ksheera Kakoli
- एरंडा (अरंडी का तेल संयंत्र) - रिकिनस कम्युनिस
- रसना - प्लुचिया लांसोलता
- इलाइची (इलायची) – एलेटेरिया इलायची
- प्रसारिणी - पेडरिया फोएटिडा
- लौंग (लौंग) - Syzygium सुगंधित
- उशीरा या खास (वेटिवर) - वेटिवेरिया ज़िज़ानियोइड्स
- गोक्षुरा - ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस
- गुड़
- जल - काढ़ा बनाने के लिए
मेडिसिनल गुण
- सूजनरोधी
- केमिकल (कायाकल्प)
- पीड़ा-नाशक
- नर्व टॉनिक
- नयूरोप्रोटेक्टिव
- कार्डियोप्रोटेक्टिव
- शिराओं के लिए सुदृढ़ीकरण और पुनर्स्थापना
- हल्का मूत्रवर्धक, पेशाब बढ़ाने वाला
- लकवा रोधी
- क्षुधावर्धक और हाज़मा उत्तेजक
- तनाव एन्टी
- adaptogenic
बालारिष्ट इशारा
आयुर्वेद ( ayurveda ) में वात विकृतियों के रूप में वर्गीकृत सब के सब विकृतियों में बलारिष्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है। इनमें नर्व तंत्र और मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम के बीमारी शामिल हैं। आमतौर पर, निम्नलिखित सेहत परिस्थितियों में इसकी सिफ़ारिश की जाती है:
- वात से रिलेटेड बिमारियों में भूख न लगना
- वात विकृतियों के कारण कमजोरी
- साधारण कमज़ोरी
- दिमाग़ी कमजोरी
- पक्षाघात
- अर्धांगघात
- नीचे के अंगों का पक्षाघात
- चेहरे का पक्षाघात
- कटिस्नायुशूल नर्व पीड़ा
- रूमेटाइड आमवात
- सरदर्द
- नाक बंद
- ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ )
- सीधा त्रुटि (ईडी)
- दमा
इलाज इस्तेमाल
- अग्निमांड्या (हाज़मा त्रुटि)
- दौराबल्या (निर्बलता)
- वातज बीमारी (वात त्रुटि के कारण होने वाले बीमारी)
- कार्श्य (योग्यता)
- आमवात, पक्षाघात, बहुत वात
बालारिष्टम फायदा और इस्तेमाल
आमवात
बालारिष्ट में सीडा कॉर्डिफोलिया में बढ़िया एन्टी भड़काऊ और एनाल्जेसिक गुण होते हैं। (1) तो, आमवात के विकृतियों में स्वेलिंग और रिलेटेड पीड़ा को कम करने के लिए बालारिष्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है। बालारिष्ट में अश्वगंधा और गोक्षुरा जैसे और मूल तत्व भी होते हैं, जो जॉइंट्स और स्नायुबंधन को शक्ति प्रोवाइड करते हैं। एरंडा और प्रसारिनी पीड़ा को कम करने का काम करती हैं। यह जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ) की अच्छी औषधि है।
चेहरे का पक्षाघात / नर्व रिलेटिव डिसऑर्डर
बालारिष्ट एक शक्तिशाली नर्व टॉनिक है। यह नर्व तंत्र को ताकतवर करता है और ब्रेन और तंत्रिकाओं के कार्यों में इम्प्रूवमेंट करता है। इसका इस्तेमाल डायबिटीज न्यूरोपैथी, ग्रीवा स्पोंडिलोसिस और विटामिन ( vitamin ) बी की अभाव जैसी परिस्थितियों के कारण हाथ ( arm ) और टांगों में सनसनाहट और सुन्नता ( numbness ) से आराम पाने के लिए किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल उन पेशेन्ट्स ( patient ) में भी किया जा सकता है जिन्हें स्ट्रोक हुआ है। यह उन्हें उनके मोटर और संवेदी कार्यों को पुनः प्राप्त करने में सहायता करता है और उन्हें हेमिप्लेजिया, या पैरापलेजिया की स्थिति से तेजी से ठीक होने की इजाज़त देता है। यह अस्थियों और मांसपेशियों ( muscles ) को भी ताकतवर करता है और पक्षाघात से उबरने के बाद स्ट्रोक के पेशेन्ट्स ( patient ) को उनकी नित्य गतिविधियों को सरलता से करने में सहायता करता है। चेहरे के पक्षाघात में, यह चेहरे के पीड़ा, सरदर्द, कान ( ear ) में पीड़ा और मांसपेशियों ( muscles ) की ऐंठन जैसे रिलेटेड लक्षणों को कम करता है। इसके अतिरिक्त, यह मांसपेशियों ( muscles ) की टोन में इम्प्रूवमेंट करता है और चेहरे के पक्षाघात से उबरने में तेजी लाता है।
मांसपेशियों ( muscles ) में मरोड़
बालारिष्ट न्यूरॉन्स पर काम करता है और तंत्रिकाओं की उत्तेजना को कम करता है और नर्व कोशिकाओं के नेचुरल कार्यों को पुनर्स्थापित करता है। बढ़ी हुई उत्तेजना भी मांसपेशियों ( muscles ) में मरोड़ का कारण हो सकती है। दूसरे, इसमें मांसपेशियों ( muscles ) को आराम देने वाली क्रिया भी होती है, जो मांसपेशियों ( muscles ) में मरोड़ को कम करने में सहायता करती है।
दैहिक निर्बलता
बलारिष्ट को आमतौर पर पक्षाघात के हमले के बाद होने वाली कमजोरी या दैहिक निर्बलता के लिए रिकमंडेड किया जाता है। यह ताकत बढ़ाता है, भूख में इम्प्रूवमेंट करता है, और दुर्बल टिशू में गतिविधियों को बहाल करने में सहायता करता है।
दमा और ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ )
बालारिष्ट को दमा और ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ) के उपचार के लिए भी इशारा दिया जाता है। यह तब सहायता करता है जब मरीज को दैहिक शक्ति खोने के कारण थकान और सांस लेने में मुसीबत महसूस होती है। और औषधियों के साथ, यह सांस लेने में कष्ट और कफ के बार-बार होने वाले आक्रमणों को कम करता है। यह निरन्तर कफ में बहुत सहायक है।
बालारिस्ता के लिए सतर्कता
प्रेग्नेंसी ( pregnency ) के दौरान, इससे बचना / केवल औषधीय निगरानी में ही लेना सबसे बढ़िया है।
स्तनपान ( breastfeeding ) की अवधि के दौरान, इसे चिकित्सक की परामर्श के बुनियाद पर कम मात्रा ( quantity ) में लिया जा सकता है।
बालारिष्ट शुद्ध ( pure ) हर्बल मटेरियल से तैयार किया जाता है। इसमें कोई कठोर केमिकल नहीं होता है। इसलिए, यह किसी भी संजीदा दुष्प्रभाव ( side effect ) का कारण नहीं बनता है। इसे उपयोग करना पूरी तरह से सुरक्षित है। कुछ स्थितियों में, पेशेन्ट्स ( patient ) को आमाशय में पीड़ा, आमाशय में दाह और गैस्ट्रिक ( gastric ) खराबी हो सकती है, विशेषकर जब औषधि बड़ी मात्रा ( quantity ) में ली जाती है। यद्यपि, ये दुष्प्रभाव ( side effect ) प्रकृति में हल्के होते हैं और इन्हें किसी एक्टिव व्यवधान की जरूरत नहीं होती है। रिकमंडेड डोज़ में औषधि लेने और खाली आमाशय इसके सेवन से बचने से इन लक्षणों से बचा जा सकता है। बालारिष्ट 5 साल से ज्यादा आयु के शिशुओं के लिए इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित है। प्रेग्नेंट स्त्रियों को बालारिष्ट का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए जब तक कि चिकित्सक द्वारा परामर्श न दी जाए। स्तनपान ( breastfeeding ) की अवधि के दौरान, चिकित्सक से सलाह करने के बाद, महिलाएं कम डोज़ में इसका उपयोग कर सकती हैं।
बालारिष्ट की डोज़
वयस्क पेशेन्ट्स ( patient ) को बालारिष्ट को 20 मिलीलीटर ( ml ) की डोज़ में 50 मिलीलीटर ( ml ) उष्ण जल में मिलाकर दिन में दो या तीन बार लेना चाहिए। लक्षण ( symptom ) संजीदा होने पर डोज़ को उसी तरह से पतला करके 24 मिली तक बढ़ाया जा सकता है और दिन में दो से तीन बार लिया जा सकता है। गैस्ट्रिक ( gastric ) दाह से बचने के लिए आहार ( food ) के बाद डोज़ लेनी चाहिए। उपचार की स्थिति के बुनियाद पर रोगियों को 2 हफ्ते से 4 माह तक इस औषधि का इस्तेमाल करना चाहिए।
कसकर बंद एम्बर कलर की बोतल में ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें, प्रकाश और नमी से बचाएं।