Dhootapapeshwar Shankha Bhasma (10g)

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Dhootapapeshwar Shankha Bhasma (10g)

बदहजमी/अम्ल/गैस

कारण

  • खा
  • चिंता ( anxiety )
  • लगातार व्रत
  • मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
  • पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं

लक्षण

  • ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
  • आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
  • उल्टी
  • मतली के एपिसोड
  • स्वेलिंग की अनुभूति

Nameधूतपापेश्वर शंख भस्म (10 ग्राम)
BrandDhootapapeshwar
MRP₹ 103
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), Bhasm & Pishti
Sizes10 ग्राम
Prescription RequiredNo
Length0 सेंटिमीटर
Width0 सेंटिमीटर
Height0 सेंटिमीटर
Weight0 ग्राम
Diseasesबदहजमी/अम्ल/गैस

धूतपापेश्वर शंख भस्म के बारे में

शंख भस्म (शंख भस्म के रूप में भी लिखा जाता है) शंख से तैयार एक आयुर्वेदिक इलाज है। आयुर्वेद ( ayurveda ) में, शंख भस्म सहायक डायरिया (ढीला पाखाना), पिम्पल्स, फुंसी, लीवर ( liver ) वृद्धि (हेपेटोमेगाली), स्प्लेनोमेगाली, आमाशय पीड़ा, बदहजमी, भूख न लगना, नाराज़गी, एसिड भाटा, आमाशय में खराबी और चिड़चिड़ा आंत सिंड्रोम ( syndrome ) है। इसके अनेक और सेहत फायदा और मेडिसिनल इस्तेमाल हैं।

धूतपेश्वर शंख भस्म की मटेरियल (रचना)

  • शुद्ध ( pure ) शंख (शुद्ध ( pure ) शंख)
  • नींबू का जूस
  • जल
  • Gharit Kumari

धूतपेश्वर शंख भस्म के इशारा

शंख भस्म निम्नलिखित सेहत परिस्थितियों में मददगार है।

  • एसिडिटी ( acidity )
  • भूख में अभाव
  • खट्टी ( sour ) डकार ( belching )
  • डायरिया
  • यकृत ( liver ) इज़ाफ़ा
  • प्लीहा इज़ाफ़ा
  • गैस या आमाशय फूलना
  • स्वेलिंग
  • उदर विस्तार
  • मुंहासे या फुंसी
  • हिचकी
  • शंख को आंतों की भिन्न-भिन्न तरह की स्वेलिंग और इनफ़ेक्शन में भी फायदा के लिए जाना जाता है।
  • शंख अपने एंटासिड गुण के साथ एसिड बदहजमी ट्रीटमेंट ( treatment ) के लिए काम करता है और भिन्न-भिन्न तरह के आमाशय पीड़ा में इसके फायदों के लिए जाना जाता है।
  • एसिड भाटा की प्रॉब्लम्स में इसका बहुत बढ़िया इस्तेमाल किया जाता है।
  • भिन्न-भिन्न तरह के चर्म बिमारियों में भी शंख फायदा करता है।
  • यह पिंपल्स में इसके ज़्यादा से ज़्यादा फायदा के लिए जाना जाता है जो कि बच्चे के पहली बार युवावस्था में आने पर शीघ्र दिखाई देते हैं।
  • शंख लीवर ( liver ), प्लीहा आदि के विकृतियों में भी फायदा के लिए जाना जाता है।
  • शंख एक नीरोग और अच्छी तरह से बैलेंस्ड मन और बॉडी ( body ) प्राप्त करने में सहायता करता है।
  • शंख भिन्न-भिन्न तरह के गैस्ट्रिक ( gastric ) विकृतियों में फायदा के लिए भी जाना जाता है और इस तरह ऐसा करने से चयापचय की दर बढ़ जाती है।
  • चूंकि इसमें कैल्शियम ( calcium ) की मात्रा ( quantity ) बहुत ज्यादा होती है, इसलिए इसे कैल्शियम ( calcium ) की अभाव से होने वाले भिन्न-भिन्न बिमारियों में सर्वश्रेष्ठ फायदा देने के लिए जाना जाता है।
  • शंख में फास्फोरस की मात्रा ( quantity ) भी होती है, इसलिए यह अस्थियों और दांतों दोनों के लिए लाभदायक माना जाता है।
  • शंख को ब्रोन्कोपमोनिया (विशेषकर शिशुओं में) के लिए एक उत्कृष्ट ट्रीटमेंट ( treatment ) के रूप में भी जाना जाता है।
  • शंख को घनास्त्रता जैसे गुणों के लिए भी जाना जाता है, इसलिए इसका इस्तेमाल किसी भी तरह के ब्लीडिंग विकृतियों से दुःखित होने पर भी किया जाता है।
  • शंख भिन्न-भिन्न तरह के स्किन बिमारियों में भी कुष्ठ बीमारी के रूप में सहायक है।
  • पित्त त्रुटि के कारण भिन्न-भिन्न तरह के बिमारियों से दुःखित होने पर शंख फायदा के लिए जाना जाता है।
  • शंख बॉडी ( body ) पर इसके कायाकल्प प्रभाव ( effect ) के लिए भी जाना जाता है।
  • साथ ही जिगर ( liver ) और प्लीहा की काम योग्यता को बढ़ाता है।
  • जो लोग भिन्न-भिन्न तरह की हाज़मा रिलेटिव प्रॉब्लम्स से दुःखित हैं, उनके लिए यह एक बहुत बढ़िया इलाज है।
  • आमाशय में वात के स्तर को भी कम करता है और इस तरह किसी भी तरह के पीड़ा, बदहजमी या आमाशय फूलने से बचाता है।
  • भिन्न-भिन्न तरह के पीड़ा और स्वेलिंग में भी लाभकारी माना जाता है।

धूतपेश्वर शंख भस्म की डोज़

  • उम्र ग्रुप (बच्चों में) -10 मिलीग्राम ( mg ) से 30 मिलीग्राम ( mg )
  • उम्र ग्रुप (शिशुओं में) -60 मिलीग्राम ( mg )
  • उम्र ग्रुप (वयस्कों में)-125mg
  • मीडियम डोज़ (वयस्क) -125 मिलीग्राम ( mg ) से 500 मिलीग्राम ( mg )
  • मीडियम डोज़ (बच्चे) -60 मिलीग्राम ( mg ) से 250 मिलीग्राम ( mg )
  • ज़्यादा से ज़्यादा मुमकिन डोज़-1000mg

धूतपेश्वर शंख भस्म की सतर्कता

यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।

इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।

ओवरडोज से संजीदा दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।

प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इसका बहुत एहतियात से इस्तेमाल किया जाना चाहिए, केवल तभी जब अवधारित डॉक्टर द्वारा बहुत अनिवार्य पाया गया हो।

इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।

शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।

सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।