फ्लू ( flu ) और ज्वर
कारण
- विषाणु इनफ़ेक्शन
- बैक्टीरिया इनफ़ेक्शन
- यकायक ठंडी सूखा हवाओं के कांटेक्ट में आना
- कम इम्युनिटी
लक्षण
- बॉडी ( body ) में पीड़ा और शीत लगना
- बहुत थकान/निर्बलता
- भूख में अभाव
- घुमेरी ( dizziness ) आना
- मांसपेशियों ( muscles ) और जॉइंट्स का पीड़ा
- कफ, बलगम के साथ कफ
- कंठनली में खरास
- सरदर्द
Name | Unjha Jaharmohra Khatai Pishti (10g) |
---|---|
Brand | उंझा |
MRP | ₹ 98 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), Bhasm & Pishti |
Sizes | 10 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 3 सेंटिमीटर |
Width | 3 सेंटिमीटर |
Height | 6.6 सेंटिमीटर |
Weight | 19 ग्राम |
Diseases | फ्लू ( flu ) और ज्वर |
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About Jaharmohra Khatai Pishti
जहरमोहरा खटाई पिष्टी एक आयुर्वेदिक खनिज आधारित सूत्रीकरण है। इसे जहर मोहरा स्टोन से तैयार किया जाता है, जिसे सर्पेन्टाइन भी कहा जाता है। तथापि, सर्पेन्टाइन एक एकल खनिज नहीं है, लेकिन इसमें प्रमुख रूप से मैग्नीशियम सिलिकेट होता है।
आयुर्वेद ( ayurveda ) में जहरमोहरा खटाई पिष्टी को विषहरण और ह्यूमन ( human ) के लिए खाने योग्य बनाने के लिए संसाधित किया जाता है। प्रक्रियाओं को शोधन, मरदाना और मारना कहा जाता है। शोधन और मर्दाना प्रक्रियाएं इसे इलाज उद्देश्यों के लिए उपयोग करने योग्य बनाने के लिए अनिवार्य हैं।
मटेरियल (रचना)
Shuddha Jahar Mohra (Purified Serpentine)
मेडिसिनल गुण
Jaharmohra Khatai Pishti have these medicinal properties.
- अतिसार रोधक
- वमनरोधी
- एंटासिड
- बिच्छू के डंक मारने की औषधि
- सांप के काटने की औषधि
- एन्टी हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त
- जीवाणुरोधी
- रोगाणुरोधी
- हाज़मा उत्तेजक
- ज्वरनाशक
इलाज इशारा
जहरमोहरा खटाई पिष्टी निम्नलिखित बिमारियों और लक्षणों में संकेतित है:
- शिशुओं में डायरिया
- उल्टी मतली
- आमाशय में दाह और नाराज़गी
- यकृत ( liver ) डिसऑर्डर (संभवतया ही कभी उपयोग किया जाता है)
- आकुलता ( बेचैनी )
- पुराना ज्वर
- हैज़ा
- हाई ब्लड चाप
फायदा और मेडिसिनल इस्तेमाल
जहरमोहरा खटाई पिष्टी हाज़मा तंत्र और हार्ट पद्धति के बिमारियों में लाभकारी है। जहर मोहरा पिष्टी के कुछ जरूरी मेडिसिनल इस्तेमाल और फायदा यहां दिए गए हैं।
शिशुओं में डायरिया
जहरमोहरा खटाई पिष्टी में दस्त रोधी, जीवाणुरोधी और रोगाणुरोधी गुण होते हैं, जो बच्चों और शिशुओं में डायरिया के उपचार में सहायता करते हैं। शिशुओं में डायरिया के उपचार के लिए निम्नलिखित आयुर्वेदिक सम्मिश्रण सर्वश्रेष्ठ हैं।
- Jaharmohra Khatai Pishti-60mg
- जसद भस्म-10mg
- नागरमोथा- (साइप्रस रोटंडस) -60 मिलीग्राम ( mg )
- मोचरस -60 मिलीग्राम ( mg )
- धनिया बीज (धनिया) -60 मिलीग्राम ( mg )
- Amla Churna-60mg
- Indrayava (Holarrhena Antidysenterica के बीज) -60mg
मेनोरेजिया (वजनी माहवारी)
मेनोरेजिया असाधारण वजनी माहवार धर्म है। अनेक स्त्रियों को निर्बलता और थकान का अनुभव होता है। वजनी माहवार धर्म वाली स्त्रियों में खून की कमी भी हो सकता है। यद्यपि, ऐसे केस के लिए अशोकारिष्ट पसंद की एक औषधि है, लेकिन जहरमोहरा खटाई पिष्टी ब्लीडिंग, निर्बलता और थकान को कम करने के लिए अलावा मदद प्रोवाइड करती है। जहरमोहरा खटाई पिष्टी का उपयोग प्रवाल पिष्टी और और के साथ इस तरह किया जाता है:
- Jaharmohra Khatai Pishti-250mg
- Praval Pishti-250mg
- गोदंती भस्म-250 मिलीग्राम ( mg )
- Giloy Satva-250mg
- Abhrak Bhasma-125mg
- मुक्ता पिष्टी-125mg
- यष्टिमधु (मदिरा) चूर्ण-500mg
- आमलकी केमिकल-500mg
हाई ब्लड चाप
जहरमोहरा खटाई पिष्टी का इस्तेमाल बार बार हाई ब्लड प्रेशर के प्रबंधन के लिए किया जाता है। इसके एंटीहाइपरटेन्सिव गुण प्रति दिन एक ग्राम से ज्यादा डोज़ में ज्यादा दिखाई देते हैं। यद्यपि, सर्पगंधा (राउवोल्फिया सर्पेन्टिना) पाउडर (कच्चा नेचुरल रूप) के सम्मिश्रण में जहरमोहरा खताई पिष्टी अच्छा काम करती है। निम्नलिखित सम्मिश्रण में सर्पगंधा की जरूरत के बिना यह अकेले अनेक पेशेन्ट्स ( patient ) में भी काम कर सकता है:
- जहरमोहरा खटाई पिष्टी-250 से 500 मिलीग्राम ( mg )
- अकीक पिष्टी-125mg
- मुक्ता पिष्टी-125mg
- Abhrak Bhasma-25mg
जहरमोहरा खटाई पिष्टी की डोज़ तालिका
- बच्चे-30to125mg
- बच्चे-60to125mg
- वयस्क-125to250mg
- जराचिकित्सा (वृद्धावस्था)-125to250mg
- ज़्यादा से ज़्यादा मुमकिन डोज़ (प्रति दिन या 24 घंटे में) -500 मिलीग्राम ( mg ) (खंडित डोज़ में)
जहरमोहरा खटाई पिष्टी के साइड इफेक्ट
इस औषधि को केवल औषधीय निगरानी में लेना सबसे बढ़िया है, विशेषकर शिशुओं, प्रेग्नेंट और स्तनपान ( breastfeeding ) कराने वाली माताओं के लिए।
इस औषधि को केवल स्पेशल अवधि ( समय ) अवधि के लिए अवधारित डोज़ में ही लें।
शीतल और सूखे जगह में रखें। शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।