पित्त पथरी
कारण
- हाई कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) भोजन
- यकृत ( liver ) / लीवर ( liver ) डिसऑर्डर
- पित्त पथरी का गठन
- एस्ट्रोजन युक्त ओरल ( oral ) गर्भ-निरोधक लेना
लक्षण
- आमाशय के ऊपरी दाहिने ( right ) हिस्से में पीड़ा
- शोल्डर के ब्लेड के बीच पीठ ( back ) पीड़ा
- उल्टी
- मतली
- स्किन और नेत्रों का पीला पड़ना
Name | उंझा त्रिविक्रम जूस (10 ग्राम) |
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Brand | उंझा |
MRP | ₹ 228 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर |
Sizes | 10 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 3 सेंटिमीटर |
Width | 3 सेंटिमीटर |
Height | 6.6 सेंटिमीटर |
Weight | 19 ग्राम |
Diseases | पित्त पथरी |
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त्रिविक्रम रासु के बारे में
त्रिविक्रम जूस गोली ( tablet ) के रूप में एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका इस्तेमाल पेशाब पथरी के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है। इस औषधि में वजनी धातु मूल तत्व होते हैं, इसलिए इसे केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही लेना चाहिए। उत्तर इंडियन आयुर्वेदिक प्रशिक्षण में इस औषधि का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
त्रिविक्रम रसो की मटेरियल
- ताम्र भस्म - तांबे से बनी भस्म - ताम्र भस्म एक आयुर्वेदिक दवा है, जो तांबे से तैयार की जाती है। इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए किया जाता है, इस तरह भिन्न-भिन्न विकृतियों स्किन बिमारियों, लीवर ( liver ) बीमारी, खून की कमी, भार प्रबंधन, हिचकी, आमाशय की दूरी, अम्लता ( खट्टापन ) आदि में सहायता करता है। इस औषधि को केवल औषधीय निगरानी में सख्ती से लिया जाना चाहिए।
- आजा क्षीरा - बकरी का मिल्क
- सुता - शुद्ध ( pure ) और संसाधित बुध - शुद्ध ( pure ) और संसाधित बुध - इम्युनिटी पद्धति को प्रोत्साहन देने के लिए, शक्ति में इम्प्रूवमेंट करने के लिए, हार्ट बिमारियों में, आमाशय का पीड़ा, पेशाब पथ से रिलेटेड बीमारी, एनो में फिस्टुला, स्वेलिंग की स्थिति, तपेदिक, क्रोनिक सांस की स्थिति, दमा, रक्ताल्पता, मोटापा, ज़ख्म न भरने और हाज़मा रिलेटिव समस्याएं।
- शुद्ध ( pure ) गंधक - हर्बल शुद्ध ( pure ) सल्फर - शुद्ध ( pure ) और संसाधित सल्फर - यह हर्बल मटेरियल में शुद्ध ( pure ) सल्फर को संसाधित करके तैयार किया जाता है। सल्फर/सल्फर को संस्कृत और हिंदी में गंधक के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इसकी तेज अजीबोगरीब सड़े हुए अंडे जैसी स्मेल होती है। यह प्रकृति में पाया जाने वाला एक अधात्विक मूल तत्व है। सल्फर की चार किस्में होती हैं। लाल, पीला, श्वेत और काला। इनमें से लाल और काला अब उपलब्ध नहीं हैं। पीली किस्म का इस्तेमाल अंदरूनी इस्तेमाल के लिए किया जाता है और श्वेत कलर का इस्तेमाल सामयिक अनुप्रयोग के लिए किया जाता है।
त्रिविक्रम रसो के इशारा
इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है
पेशाब पथरी
पेशाब बजरी।
त्रिविक्रम रसो की डोज़
- एक से दो टेबलेट्स ( tablets ), दिन में एक या दो बार, आहार ( food ) से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार।
- इसे नींबू की जड़ और जल के साथ मिलाकर दिया जाता है।
त्रिविक्रम जूस के लिए सतर्कता
- इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें वजनी धातु मटेरियल होती है।
- इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
- ज्यादा डोज़ से संजीदा जहरीला प्रभाव ( effect ) हो सकता है।
- प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इससे बचना सबसे बढ़िया है।
- शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
- सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।