Unjha Nityanand Ras (40tab)

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Unjha Nityanand Ras (40tab)

बदहजमी/अम्ल/गैस

कारण

  • खा
  • चिंता ( anxiety )
  • लगातार व्रत
  • मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
  • पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं

लक्षण

  • ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
  • आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
  • उल्टी
  • मतली के एपिसोड
  • स्वेलिंग की अनुभूति

मोटापा

कारण

  • पारिवारिक जीवन शैली और आनुवंशिक कारण
  • थायरॉइड ( thyroid ) से रिलेटेड प्रोब्लेम्स
  • स्त्रियों में पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि बीमारी
  • गतिहीन लत ( habit ) जैसे पर्यावरणीय कारक
  • बहुत आहार ( food ) (बुलिमिया)

लक्षण

  • सांस लेने में मुसीबत
  • ज्यादा भार के कारण चलने में मुसीबत
  • मांसपेशियों ( muscles ) और सब के सब जॉइंट्स के पीड़ा
  • भार बढ़ने से हृदय की समस्या

Nameउंझा नित्यानंद जूस (40 टैब)
Brandउंझा
MRP₹ 80
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर
Sizes40टैब
Prescription RequiredNo
Length0 सेंटिमीटर
Width0 सेंटिमीटर
Height0 सेंटिमीटर
Weight0 ग्राम
Diseasesबदहजमी/अम्ल/गैस, मोटापा

नित्यानंद रासु के बारे में

नित्यानंद जूस टैबलेट ( tablet ) के रूप में एक आयुर्वेदिक दवा है। यह स्लीपैड या एलीफैंटियासिस के उपचार के लिए एक सहायक औषधि है। एलिफेंटियासिस को लिम्फैटिक फाइलेरियासिस के रूप में भी जाना जाता है। यह बीमारी 3 पृथक-पृथक तरह के परजीवी ( parasite ) कृमियों के कारण होता है, जिनमें वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टी, ब्रुगिया मलयी और ब्रुगिया शामिल हैं। तिमोरी ये गोल कृमि लसीका तंत्र को अवरुद्ध कर देते हैं जिसके फलतः टिशू में तरल जमा हो जाता है जिससे अंगों या बॉडी ( body ) के और भागों में स्वेलिंग और वृद्धि हो जाती है। बॉडी ( body ) का प्रभावित भाग लाल, सूजा हुआ और उष्ण हो जाता है। एलीफेंटियासिस में, हाथियों के अग्र टांगों के समान अंग प्रयाप्त सूज सकते हैं। यह उल्टी, सरदर्द और ज्वर का भी कारण बनता है।

नित्यानंद रसो की मटेरियल

  • हिंगुला मुमकिन सूता (हिंगुलोथा परदा)
  • Gandhaka (Shuddha)
  • आपकी भाषा
  • Kansya Bhasma 
  • वंगा भस्म
  • हरिताल शुद्ध ( pure ):
  • Tuttha Shuddha
  • शंख भस्म:
  • Vidarika (Vidari)
  • शुंथि (प्रकंद)
  • मारीचा (फल)
  • Pippali (Fruit)
  • हरीतकी (पेरिकार्प)
  • बिभीटक (पेरिकार्प)
  • अमलाकी (पेरिकार्प)
  • Lauha Bhasma
  • विदंगा (फल)
  • विदा लवना
  • समुद्र लवाना
  • सैंधव लवाना
  • Sauvarchala Lavana
  • Romaka Lavana
  • छविका (छाव्या)
  • Pippali mula (Root)
  • हवुशा (फल)
  • वाचा (प्रकंद)
  • पथ (जड़)
  • देवदरु
  • इला (सुक्षमेला) (बीज)
  • वृद्धादारुका (जड़)
  • त्रिवृता (त्रिवृत) (जड़)
  • चित्रक (जड़)
  • दांती (जड़)
  • शती (जड़)
  • Haritaki rasa (Kvatha) (Pericarp)

नित्यानंद रसो के इशारा

  • यह एलीफैंटियासिस और फाइब्रॉएड के उपचार के लिए उत्कृष्ट आयुर्वेदिक औषधि है।
  • यह स्किन के जख्मों का मोटा होना कम करता है।
  • यह वात और कफ, बलगम त्रुटि को शांत करता है।
  • इसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं।
  • यह स्वेलिंग को कम करता है।
  • यह एक टॉनिक है।
  • यह भूख और हाज़मा को प्रोत्साहन देता है।

नित्यानंद जूस के इस्तेमाल

हल्के ज्वर, संजीदा पीड़ा और दुःखित हिस्से पर खारिश के साथ जुड़े एलीफेंटियासिस या फाइलेरिया। स्किन के जख्मों की स्वेलिंग और मोटा होना कम करना

में भी सहायक

  • ट्यूमर
  • फाइब्रॉएड
  • ट्यूमर
  • आमवात, वात बीमारी
  • मोटापा

नित्यानंद रसो की डोज़

  • एक से दो टैबलेट ( tablet ) दिन में दो बार जल या गोमूत्र के साथ एक माह तक या डॉक्टर के निर्देशानुसार।

नित्यानंद रसो की सतर्कता

  • इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें वजनी धातु मटेरियल होती है।
  • इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
  • ज्यादा डोज़ से संजीदा जहरीला प्रभाव ( effect ) हो सकता है।
  • प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इससे बचना सबसे बढ़िया है।
  • शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
  • सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।
  • विषहरण, विषैला तत्त्व/विषैले तत्त्व, वजनी धातुओं वाली आयुर्वेदिक औषधियां औषधीय निगरानी में ही लेनी चाहिए।