Unjha Brahmi Vati (Buddhi Vardhak) (200tab)

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Unjha Brahmi Vati (Buddhi Vardhak) (200tab)

चिंता ( anxiety ) और डिप्रेशन

कारण

  • ज्यादा काम और तनाव
  • अपनों को खोने के कारण दुख और झटका या आघात
  • लंबे अवधि ( समय ) तक पीड़ा या विगत में बीमारी
  • मदिरा या बहुत सारी औषधियों का दुरुपयोग
  • सेहत समस्याएं या पुराना पीड़ा
  • अकेलापन या आर्थिक संकट
  • बेरोजगारी और आत्मविश्वास ( self-confidence ) की नुक्सान

लक्षण

  • आकुलता ( बेचैनी ) और चिड़चिड़ाहट
  • सरदर्द और हाज़मा डिसऑर्डर और बिना किसी कारण के पीड़ा
  • डेथ या आत्मघात के कल्पना
  • कम भूख और भार घटाने
  • निरन्तर निगेटिव कल्पना, बात करने की चाह न होना
  • कन्फ्यूज्ड मन से निर्णय नहीं ले सकते
  • उदासी की निरन्तर मनोवृत्ति
  • थकान और निर्बलता

NameUnjha Brahmi Vati (Buddhi Vardhak) (200tab)
Other NamesBrahmi Bati (Buddhi Vardhak)
Brandउंझा
MRP₹ 546
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), वटी, गुटिका और गुग्गुलु
Sizes40टैब, 200tab
Prescription RequiredNo
Length4.5 सेंटिमीटर
Width4.5 सेंटिमीटर
Height7.6 सेंटिमीटर
Weight82 ग्राम
Diseasesचिंता ( anxiety ) और डिप्रेशन
Typeबाटी और गुटिका

About Brahmi Vati (Buddhi Vardhak)

उंझा सर्वश्रेष्ठ क्वालिटी वाली जड़ी-बूटियों से बनी औषधियों के साथ 100% नेचुरल और सुरक्षित प्रोडक्ट्स की एक समूह है। उंझा की स्थापना पूर्व स्वतंत्रता युग में गुजरात राज्य में हुई थी। यह बरसों के समर्पित शोध के साथ सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेद ( ayurveda ) को जोड़ती है। गठन के हर पड़ाव में उन्नत फार्मास्युटिकल प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के साधन से बैच से बैच प्रदर्शन और पूर्ण शुद्धता और सुरक्षा का आश्वासन दिया जाता है। कंपनी ने लंबे अवधि ( समय ) से स्वत: को इंडियन औषधि मार्किट में अग्रणी के रूप में आधारित किया है। इसे हर्बल सेहत देखरेख प्रोडक्ट्स के डिजाइन, गठन और विपणन के लिए आईएसओ 9001:2000 प्रमाणन दिया गया है। इन प्रोडक्ट्स को ट्रीटमेंट ( treatment ) बिरादरी के साथ स्वीकृति मिली है और दुनिया भर के उपभोक्ताओं की सेहत और निजी देखरेख की जरूरतों को पूरा करते हैं।

ब्राह्मी कैप्सूल दिमाग़ी फिटनेस, अच्छी याददाश्त और सतर्कता को प्रोत्साहन देता है। गोटू कोला के रूप में भी जाना जाता है, ब्राह्मी दुनिया के सबसे शक्तिशाली एडाप्टोजेन्स में से एक है। ब्राह्मी बिना किसी दुष्प्रभाव ( side effect ) के दिमाग़ी स्पष्टता, समस्त सेहत और एनर्जी को बढ़ाती है। यह डिप्रेशन, ब्लड प्रेशर आदि में सहायता करता है। इस औषधि को केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही लेना चाहिए। उत्तर इंडियन आयुर्वेदिक प्रशिक्षण में इस औषधि का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। औषधि ब्राह्मी इसके प्रमुख घटक के रूप में है। यह एक अनोखी औषधि है जिसका सीधा प्रभाव नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। ब्राह्मी ब्रेन के कुछ रसायनों को बढ़ाने में सहायता करती है जो सोच, सीखने और याददाश्त में शामिल होते हैं। यह दिमाग को खोलने और साफ़ करने, स्मरणशक्ति और बुद्धि को ताकतवर करने, ध्यान और कंसंट्रेशन का समर्थन ( support ) करने, बैलेंस्ड भावनात्मक स्थिति को प्रोत्साहित करने, दिन की एनर्जी को प्रोत्साहन देने और दूसरों के साथ रात्रि की निद्रा को प्रोत्साहन देने में भी सहायता करता है।

Ingredients of Brahmi Vati (Buddhi Vardhak)

  • ब्राह्मी (सेंटेला एशियाटिक) पाउडर
  • शंखपुष्पी (Convolvulus Pluricaulis)
  • वाचा (एकोरस कैलमस)
  • काली मिर्च (काली मिर्च)
  • Gavajava
  • स्वर्ण मक्षिक भस्म
  • रास सिंदूर
  • जटामांसी काढ़ा

Indications of Brahmi Vati (Buddhi Vardhak)

इसका इस्तेमाल डिप्रेशन, दिमाग़ी स्थिति, निद्रा न आना, एमडीपी, जीर्ण ज्वर, हाथों और टांगों में कांपना, चिंता ( anxiety ) के आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है।

Dosage of Brahmi Vati (Buddhi Vardhak)

  • गठन कंपनियों के बुनियाद पर हर एक गोली ( tablet ) में 250 मिलीग्राम ( mg ) से 375 मिलीग्राम ( mg ) मटेरियल होती है।
  • डोज़ 1 से 2 टेबलेट्स ( tablets ) दिन में दो बार है।
  • ब्राह्मी वटी (स्मरणशक्ति बढ़ाने वाला) की ज़्यादा से ज़्यादा डेली डोज़ 1500 मिलीग्राम ( mg ) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

Precautions of Brahmi Vati (Buddhi Vardhak)

  • इस औषधि के साथ स्व-औषधि की परामर्श नहीं दी जाती है।
  • इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
  • ज्यादा डोज़ गैस्ट्र्रिटिस जैसे विपरीत प्रभाव ( effect ) पैदा कर सकता है।
  • प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इससे बचना सबसे बढ़िया है।
  • शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
  • सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।
  • बीमारी के दौरान मसालों से भरा और खट्टे ( sour ) आहार ( food ) से बचें। प्राणायाम और योगाभ्यास करें।