फ्लू ( flu ) और ज्वर
कारण
- विषाणु इनफ़ेक्शन
- बैक्टीरिया इनफ़ेक्शन
- यकायक ठंडी सूखा हवाओं के कांटेक्ट में आना
- कम इम्युनिटी
लक्षण
- बॉडी ( body ) में पीड़ा और शीत लगना
- बहुत थकान/निर्बलता
- भूख में अभाव
- घुमेरी ( dizziness ) आना
- मांसपेशियों ( muscles ) और जॉइंट्स का पीड़ा
- कफ, बलगम के साथ कफ
- कंठनली में खरास
- सरदर्द
कफ
कारण
- विषाणुजनित इनफ़ेक्शन
- प्रदूषकों के कांटेक्ट और एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
- फेफड़ों के जीर्ण बीमारी
- दाह या कंठनली में इनफ़ेक्शन
- शीत और फ्लू ( flu )
- एलर्जिक राइनाइटिस और साइनोसाइटिस
- हृदय से रिलेटेड वेंट्रिकल या वाल्व की समस्या
लक्षण
- कफ, बलगम के साथ खाँसी ( cough ) या सूखी खाँसी ( cough )
- खांसते अवधि ( समय ) छाती में पीड़ा
- दाह के साथ कंठनली का लाल होना
- सांस लेने में कष्ट
- निरन्तर गला साफ करना
- खांसने के कारण आमाशय में पीड़ा
Name | Unjha Tribhuvan Kirti Ras (40tab) |
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Brand | उंझा |
MRP | ₹ 80 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर |
Sizes | 40टैब |
Prescription Required | No |
Length | 2.8 सेंटिमीटर |
Width | 2.8 सेंटिमीटर |
Height | 6.5 सेंटिमीटर |
Weight | 20 ग्राम |
Diseases | फ्लू ( flu ) और ज्वर, कफ |
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त्रिभुवन कीर्ति रासो के बारे में
त्रिभुवन कीर्ति जूस जड़ी-बूटी की आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग आमतौर पर भिन्न-भिन्न तरह के ज्वर के उपचार के लिए किया जाता है। इसमें ज्वरनाशक और एनाल्जेसिक गतिविधियां हैं। इसमें सिनाबार, त्रिकटु, पिप्पलामूल, और जड़ी-बूटियों और मिनरल्स के साथ एकोनाइट होता है। यह साधारण शीत, फ्लू ( flu ) और और वात कफ, बलगम प्रॉब्लम्स के लिए प्रभावशाली औषधि है।
त्रिभुवन कीर्ति रसो की मटेरियल
- शुद्ध ( pure ) हिंगुला - शुद्ध ( pure ) सिनाबारी
- शुद्ध ( pure ) वत्सनाभ - शुद्ध ( pure ) एकोनिटम फेरोक्स
- शुंटी - जिंजर ( ginger ) (प्रकंद) - जिंजिबर ऑफिसिनैलिस
- मारीच - काली मिर्च - मुरलीवाला नाइग्रुम
- Pippali – Long pepper – Piper longum
- Tankana Bhasma – Borax
- पिप्पलीमूला - लंबी काली मिर्च की जड़ - पाइपर लोंगम
- तुलसी ( tulsi ) के जूस का अर्क - पवित्र तुलसी ( tulsi ) - ओसिमम गर्भगृह - पर्याप्त मात्रा ( quantity ) में।
- धतूरा का जूस निकालने - धतूरा मेटेल - मात्रा ( quantity ) पर्याप्त
- निर्गुंडी का जूस निकालने - विटेक्स नेगुंडो - मात्रा ( quantity ) पर्याप्त
त्रिभुवन कीर्ति रासो के इशारा
- इंफ्लुएंजा
- ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ )
- टॉन्सिल्लितिस
- अन्न-नलिका का बीमारी
- लैरींगाइटिस
- छोटी माता
- खसरा
- ज्वर
- साधारण प्रतिश्याय ( जुकाम )
त्रिभुवन कीर्ति जूस के फायदा
- इसका इस्तेमाल तेज़ और जीर्ण ज्वर के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है।
- इसका इस्तेमाल सब के सब तरह के ज्वर, तिल्ली और लीवर ( liver ) बिमारियों के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है।
- यह हाज़मा शक्ति में भी इम्प्रूवमेंट करता है।
- साधारण शीत-कफ में उपयोगी।
त्रिभुवन कीर्ति रसो की डोज़
एक से दो टेबलेट्स ( tablets ), दिन में एक या दो बार, आहार ( food ) से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार। इसे पारंपरिक रूप से मधु ( honey ), ताजा जिंजर ( ginger ) के जूस, तुलसी ( tulsi ) के जूस के साथ दिया जाता है।
त्रिभुवन कीर्ति रास की सतर्कता
- इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें एकोनिटम घटक के रूप में होता है।
- इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
- ज्यादा डोज़ से संजीदा जहरीला प्रभाव ( effect ) हो सकता है।
- प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इससे बचना सबसे बढ़िया है।
- शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
- सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।
- इससे ब्रैडीकार्डिया हो सकता है - हृदय की हार्टबीट कम होना।