डायबिटीज
कारण
- डायबिटीज का पारिवारिक हिस्ट्री
- ज्यादा भार या मोटापा
- अग्नाशयशोथ
- आनुवंशिक कारक
- पॉलीसिस्टिक अंडाशय बिमारियों वाली स्त्रियों में हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन )
लक्षण
- बढ़ी हुई भूख और तृष्णा
- मूत्र करने की बेकाबू चाह
- थकान और धुंधली नजर
- टांगों या हाथों में सुन्नपन / सनसनाहट
- थकान और निर्बलता
- ज़ख्म जो सरलता से नहीं भरते
Name | धूतपापेश्वर नागा भस्म (10 ग्राम) |
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Other Names | नाग भस्म |
Brand | Dhootapapeshwar |
MRP | ₹ 240 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), Bhasm & Pishti |
Sizes | 10 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 0 सेंटिमीटर |
Width | 0 सेंटिमीटर |
Height | 0 सेंटिमीटर |
Weight | 0 ग्राम |
Diseases | डायबिटीज |
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धूतपापेश्वर नागा भस्म के बारे में
नागा भस्म एक आयुर्वेदिक दवा है, जिसमें नागा (कैलक्लाइंड लेड) होता है। इसमें लेड के नैनो-कण होते हैं और नैनो-कण का आकृति करीब-करीब 60 एनएम होता है। नागा भस्म में पाया जाने वाला यौगिक लेड सल्फाइड होता है, जो कार्बनिक पदार्थों और अनेक और मिनरल्स के साथ मिलाया जाता है, जो जड़ी-बूटियों से प्राप्त हो सकते हैं, जिसमें सीसा को तैयार करने से पहले और उसके दौरान संसाधित किया जाता है। आयुर्वेद ( ayurveda ) में, नागा भस्म का इस्तेमाल बार-बार होने वाली रोगों के प्रबंधन के लिए किया जाता है। मूत्र, पेशाब असंयम, डायबिटीज मेलेटस, तिल्ली का बढ़ना, प्रदर, इंटरवल हर्निया, नपुंसकता, जोड़ों का प्रदाह, इत्यादि यह आमाशय, आंत्र, पेनक्रियाज, यूरिनरी ब्लैडर, वृषण, अस्थियों, मांसपेशियों ( muscles ), जॉइंट्स और जैसे अंगों पर काम करने की अनुमान है। स्नायुबंधन। यह औषधि केवल औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
धूतपापेश्वर नागा भस्म मटेरियल
- पीपल का पेड़ (पवित्र अंजीर या फिकस रिलिजियोसा) छाल
- कैलोट्रोपिस प्रोसेरा जड़
- नीबू का रास
- निर्गुंडी (विटेक्स नेगुंडो) पत्तियां
- हल्दी (करकुमा लोंगा) पाउडर
- मनहशिला (रियलगर; आर्सेनिक डाइसल्फ़ाइड- As2S2)
- चिचिरी (पलेट्रान्थस कोएस्टा)
- नीम (अज़ादिराछा इंडिका)
- अधतोदा वासिका के पत्ते
धूतपापेश्वर नागा भस्म के इलाज इशारा
आयुर्वेदिक विज्ञान के अनुरूप ( accordingly ) नागा भस्म के निम्नलिखित इलाज इशारा हैं।
- हेटस हर्निया के कारण अम्लता ( खट्टापन ) और नाराज़गी
- प्लीहा इज़ाफ़ा
- पुराना कोष्ठबद्धता ( constipation )
- निरन्तर मूत्र आना
- पेशाब असंयम
- प्रदर
- रूमेटाइड आमवात
- पाईल्स ( बवासीर )
- लिगामेंट इंजरी
- नपुंसकता
- शुगर लेवल बनाए रखें
धूतपापेश्वर नागा भस्म की डोज़
नागा भस्म की साधारण डोज़ इस तरह है
बच्चे-2mg प्रति किलोग्राम बॉडी ( body ) के भार
वयस्क-125mg
ज़्यादा से ज़्यादा मुमकिन डोज़ - 500 मिलीग्राम ( mg ) प्रति दिन खंडित डोज़ में दो बार डेली मधु ( honey ), मक्खन या मिल्क क्रीम के साथ
एहतियात
यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
ओवरडोज से संजीदा दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इसका बहुत एहतियात से इस्तेमाल किया जाना चाहिए, केवल तभी जब अवधारित डॉक्टर द्वारा बहुत अनिवार्य पाया गया हो।
इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।