साइटिका
कारण
- कटिस्नायुशूल नर्व का संपीड़न
- काठ का स्पोंडिलोसिस नर्व दबाव ( चाप ) का कारण बनता है
- अंदरूनी ब्लीडिंग जो स्थानीय दबाव ( चाप ) का कारण बनता है
- स्लिप डिस्क के कारण दबाव ( चाप )
- पोस्ट ऑपरेटिव शिकायतें
लक्षण
- निचली कटि ( कमर ) का पीड़ा
- टांगों में सुन्नपन और सनसनाहट
- बछड़े की मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता के साथ टाँगों में पीड़ा
- पांव और पांव की अंगुली की मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
- प्रभावित पांव में निरन्तर पीड़ा
- चलते अवधि ( समय ) पीड़ा
एडी का पीड़ा
कारण
- ज्यादा भार के कारण एड़ी पर दबाव ( चाप ) पड़ता है
- बुरा फिटिंग या घिसे-पिटे जूते पहनना
- एड़ी में चोट
- कैल्केनियम स्पर
- काम करने की स्थिति जहां लंबे अवधि ( समय ) तक खड़े रहने की जरूरत होती है
लक्षण
- एड़ी में तेज पीड़ा
- एड़ी की स्वेलिंग के साथ चलने और खड़े होने में मुसीबत
- एड़ी का सुन्न होना
- एड़ी की हार्डनेस
- ऊँची एड़ी के जूते उठाने में मुसीबत
पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा
कारण
- पीठ ( back ) या घुटने ( knee ) में चोट
- आमवात
- संगठित चोटें
- रजोनिवृत्ति
- शिराओं का संपीड़न
- व्यवसाय उन्मुख: निरन्तर खड़े रहना या बैठना
लक्षण
- बैठने/काम करने/चलने के दौरान पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) में तेज पीड़ा
- स्थिति बदलने में मुसीबत
- पीठ ( back ) में भारीपन
- टांगों में सुन्नपन
- सोने की गलत पोजीशन
आमवात और आमवात
कारण
- पुष्टिकारक तत्वों की अभाव (कैल्शियम। विटामिन ( vitamin ) डी)
- रजोनिवृत्ति
- आयु बढ़ने
- ज्यादा भार
- आमवात का पारिवारिक हिस्ट्री
लक्षण
- जॉइंट्स के पीड़ा के साथ थकान
- जॉइंट्स की लालिमा और स्वेलिंग
- जॉइंट्स का अकड़ना
- कठिन चलना
- मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
Name | उंझा लक्षदी गुग्गुलु (60 टैब) |
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Other Names | लक्ष्मी गुग्गुलु |
Brand | उंझा |
MRP | ₹ 109 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), वटी, गुटिका और गुग्गुलु |
Sizes | 60tab |
Prescription Required | No |
Length | 4.4 सेंटिमीटर |
Width | 4.4 सेंटिमीटर |
Height | 6.3 सेंटिमीटर |
Weight | 35 ग्राम |
Diseases | साइटिका, एडी का पीड़ा, पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा, आमवात और आमवात |
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लक्षदी गुग्गुलु के बारे में
लक्षदी गुग्गुल एक आयुर्वेदिक हर्बल फॉर्मूलेशन है, जो कम हड्डी खनिज घनत्व, ऑस्टियोपोरोसिस ( osteoporosis ), ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ) और अस्थियों, दांतों, जॉइंट्स और मांसपेशियों ( muscles ) से रिलेटेड और रोगों, स्पेशल रूप से अस्थियों और फ्रैक्चर ( fracture ) के प्रबंधन में बहुत सहायक है। इस फॉर्मूलेशन की प्रमुख क्रियाएं अस्थियों के द्रव्यमान को बहाल करना, अस्थियों, जॉइंट्स और मांसपेशियों ( muscles ) को ताकतवर करना, जॉइंट्स की स्वेलिंग को कम करना और जॉइंट्स के बिमारियों से जुड़े पीड़ा और स्वेलिंग को कम करना है।
लक्षदी गुग्गुलु की मटेरियल
- लक्ष (लाख) - लैक्सिफर लक्का
- Hadjod - Cissus quadrangularis
- अर्जुन - टर्मिनलिया अर्जुन
- अश्वगंधा - विथानिया सोम्निफेरा
- नागबाला - ग्रेविया पॉपुलिफ़ोलिया
- शुद्ध ( pure ) गुग्गुलु - शुद्ध ( pure ) कोमिफोरा मुकुली
लक्षदी गुग्गुलु के मेडिसिनल गुण
- सूजनरोधी
- एन्टी आमवात
- एन्टी oxidant
- एन्टी अकड़नेवाला
- नेचुरल कैल्शियम ( calcium ) अनुपूरक
- अस्थियों और जॉइंट्स के लिए नेचुरल अनुपूरक
लक्षदी गुग्गुलु के इशारा
प्रमुख इशारा
- कम हड्डी खनिज घनत्व या ऑस्टियोपीनिया
- ऑस्टियोपोरोसिस ( osteoporosis )
- अस्थियों में पीड़ा
- अस्थियों की निर्बलता
- बोन ( bone ) टूटना
- ऑस्टियोपोरोसिस ( osteoporosis )
और इशारा
- बर्साइटिस
- कार्पल टनल सिंड्रोम ( syndrome )
- फाइब्रोमायल्गिया और मांसपेशियों ( muscles ) में मरोड़ या मरोड़
- जॉइंट्स में अकड़न और मांसपेशियों ( muscles ) में खिंचाव
- अस्थियों, मांसपेशियों ( muscles ) और जॉइंट्स की स्वेलिंग रिलेटिव बीमारियां
- दोहराव चाल की चोट
- मोच
- टेंडोनाइटिस
मेडिसिनल इस्तेमाल और सेहत फायदा
लक्षदी गुग्गुल प्रमुख रूप से अस्थियों, मांसपेशियों ( muscles ) और जॉइंट्स पर काम करता है। यह अस्थियों को ताकतवर करता है, खोए हुए मिनरल्स को पुनर्स्थापित करता है, अस्थियों के घनत्व में इम्प्रूवमेंट करता है, जॉइंट्स की स्वेलिंग को कम करता है और फ्रैक्चर ( fracture )-ट्रीटमेंट ( treatment ) प्रोसेस में इम्प्रूवमेंट करता है।
कम हड्डी खनिज घनत्व या ऑस्टियोपीनिया
लक्षदी गुग्गुल हड्डी खनिज घनत्व (बीएमडी) में इम्प्रूवमेंट करता है और इस उद्देश्य के लिए आयुर्वेद ( ayurveda ) में इसका विस्तृत रूप से इस्तेमाल किया जाता है। इसका प्रभाव ( effect ) जड़ी-बूटी Cissus quadrangularis, अर्जुन और अश्वगंधा के कारण होता है। भिन्न-भिन्न शोध अध्ययनों के अनुरूप ( accordingly ) हड्डी खनिज घनत्व में इम्प्रूवमेंट के लिए ये तीन जड़ी-बूटियाँ बहुत लाभकारी हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस ( osteoporosis )
ऑस्टियोपोरोसिस ( osteoporosis ) बोनी द्रव्यमान का असाधारण हानि है, जिसके फलतः छिद्रपूर्ण और नाजुक हड्डियां होती हैं। यह रजोनिवृत्ति के दौरान स्त्रियों में हार्मोनल ( hormonal ) परिवर्तन के कारण हो सकता है। आयुर्वेद ( ayurveda ) में इस स्थिति के लिए लक्षदी गुग्गुल पसंद की एक औषधि है। यह बोन ( bone ) के टिशू को बहाल करने और आगे बोन ( bone ) के हानि को रोकने में सहायता करता है।
हड्डी भंग
लक्षदी गुग्गुल में हड़जोड़, अर्जुन और और जड़ी-बूटियाँ होती हैं, जो बोन ( bone ) के फ्रैक्चर ( fracture ) में ट्रीटमेंट ( treatment ) प्रोसेस को प्रोत्साहन देती हैं।
जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis )
लक्षदी गुग्गुल संगठित गतिशीलता को बहाल करने में सहायता कर सकता है। यह श्लेष जॉइंट्स में श्लेष तरल में इम्प्रूवमेंट करने में भी सहायता कर सकता है। लक्षदी गुग्गुल के सब के सब अवयवों में एन्टी भड़काऊ, एनाल्जेसिक और बोन ( bone ) की बहाली क्रिया होती है। इसलिए लक्षदी गुग्गुल ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ) में पीड़ा और स्वेलिंग से आराम दिलाता है।
मांसपेशियों ( muscles ) में पीड़ा और मरोड़
लक्ष्मी गुग्गुल में उपस्थित नागबाला एक शक्तिशाली मांसपेशियों ( muscles ) को आराम देने वाला होता है और और जड़ी-बूटियाँ अपनी मरोड़-रोधी क्रिया के लिए जानी जाती हैं। वे फाइब्रोमायल्गिया में सॉफ्टनेस और पीड़ा को कम करते हैं और मांसपेशियों ( muscles ) को आराम देते हैं।
मात्रा ( quantity ) बनाने की पद्धति
लक्षदी गुग्गुल की डोज़ मरीज की सेहत स्थिति पर निर्भर करती है। आम तौर पर, डोज़ 250 मिलीग्राम ( mg ) से 2 ग्राम तक अलग हो सकती है। ज़्यादा से ज़्यादा डोज़ प्रति दिन 6 ग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
1-2 टैबलेट ( tablet ) दिन में दो बार आहार ( food ) के बाद हल्के गर्म जल के साथ लें।
एहतियात
आयुर्वेदिक डॉक्टर की निगरानी में लेने पर लक्षदी गुग्गुल इलाज डोज़ में कदाचित सुरक्षित है।
यदि वजनी मात्रा ( quantity ) में (प्रति दिन 6 ग्राम से ज्यादा) लिया जाए तो लक्षदी गुग्गुल निम्नलिखित दुष्प्रभाव ( side effect ) पैदा कर सकता है।
- आमाशय बुरा
- सरदर्द
- इसके किसी भी घटक से एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन के फलतः खारिश, पित्ती और स्किन पर ददोड़े हो सकते हैं
- लक्षदी गुग्गुल अपने प्रधान घटक गुग्गुल के कारण माहवार धर्म फ्लो और ब्लीडिंग को प्रोत्साहित कर सकता है। यह वजनी मात्रा ( quantity ) में प्रेग्नेंसी ( pregnency ) को खतरे में डाल सकता है, इसलिए प्रेग्नेंसी ( pregnency ) के दौरान इससे बचें।
- शिशुओं की पहुंच से दूर रखें।