बदहजमी/अम्ल/गैस
कारण
- खा
- चिंता ( anxiety )
- लगातार व्रत
- मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
- पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं
लक्षण
- ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
- आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
- उल्टी
- मतली के एपिसोड
- स्वेलिंग की अनुभूति
Name | उंझा कुटजघन वटी (40 टैब) |
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Other Names | Kutjaghan Bati |
Brand | उंझा |
MRP | ₹ 73 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), वटी, गुटिका और गुग्गुलु |
Sizes | 40टैब |
Prescription Required | No |
Length | 3 सेंटिमीटर |
Width | 3 सेंटिमीटर |
Height | 6.5 सेंटिमीटर |
Weight | 22 ग्राम |
Diseases | बदहजमी/अम्ल/गैस |
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Kutajghan Vati . के बारे में
उंझा सर्वश्रेष्ठ क्वालिटी वाली जड़ी-बूटियों से बनी औषधियों के साथ 100% नेचुरल और सुरक्षित प्रोडक्ट्स की एक समूह है। उंझा की स्थापना पूर्व स्वतंत्रता युग में गुजरात राज्य में हुई थी। यह बरसों के समर्पित शोध के साथ सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेद ( ayurveda ) को जोड़ती है। गठन के हर पड़ाव में उन्नत फार्मास्युटिकल प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के साधन से बैच से बैच प्रदर्शन और पूर्ण शुद्धता और सुरक्षा का आश्वासन दिया जाता है। कंपनी ने लंबे अवधि ( समय ) से स्वत: को इंडियन औषधि मार्किट में अग्रणी के रूप में आधारित किया है। इसे हर्बल सेहत देखरेख प्रोडक्ट्स के डिजाइन, गठन और विपणन के लिए आईएसओ 9001:2000 प्रमाणन दिया गया है। इन प्रोडक्ट्स को ट्रीटमेंट ( treatment ) बिरादरी के साथ स्वीकृति मिली है और दुनिया भर के उपभोक्ताओं की सेहत और निजी देखरेख की जरूरतों को पूरा करते हैं।
कुटजघन वटी में एंटीडायसेंटरिक, एंटीडायरियल, हेमोस्टेटिक और एंटी-अमीबिक क्रिया होती है। यह अतिसार, आंतों में इनफ़ेक्शन, पेचिश और ब्लीडिंग विकृतियों में लाभकारी है। यह जीर्ण डायरिया और चिड़चिड़ा आंत सिंड्रोम ( syndrome ) (आईबीएस) में भी अच्छी आराम प्रोवाइड करता है।
कुटजघन वटी की मटेरियल (रचना)
- कुटज - रिलेटेड छाल - होलारहेना एंटीडिसेंटरिका
- काढ़े के लिए जल
- अतिविषा - एकोनिटम हेटरोफिलम
कुटजघन वाटिक के मेडिसिनल गुण
- अतिसार रोधक
- एंटीडिसेंटेरिक
- रोगाणुरोधी
- कृमिनाशक
- स्तम्मक
- आम पचक (डिटॉक्सिफायर)
- Antiamoebic
- हेमोस्टैटिक
कुटजघन वाटिक के इलाज इशारा
- डायरिया
- ज्वर के साथ डायरिया
- पेचिश
- amoebiasis
- चिड़चिड़ा आंत सिंड्रोम ( syndrome ) (आईबीएस)
- आमाशय पीड़ा / डायरिया के कारण मरोड़
फायदा और मेडिसिनल इस्तेमाल
कुटजघन वटी एक जरूरी आयुर्वेदिक दवा है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर आंतों के इनफ़ेक्शन और डायरिया के प्रबंधन के लिए किया जाता है। यह एएमए (आयुर्वेद ( ayurveda ) के अनुरूप ( accordingly ) विषाक्त तत्त्व), पाखाना में श्लेष्मा की मात्रा ( quantity ) को कम करता है और ब्लीडिंग को रोकता है।
डोज़ और प्रशासन
कुटजघन वटी की साधारण डोज़ इस तरह है।
- बच्चे 1 गोली ( tablet ) (375 मिलीग्राम ( mg ))
- बच्चे 2 दवाइयां (750 मिलीग्राम ( mg ))
- वयस्क 4 टेबलेट्स ( tablets ) (1.5 ग्राम)
- प्रेग्नेंसी ( pregnency ) 2 दवाइयां (750 मिलीग्राम ( mg ))
- जराचिकित्सा (वृद्धावस्था) 2 दवाइयां (750 मिलीग्राम ( mg ))
- ज़्यादा से ज़्यादा मुमकिन डोज़ प्रति दिन 6 ग्राम (16 दवाइयां) (खंडित डोज़ में)
प्रेग्नेंसी ( pregnency ) और स्तनपान ( breastfeeding )
कुटाजघन वटी का इस्तेमाल प्रेग्नेंसी ( pregnency ) में अतिसार, या आंतों के बिमारियों के प्रबंधन के लिए जरूरत के अनुरूप ( accordingly ) सुरक्षित रूप से किया जा सकता है।
एहतियात
1. इस औषधि के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं हैं।
2. औषधि को शिशुओं की पहुंच से दूर रखना चाहिए।
3. आयुर्वेद ( ayurveda ) डॉक्टर की निगरानी में औषधि लेनी चाहिए।
4. सीधी धूप से दूर रहें।