Zandu Mahayograj Guggulu (40tab)

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Zandu Mahayograj Guggulu (40tab)

एडी का पीड़ा

कारण

  • ज्यादा भार के कारण एड़ी पर दबाव ( चाप ) पड़ता है
  • बुरा फिटिंग या घिसे-पिटे जूते पहनना
  • एड़ी में चोट
  • कैल्केनियम स्पर
  • काम करने की स्थिति जहां लंबे अवधि ( समय ) तक खड़े रहने की जरूरत होती है

लक्षण

  • एड़ी में तेज पीड़ा
  • एड़ी की स्वेलिंग के साथ चलने और खड़े होने में मुसीबत
  • एड़ी का सुन्न होना
  • एड़ी की हार्डनेस
  • ऊँची एड़ी के जूते उठाने में मुसीबत

पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा

कारण

  • पीठ ( back ) या घुटने ( knee ) में चोट
  • आमवात
  • संगठित चोटें
  • रजोनिवृत्ति
  • शिराओं का संपीड़न
  • व्यवसाय उन्मुख: निरन्तर खड़े रहना या बैठना

लक्षण

  • बैठने/काम करने/चलने के दौरान पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) में तेज पीड़ा
  • स्थिति बदलने में मुसीबत
  • पीठ ( back ) में भारीपन
  • टांगों में सुन्नपन
  • सोने की गलत पोजीशन

आमवात और आमवात

कारण

  • पुष्टिकारक तत्वों की अभाव (कैल्शियम। विटामिन ( vitamin ) डी)
  • रजोनिवृत्ति
  • आयु बढ़ने
  • ज्यादा भार
  • आमवात का पारिवारिक हिस्ट्री

लक्षण

  • जॉइंट्स के पीड़ा के साथ थकान
  • जॉइंट्स की लालिमा और स्वेलिंग
  • जॉइंट्स का अकड़ना
  • कठिन चलना
  • मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता

Nameझंडू महायोगराज गुग्गुलु (40 टैब)
Other Namesयोगराज गुग्गुलु
Brandझंडु
MRP₹ 160
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), वटी, गुटिका और गुग्गुलु
Sizes40टैब
Prescription RequiredNo
Length2.5 सेंटिमीटर
Width2.5 सेंटिमीटर
Height5.5 सेंटिमीटर
Weight15 ग्राम
Diseasesएडी का पीड़ा, पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा, आमवात और आमवात

महायोगराज गुग्गुलु के बारे में

महायोगराज गुग्गुल (महा योगराज गुग्गुल के रूप में भी लिखा जाता है) एक आयुर्वेदिक हर्बल-खनिज तैयारी है। इसका इस्तेमाल जॉइंट्स और मांसपेशियों ( muscles ) के विकृतियों, हाज़मा बिमारियों, सांस की तकलीफों, पेशाब विकृतियों और सब के सब तरह के पीड़ा विकृतियों और स्वेलिंग रिलेटिव रोगों में किया जाता है। आज की भागदौड़ भरी जीवन शैली के कारण कोई भी आदमी भिन्न-भिन्न आयु में जॉइंट्स के पीड़ा से दुःखित है, महायोगराज गुग्गुलु बिना किसी ज्ञात दुष्प्रभाव ( side effect ) के पीड़ा निरोधक के लिए एक सर्वश्रेष्ठ मददगार औषधि के रूप में काम कर रहा है।

महायोगराज गुग्गुलु की मटेरियल

  • सुधा गुग्गुलु
  • त्रिफला चूर्ण
  • सूखा जिंजर ( ginger )
  • पिपली (लंबी मिर्च या पीपर लोंगम) – फल
  • पिपली (लंबी मिर्च या पीपर लोंगम) - जड़ें
  • छव्य (पाइपर क्यूबबा)
  • चित्रक (प्लंबगो ज़ेलेनिका)
  • तली हुई हिंग (हींग)
  • अजमोद (अपियम ग्रेवोलेंस) अजवाइन के बीज
  • सरसों के बीज
  • काला जीरा
  • श्वेत जीरा
  • निर्गुंडी बीज
  • इंदरजो (होलरहेना एंटीडिसेंटरिका बीज)
  • पाठा (सीसाम्पेलोस परेरा)
  • विदंगा (एम्बेलिया रिब्स)
  • गजपीपल (जावा लॉन्ग पेपर)
  • कुटकी
  • अतीस या अतिविशा (एकोनिटम हेटरोफिलम)
  • भरंगी (क्लेरोडेंड्रम सेराटम)
  • वाचा (एकोरस कैलमस)
  • मुस्तक (साइपरस रोटंडस)
  • अरंडी का तेल (अरंड तेल)
  • महायोगराज गुग्गुल में खनिज और भस्म
  • खनिज मात्रा ( quantity )
  • रजत भस्म (चांडी या चांदी कैलक्लाइंड कण)
  • वांग भस्म
  • नागा भस्म
  • Loha Bhasma
  • Abhrak Bhasma
  • Mandur bhasma
  • रास सिंदूर

मेडिसिनल गुण

महायोगराज गुग्गुल में निम्नलिखित ट्रीटमेंट ( treatment ) गुण हैं।

प्राथमिक क्रियाएं

  • एंटीह्यूमेटिक
  • सूजनरोधी
  • एन्टी आमवात
  • एनोडीन या एनाल्जेसिक
  • एंटीस्पास्मोडिक (एंटीस्पास्मोडिक)
  • मांसपेशियों ( muscles ) को आराम
  • कामिनटिव
  • हाज़मा उत्तेजक

माध्यमिक क्रियाएं

  • expectorant
  • इमेनगॉग
  • hypo-ग्लाइसेमिक
  • फैट बर्नर और मोटापा एन्टी
  • एन्टी स्वाद ( taste )
  • एंटीऑक्सिडेंट
  • adaptogenic
  • कर्कट ( cancer ) एन्टी

इलाज इशारा

निम्नलिखित बिमारियों में महायोगराज गुग्गुल मददगार है।

मांसपेशियों ( muscles ), अस्थियों और जॉइंट्स

  • अकड़न के साथ पीठ ( back ) पीड़ा
  • fibromyalgia
  • संगठित हार्डनेस के साथ आमवात
  • जोड़ो का अकड़ जाना
  • मांसपेशियों ( muscles ) में मरोड़
  • रूमेटाइड आमवात
  • कोष्ठबद्धता ( constipation ) (आंतों की निर्बलता और क्रमाकुंचन कम होने के कारण)
  • उदर विस्तार
  • स्वेलिंग
  • आमाशय फूलना
  • खट्टी ( sour ) डकार ( belching )
  • आंतों की गैस
  • आंत चिंतित
  • नर्व निर्बलता
  • मांसपेशी ( muscle ) में कमज़ोरी
  • कटिस्नायुशूल नर्व पीड़ा

स्त्री सेहत

अवधि असामान्यताएं।

फायदा और इस्तेमाल

महायोगराज गुग्गुल नर्वस सिस्टम और मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम के विकृतियों में सहायक है। इसकी प्रमुख क्रिया AMMA (बॉडी ( body ) में कुअवशोषण और बदहजमी आहार ( food ) के कारण डिवेलप विषाक्त तत्त्व) पर होती है। यह एएमएए को पचाता है और बॉडी ( body ) में हाज़मा प्रोसेस और चयापचय गतिविधियों में इम्प्रूवमेंट करके आगे के आयोजन को रोकता है।

योगराज गुग्गुलु से इसका जरूरी भेद है। योगराज गुग्गुल केवल एएमएए, चयापचय और पीड़ा पर काम करता है, लेकिन महा योगराज गुग्गुल इनके अतिरिक्त भिन्न-भिन्न अंगों को भी ताकत प्रोवाइड करता है। महा योगराज गुग्गुल में भस्म और खनिज होते हैं, जो इसे योगराज गुग्गुल से ज्यादा प्रभावशाली बनाते हैं।

अकड़न के साथ पीठ ( back ) पीड़ा

महा योगराज गुग्गुल अकड़न और पीठ ( back ) पीड़ा को कम करता है। कटि ( कमर ) पीड़ा में दशमूलारिस्ता से ज्यादा फायदा होता है।

मैग्नीशियम आधारित अभ्रक भस्म के कारण महायोगराज गुग्गुल में मरोड़-रोधी क्रिया होती है। इसमें गुग्गुल, रजत भस्म और त्रिफला जैसे और मूल तत्व भी होते हैं, जो सॉफ्टनेस, मांसपेशियों ( muscles ) में पीड़ा और थकान को दूर करने में सहायता करते हैं। अश्वगंधा पाउडर या अश्वगंधारिष्ट के साथ उपयोग करने पर यह ज्यादा प्रभावशाली होता है।

जॉइंट्स में अकड़न और तेज़ पीड़ा के साथ गाउट

यद्यपि, गाउट और हाई यूरिक एसिड के लिए ज्यादा सुरक्षित ट्रीटमेंट ( treatment ) उपलब्ध हैं जिनमें कैशोर गुग्गुलु, अमृतादि गुग्गुल, सिंघनाद गुग्गुलु, चंद्रप्रभा वटी, पुनर्नवारिष्ट, पुनर्नवा पाउडर, गिलोय काढ़ा आदि शामिल हैं। महायोगराज गुग्गुल का इस्तेमाल तब किया जाता है जब जॉइंट्स में अकड़न और तेज़ पीड़ा ज्यादा प्रधान लक्षण ( symptom ) हों जॉइंट्स की सॉफ्टनेस या सुस्त दर्द ( pain ) ऐसी स्थिति में गिलोय के काढ़े के साथ सेवन करने से फायदा होता है।

तेज़ पीड़ा के कम होने पर, अकड़न के लिए योगराज गुग्गुल और बढ़े हुए यूरिक एसिड को कम करने के लिए गोखसुरादि गुग्गुलु और पुनर्नवा चूर्ण ले सकते हैं।

रूमेटाइड आमवात

जोड़ों का प्रदाह के लिए महायोगराज गुग्गुल सोना ज्यादा लाभदायक है। यह स्वेलिंग, अकड़न और पीड़ा से आराम देता है। यद्यपि, यह रूमेटोइड आमवात के तेज़ हमले में सबसे बढ़िया है।

महायोगराज गुग्गुलु की डोज़

1 - 2 टैबलेट ( tablet ) दिन में एक या दो बार आहार ( food ) के बाद विशेषतः हल्के गर्म जल के साथ।

महायोगराज गुग्गुलु की सतर्कता

  • यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
  • इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
  • शिशुओं और प्रेग्नेंट स्त्रियों और स्तनपान ( breastfeeding ) कराने वाली मां को इससे बचना चाहिए।
  • इस औषधि का चयन किसी अच्छी कंपनी से करना निश्चित रूप से करें।
  • हाई डोज़ में, यह गैस्ट्र्रिटिस का कारण या बुरा हो सकता है।
  • शिशुओं की पहुंच से दूर रखें।