बदहजमी/अम्ल/गैस
कारण
- खा
- चिंता ( anxiety )
- लगातार व्रत
- मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
- पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं
लक्षण
- ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
- आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
- उल्टी
- मतली के एपिसोड
- स्वेलिंग की अनुभूति
Name | उंझा अग्निटुंडी वटी (40 टैब) |
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Other Names | अग्निटुंडी बाती |
Brand | उंझा |
MRP | ₹ 82 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), वटी, गुटिका और गुग्गुलु |
Sizes | 40टैब |
Prescription Required | No |
Length | 0 सेंटिमीटर |
Width | 0 सेंटिमीटर |
Height | 0 सेंटिमीटर |
Weight | 0 ग्राम |
Diseases | बदहजमी/अम्ल/गैस |
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Agniundi Vati . के बारे में
उंझा सर्वश्रेष्ठ क्वालिटी वाली जड़ी-बूटियों से बनी औषधियों के साथ 100% नेचुरल और सुरक्षित प्रोडक्ट्स की एक समूह है। उंझा की स्थापना पूर्व स्वतंत्रता युग में गुजरात राज्य में हुई थी। यह बरसों के समर्पित शोध के साथ सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेद ( ayurveda ) को जोड़ती है। गठन के हर पड़ाव में उन्नत फार्मास्युटिकल प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के साधन से बैच से बैच प्रदर्शन और पूर्ण शुद्धता और सुरक्षा का आश्वासन दिया जाता है। कंपनी ने लंबे अवधि ( समय ) से स्वत: को इंडियन औषधि मार्किट में अग्रणी के रूप में आधारित किया है। इसे हर्बल सेहत देखरेख प्रोडक्ट्स के डिजाइन, गठन और विपणन के लिए आईएसओ 9001:2000 प्रमाणन दिया गया है। इन प्रोडक्ट्स को ट्रीटमेंट ( treatment ) बिरादरी के साथ स्वीकृति मिली है और दुनिया भर के उपभोक्ताओं की सेहत और निजी देखरेख की जरूरतों को पूरा करते हैं।
अग्निटुंडी वटी एक पारंपरिक आयुर्वेदिक मिश्रण ( mixture ) है जो दुर्बल हाज़मा में सहायता करता है और आंतों की हाज़मा योग्यता को ताकतवर करने में सहायता करता है। आयुर्वेद ( ayurveda ) में "वती" का मतलब टैबलेट ( tablet ) है। यह विशुद्ध रूप से एक हर्बल फॉर्मूलेशन है जिसमें अनेक सुगंधित, वातहर, पाचक जड़ी-बूटियाँ होती हैं जो आंतों में गैस गठन, बदहजमी और किण्वन को कम करती हैं और नेचुरल हाज़मा प्रोसेस में सहायता करती हैं। यह लीवर ( liver ), पेनक्रियाज और छोटी आंत्र के साधन से पाचक रसों के डिस्चार्ज को उत्तेजित ( excited ) करके सही हाज़मा को बहाल करने में सहायता करता है। यह मरोड़ रोधी, वायुनाशक और पाचक है। अग्निटुंडी वटी विशुद्ध रूप से मसाले, मसालों, जड़ी-बूटियों, लवणों आदि से युक्त एक जड़ी-बूटी का गठन है। अग्निटुंडी की मटेरियल का इस्तेमाल आमाशय के शूल, बॉडी ( body ) में वायु मूल तत्व (वात मूल तत्व) के इम्बैलेंस ( असंतुलन ) के कारण होने वाले बिमारियों के लिए भी पृथक से किया जाता है। आमतौर पर वात इम्बैलेंस ( असंतुलन ) के कारण आमाशय का पीड़ा, घबराहट या बेचैनी, कोष्ठबद्धता ( constipation ), खुश्की, बदहजमी, गैस बनना। इन सब के सब परिस्थितियों में अग्निटुंडी वटी सहायक है।
अग्निंडी वटी की मटेरियल
- सुता - शुद्ध ( pure ) और संसाधित बुध
- विशा - एकोनिटम भयंकर
- गंधक - शुद्ध ( pure ) और संसाधित सल्फर
- अजमोड़ा - अजवायन (फल) - ट्रेचीस्पर्मम रॉक्सबर्गियानम
- हरीतकी - चेबुलिक हरड़ फल का छिलका - टर्मिनलिया चेबुला
- विभीतकी - बेलिरिक हरड़ फल का छिलका - टर्मिनलिया बेलिरिका
- अमलाकी - इंडियन आंवला फल - एम्ब्लिका ऑफिसिनैलिस गर्टन।
- Svarjikshara
- यव क्षार - क्षार की जौ - होर्डियम वल्गारे
- वाहनी - लेड वोर्ट (जड़) - प्लंबैगो ज़ेलेनिका
- सैंधव लवना - सेंधा लवण
- जीराका - जीरा - जीरा
- सौवर्चला लवाण - सोचल लवण
- विदंगा - झूठी काली मिर्च - एम्बेलिया राइबेस
- समुद्र लवण - साधारण लवण
- Tankana Bhasma – Borax
- विशामुष्टि - शुद्ध ( pure ) स्ट्रीचनोस नक्स वोमिका
- जांबीरा स्वरसा - नींबू का जूस
अग्निटुंडी वटी के फायदा
- यह गहरा, पचक और वात-नाशक उत्कृष्ट है।
- यह हृदय को ताकत देता है।
- यह हाज़मा, भूख और स्वाद ( taste ) में इम्प्रूवमेंट करता है।
- यह कफ और वात को कम करता है।
- यह वात-कफ, बलगम प्रधान लीवर ( liver ) बिमारियों में लाभकारी प्रभाव ( effect ) दिखाता है।
- यह पाखाना त्याग को नित्य करता है और कोष्ठबद्धता ( constipation ) में आराम देता है।
अग्निटुंडी वटी के इस्तेमाल
- भूख में अभाव, स्वाद ( taste ) में अभाव
- बदहजमी, आमाशय में गैस, आमाशय में पीड़ा, आमाशय का पीड़ा
- आंत्र के कीड़े
- बदहजमी के कारण ज्वर
- डायरिया, पेचिश
- Amavata
अग्निटुंडी वटी के लिए सतर्कता
- इस उत्पाद ( product ) में वजनी धातु मटेरियल है। इसलिए इसे औषधीय निगरानी में सख्ती से उपयोग किया जाना चाहिए।
- आकस्मिक ज्यादा मात्रा ( quantity ) में जहरीला प्रभाव ( effect ) हो सकता है।
- इसमें मटेरियल के रूप में क्षार होता है। इसलिए, लंबे अवधि ( समय ) तक इस्तेमाल करने पर, यह वीर्य की क्वालिटी और मात्रा ( quantity ) में अभाव का कारण बन सकता है।
- प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इससे बचना चाहिए।
- हाई डोज़ गैस्ट्र्रिटिस बुरा कर सकता है।
- हाई बी.पी. वाले लोगों को यह औषधि एहतियात से लेनी चाहिए, क्योंकि इसमें लवण होता है।